प्रकाशित - 07 May 2023
पारंपरिक खेती की अपेक्षा कई किसान नई और बाजार मांग के अनुरूप की जाने वाली खेती की तरफ जा रहे हैं। अनाज, सब्जी आदि की खेती में मौसमी अनिश्चितताओं की वजह से किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है। यही वजह है कि बहुत सारे किसान सामान्य अनाजों की खेती की बजाय बागवानी पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। एक ऐसे ही प्रगतिशील किसान अभिजीत गोपाल लवांडे हैं, जो अंजीर की खेती कर हर साल 10 लाख रुपए कमा रहे हैं। अभिजीत ने अपने 30 बीघा जमीन पर खेती करते हुए 14 टन अंजीर का उत्पादन किया। और इस साल 10 लाख रुपए का मुनाफा कमाया। बता दें कि अभिजीत पुणे के सिंगापुर जिले के रहने वाले हैं। कोरोना काल में अभिजीत की नौकरी चली गई तो उन्होंने खेती करने की सोची। अंजीर की खेती से शुरुआत करते हुए, उन्होंने इस खेती में कई नई तकनीकों का समावेश कर उत्पादन बढ़ाया और आज इस खेती की वजह से अभिजीत इस लेवल तक सफलता प्राप्त कर पाए हैं। कोरोना के कठिन समय में हताश होकर बैठने की जगह अभिजीत ने खेती की शुरुआत कर हजारों किसानों के प्रेरणा के स्रोत बने।
ट्रैक्टर जंक्शन के इस पोस्ट में हम प्रगतिशील किसान अभिजीत गोपाल लवांडे के सफलता की कहानी बता रहे हैं। कैसे अभिजीत ने अंजीर की खेती (Fig Farming) की, किस तरह वह इतना अच्छा मुनाफा कमा पाएं आदि की भी विशेष चर्चा करेंगे।
अभिजीत पुणे में ही एक कंपनी ने नौकरी करते थे। कोरोना काल में अभिजीत की जॉब चली गई। इस मुश्किल समय में उन्होंने कृषि को ही आजीविका के दूसरे साधन के तौर पर देखा। हालांकि अभिजीत के परिवार में पहले भी खेती होती थी। टमाटर, बैंगन, पावटा और अन्य सब्जियों की खेती होती थी। लेकिन इन फसलों की खेती (Cultivation of Crops) से अभिजीत के परिवार वालों को अतिवृष्टि और अकाल की वजह से काफी नुकसान भी झेलना पड़ा। अभिजीत के पिता और चाचा दोनो को मिला कर उनके पास कुल 9 एकड़ पुश्तैनी जमीन थी। अभिजीत ने आधुनिक तकनीक से अंजीर की बागवानी शुरू की। अंजीर की खेती से अभिजीत को एक नई पहचान मिली। यही वजह है कि इस युवा प्रगतिशील किसान को सरकार की ओर से भी इनके बेहतरीन कार्यों के लिए 3 लाख 30 हजार रुपए का अनुदान दिया गया।
अभिजीत ने 30 बीघा जमीन पर अंजीर की खेती की, इससे 14 टन अंजीर का उत्पादन हो पाया। पहले ही सीजन में इतना उत्पादन से अभिजीत को बड़ा मुनाफा हुआ। अगर भाव की बात करें तो इस सीजन में अंजीर का रेट 80 से 100 रुपए प्रति किलो रहा। अभिजीत की उपज वाले उत्पाद को पुणे, मुंबई और हैदराबाद जैसे शहरों में 100 से ज्यादा कीमत मिली। इससे लवंडे परिवार को 10 लाख रुपए का आमदनी पिछले एक साल में हो पाया है।
अंजीर के अच्छे किस्म और अच्छी क्वालिटी के अंजीर के उत्पादन की वजह से अभिजीत के परिवार की मेहनत रंग लाई। और एक और व्यापार का रास्ता खुल गया। लवंडे परिवार से बहुत सारे किसानों ने अंजीर के पौधों की मांग की, जिससे उन्होंने अपना एक नर्सरी का बिजनेस भी शुरू कर दिया। इससे भी काफी अच्छी आमदनी हो रही है।
अंजीर का उपयोग में और बाजार मांग को देखते हुए बहुत सारे किसान इसकी खेती कर रहे हैं। अंजीर का फल स्वादिष्ट, स्वास्थ्यवर्धक होता है। इसका उपयोग औषधीय रूप में भी किया जाता है। अंजीर की खेती (Fig Farming) करने के लिए उपयुक्त मिट्टी, जलवायु और उपयुक्त तापमान की जरूरत होती है। मिट्टी की बात करें तो उचित जल निकास वाली हल्की दोमट मिट्टी इस फसल के लिए अच्छी होती है। मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के बीच होना अच्छा होता है। साथ ही तापमान की बात करें तो 25 डिग्री से 35 डिग्री का तापमान इसके लिए उपयुक्त है। सर्दी या ठंड का मौसम अंजीर के उत्पादन के लिए नुकसानदायक है। बारिश और सिंचाई की बेहद सामान्य जरूरत पड़ती है।
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