इन किसानों को नहीं मिलेगी गन्ना खरीद की पर्ची, जानें, वजह

Share Product प्रकाशित - 23 Nov 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

इन किसानों को नहीं मिलेगी गन्ना खरीद की पर्ची, जानें, वजह

सरकार ने अवशेष प्रबंधन पर अपनाया सख्त रूख, अब लगेगा भारी जुर्माना

इस समय गन्ना खरीदी का काम जारी है। किसानों को गन्ना खरीद पर्ची (Sugarcane purchase slip) के मैसेज भेजे जाने लगे हैं। इसी बीच सरकार ने एक अहम फैसला लिया है जिसमें अवशेष प्रबंधन (Residue management) पर सख्त रूख अपनाते हुए ऐसे गन्ना किसानों को गन्ना खरीद पर्ची (Sugarcane purchase slip) नहीं देने को कहा है जो किसान कटाई के बाद खेत में बचे गन्ने के अवशेषों को जला देते हैं। हर साल गन्ने की कटाई के बाद दूसरी फसल बाेने की जल्दी में किसान फसल अवशेषों को खेत में ही जला देते हैं। इससे वायु प्रदूषण की समस्या बढ़ती ही जा रही है। इसे देखते हुए यूपी, हरियाणा, पंजाब की सरकारों ने इसकी रोकथाम के लिए अपने यहां अवशेष प्रबंधन को जरूरी कर दिया है। इतना ही नहीं फसल अवशेष जलाने वाले किसानों पर जुर्माना और सजा का भी प्रावधान किया गया है।

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इसके बावजूद भी फसल अवशेष (पराली) जलाने की समस्या बनी हुई है। इसमें सबसे ज्यादा फसल अवशेष जलाने की घटनाएं पंजाब में हुई है। इसके बाद हरियाणा व यूपी का नंबर आता है। इससे इन राज्यों से लगते हुए क्षेत्रों सहित राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है। यहां हवा जहरीली होती जा रही है और लोगों का सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है। वहीं लोगों को इस प्रदूषित हवा के कारण अस्थमा की शिकायत हो रही है। इस समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार ने उन किसानों को गन्ना खरीद पर्ची (Sugarcane purchase slip) नहीं देने का फैसला किया है जो खेत में गन्ने के अवशेषों को जलाते हैं। किसानों को गन्ना खरीद पर्ची तभी दी जाएगी जब वह गन्ना अवशेष को नहीं जलाने का प्रमाण देंगे और फसल अवशेषों का सही तरीके से निस्तारण करेंगे।

धान की पराली और गन्ना की पत्तियां जलाने से बढ़ रहा है वायु प्रदूषण

देश की राजधानी दिल्ली और यूपी में नोएडा, गाजियाबाद, आगरा, मथुरा, कानपुर और लखनऊ सहित अधिकांश शहरों में वायु प्रदूषण की समस्या बनी हुई है जिससे लोग परेशान है। सरकार ने वायु प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी के लिए धान की पराली और गन्ने की पत्तियों को जलाने की घटनाओं को जिम्मेदार ठहराया है। इस संबंध में हाल ही में यूपी के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर ने सभी जिला प्रशासन के साथ हालात की समीक्षा की है। इसमें धान की पराली जलाने वाले किसानों से जुर्माना वसूलने और गन्ना की पत्ती जलाने वाले किसानों को गन्ना खरीद पर्ची (Sugarcane purchase slip) नहीं देने के निर्देश दिए हैं।

फसल अवशेष जलाने की घटनाओं के लिए अधिकारी होंगे जिम्मेदार

मुख्य सचिव मिश्र की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये राज्य के सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की साप्ताहिक समक्षा बैठक में कृषि, ऊर्जा एवं राजस्व सहित अन्य विभागों की समीक्षा की गई। इस दौरान मुख्य सचिव ने फसल अवशेषों को जलाने से बढ़ रही वायु प्रदूषण की समस्या पर चिंता जताई। इसी के साथ मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि दिल्ली एनसीआर सहित किसी भी जनपद में पराली या कचरा जलाने की घटनाओं पर रोक लगनी चाहिए। इस संबंध में मुख्य सचिव ने जिला एवं पुलिस प्रशासन को लगातार सक्रिय रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जहां भी फसल अवशेष (पराली) या कचरा जलाने की घटनाएं होती है तो इसके लिए संबंधित अधिकारी और कर्मचारी जिम्मेदार होंगे। ऐसे अधिकारी व कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।

