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मुर्गी फार्म के लिए नई गाइडलाइन हुई जारी, इन नियमों का करें पालन

प्रकाशित - 03 Dec 2023

जानें, मुर्गी पालन के लिए नई गाइडलाइन में क्या है नियम

मुर्गी पालन (poultry) अब बहुत अधिक लाभ का बिजनेस माना जाने लगा है। ग्रामीण क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि शहरों में भी मुर्गी पालन का बिजनेस तेजी से बढ़ रहा है। गर्मियों की अपेक्षा सर्दियों में इस बिजनेस से डबल मुनाफा प्राप्त होता है। ऐसा इसलिए की अंडे और चिकन की मांग सर्दियों में गर्मियों की अपेक्षा अधिक रहती है। मुर्गी पालन का काम दो तरह से होता है एक बैकयार्ड और दूसरा कमर्शियल। इसमें से जो लोग मुर्गी पालन का बिजनेस करने के लिए पोल्ट्री फार्म (poultry farm) खोलते हैं उनके लिए सरकार की ओर से गाइडलाइन दी गई है। वहीं राज्य सरकार की ओर से पोल्ट्री फॉर्म से संबंधित नई गाइडलाइन भी जारी कर दी गई है। ऐसे में यदि आपने भी मुर्गी पालन के लिए पोल्ट्री फार्म खोल रखा है तो आपको इस गाइडलाइन का पालन करना होगा अन्यथा आप पर कार्रवाई भी की जा सकती है। आपके पोल्ट्री फार्म को बंद भी कराया जा सकता है, तो आइए, आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से जानते हैं पोल्ट्री फार्म के लिए नई गाइडलाइन क्या है।

क्या है मुर्गी फार्म के लिए गाइडलाइन (What is the guideline for poultry farm)

मुर्गी फार्म जिसे पोल्ट्री फॉर्म भी कहा जाता है। जहां व्यावसायिक स्तर पर मुर्गी का पालन किया जाता है। वहां गंदगी और इससे प्रदूषण बढ़ने की संभावना अधिक हो जाती है, ऐसे में सरकार की ओर से पोल्ट्री फॉर्म संचालकों के लिए मुर्गी पालन से संबंधित नियम इस नई गाइडलाइन में दिए गए हैं। पोल्ट्री फॉर्म के लिए नई गाइडलान में जो नियम दिए गए हैं, इस प्रकार से हैं

  • राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद की गाइडलाइन के मुताबिक 5000 या इससे अधिक कुक्कुट यानी मुर्गी पालन के लिए प्रदूषण प्रमाण-पत्र देना अनिवार्य है।
  • जिस जगह मुर्गी पालन के लिए पोल्ट्री फॉर्म खुला है उसके 500 मीटर की दूरी तक कोई आवासीय क्षेत्र नहीं होना चाहिए।
  • पोल्ट्री फार्म की वृहद जल स्त्रोत जैसे- नदी, झील, कुआं और पानी के स्टोरेज टैंक से दूरी कम से कम 100 मीटर होनी चाहिए।
  • नेशनल हाईवे से 100 मीटर, स्टेट हाईवे से 50 मीटर और ग्रामीण सड़क से कम से कम 10 मीटर की दूरी होनी अनिवार्य है।
  • पोल्ट्री फार्म के शेड से चार दीवारी की दूरी 10 मीटर होनी चाहिए।
  • मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी से जमीन के निरीक्षण की एनओसी लेना जरूरी है।
  • पोल्ट्री फार्म के ऊपर से हाइटेंशन लाइन नहीं होनी चाहिए।
  • स्कूल, कॉलेज और किसी भी धार्मिक स्थल से 500 मीटर की दूरी तक कोई पोल्ट्री फार्म नहीं होना चाहिए।
  • पोल्ट्री फार्म में बिजली की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए।
  • पोल्ट्री फार्म की जमीन समतल होनी चाहिए।
  • मुर्गियों के शेड की जाली वाली साइड उत्तर से दक्षिण में होनी चाहिए।
  • पोल्ट्री फार्म का शेड जमीन से आधा मीटर ऊपर होना चाहिए।
  • पोल्ट्री फार्म जल भराव वाली भूमि पर नहीं होना चाहिए।

पोल्ट्री फॉर्म के लिए कितनी मिलती है सब्सिडी (How much subsidy is available for poultry farm)

राज्य सरकार की ओर से समेकित मुर्गी पालन विकास योजना (Integrated Poultry Development Scheme) चलाई जा रही है। इसके तहत किसानों को मुर्गी पालन फार्म खोलने के लिए सब्सिडी और लोन के ब्याज में छूट का लाभ प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत 5 से 10 हजार लेयर मुर्गी वाले फार्म को खोलने के लिए सब्सिडी दी जाती है। इस योजना के तहत मुर्गी पालन के लिए 30 से 40 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। इसी के साथ बैंक लोन के ब्याज पर भी 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। इस योजना के तहत सामान्य वर्ग को पशुपालन विभाग की ओर से 10,000 लेयर मुर्गी क्षमता, फीड मील के लिए प्रति इकाई लागत एक करोड़ रुपए निर्धारित की गई है। इस पर विभाग द्वारा सामान्य वर्ग को लागत का 30 प्रतिशत या अधिकतम 30 लाख रुपए का अनुदान दिया जाता है। वहीं 5000 लेयर मुर्गी क्षमता, फीड मील सहित के लिए प्रति इकाई लागत 48.50 लाख रुपए निर्धारित की गई है जिस पर 30 प्रतिशत या अधिकतम 14.55 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाती है। इसी के साथ बैंक लोन पर भी ब्याज में चार सालों के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। वहीं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अत्यंत पिछड़ा वर्ग को 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। यानी सामान्य वर्ग से 10 प्रतिशत ज्यादा सब्सिडी दी जाती है। समेकित मुर्गी पालन विकास योजना का लाभ बिहार राज्य के पात्र लाभार्थी उठा सकते हैं। 

पोल्ट्री फार्म खोलने पर कितनी हो सकती है कमाई (How much can be earned by opening a poultry farm)

नाबार्ड के मुताबिक एक यदि आप ब्रायलर फार्मिंग करते हैं इससे करीब 70 लाख रुपए तक की कमाई कर सकते हैं। जबकि इसमें आपका खर्चा 64 से 65 लाख रुपए तक हो सकता है। यह खर्चा चूजे की खरीद, दाना, दवाइयां, शेड का किराया, बिजली बिल, ट्रांसपोर्टेशन, इंशोयरेंस आदि में होता है। इस तरह आप इस बिजनेस से 4 से 5 महीने में करीब 15 लाख रुपए की कमाई आसानी से कर सकते हैं।
 

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