फसल अवशेष जलाने वाले किसानों पर लगेगा भारी जुर्माना

मुख्य सचिव ने कहा कि पराली सहित अन्य फसल अवशेष जलाने वाले किसानों के विरूद्ध जुर्माना राशि वसूलने का प्रावधान किया गया है। इसके तहत 2 एकड़ से कम रकबे वाले किसानों पर 2500 रुपए का जुर्माना वसूला जाएगा। वहीं 2 से 5 एकड़ रकबे वाले किसानों पर 5,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। इसी प्रकार 5 एकड़ से अधिक जोत वाले किसानों पर 15,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। इसी के साथ ही उन्होंने बताया कि फसल अवशेष या कचरा जलाने की घटना को दोहराने वाले किसानों व अन्य लोगों पर लगाए जाने वाले जुर्माने की राशि को बढ़ाया भी जा सकता है।

यहां फसल अवशेष नहीं जलाने पर किसानों को मिलेगी सब्सिडी

हरियाणा में भी धान की पराली जलाने की घटनाएं हुई है। इसे देखते हुए यहां के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कृषि विभाग के अधिकारियों को एक बड़ा निर्देश दिया है। इसमें अवशेष प्रबंधन के लिए राज्य में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को सब्सिडी देने का निर्देश दिया है। इसके अलावा पराली नहीं जलाने वाले किसानों को सब्सिडी समय पर जारी करने के निर्देश भी दिए गए हैं। बता दें कि हरियाणा में राज्य सरकार की ओर से धान की सीधी बुवाई करने वाले किसानों को 1000 रुपए का अनुदान दिया जाता है। इसके लिए किसान को मेरी फसल, मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इसके अलावा राज्य में फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम के तहत किसानों को 50 से 60 प्रतिशत सब्सिडी पर फसल अवशेष प्रबंधन के उपकरण जैसे- हैप्पी सीडर, रोटरी डिस्क ड्रिल, जीरो टिल ड्रिल, मल्चर आदि कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जाते हैं।

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पंजाब में भी पराली जलाने पर सख्ती

पंजाब सरकार भी अपने यहां पराली जलाने वाले किसानों पर सख्ती दिखा रही है। इसके तहत यहां ऐसे किसानों पर एफआईआर दर्ज करने के साथ ही जुर्माना भी वसूला जा रहा है। इसके बावजूद भी यहां पराली की घटनाएं रूक नहीं रही हैं। राज्य में पराली जलाने का आंकड़ा 35,606 तक पहुंच गया है। यदि बात की जाए नवंबर माह की तो यहां 10 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट की फटकार के पहले पराली जलाने की कुल 20,978 घटनाएं हुई। इसमें से 18 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इसके बाद पिछले 11 दिन के दौरान 1084 एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। वहीं 340 मामलों की राजस्व रिकार्ड में रेड एंट्री की गई।

किसानों के लिए क्यों जरूरी है गन्ना खरीद पर्ची

किसानों को चीनी मिलों को गन्ना बेचने में कोई परेशानी नहीं हो। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से ई-गन्ना पर्ची सिस्टम (e-cane slip system) शुरू किया गया है। इसके माध्यम से किसान अपने गन्ने की सप्लाई से संबंधित सभी जानकारियां होती है। गन्ना खरीद पर्ची (Sugarcane purchase slip) को गन्ना पर्ची कैलेंडर (sugarcane slip calendar) भी कहा जाता है। इसके जरिये किसान अपने चीनी मिल से संबंधित सर्वे, टोल भुगतान, विकास संबंधित समस्या आदि की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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