प्रकाशित - 22 Oct 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
बैंक खाता धारकों के लिए आरबीआई की ओर से एक बड़ा अपडेट आया है। बैंक खाता धारक अक्सर इस बात को लेकर असमंजस में होते हैं कि उन्हें अपने बैंक अकाउंट में कितनी राशि रखनी चाहिए ताकि उनका अकाउंट ब्लॉक न हो और उनका किसी भी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क भी न लगे। साथ ही कई बैंक खाताधारकों का यह भी सवाल होता है कि क्या किसी भी प्रकार का ट्रांजेक्शन लंबे समय तक न हो तो भी खाता बंद हो सकता है? वर्तमान में बहुत से लोगों के 2-2 बैंक खाते या इससे भी ज्यादा बैंक खाते हैं इनको लेकर सरकार या आरबीआई का क्या नियम है? अकाउंट ब्लॉक होने के और भी कई कारण हो सकते हैं।
ट्रैक्टर जंक्शन के इस पोस्ट में इन्हीं सवालों का जवाब आपको मिलेगा और बैंक खाते में कितनी राशि रखनी चाहिए ताकि कोई शुल्क न लगे इसके बारे में भी हम बताएंगे।
बैंक खाता खोलना ही सबकुछ नहीं है। दरअसल बैंक खाते में अगर लंबे समय तक कोई भी एक्टिविटी नजर नहीं आती तो ऐसे में बैंक खाता धारकों के लिए कुछ नियम निर्धारित हैं। इन नियमों को जानना बहुत जरूरी है। चालू, बचत या वेतन कोई भी खाता हो, सबके लिए आरबीआई द्वारा नियम निर्धारित है। इन नियमों को समझना बेहद जरूरी है।
आरबीआई कहता है कि अगर किसी बैंक खाताधारक का अकाउंट 2 साल से एक्टिव नहीं हैं यानी अगर किसी भी प्रकार का ट्रांजेक्शन नहीं हुआ है तो ऐसे में बैंक उस कस्टमर का अकाउंट ब्लॉक यानी निष्क्रिय कर सकता है। अक्सर लोग नए खाते बनाने के बाद पुराने खाते को नजरंदाज कर देते हैं। लंबे समय तक लेनदेन न होने पर बैंक खाता को निष्क्रिय कर दिया जाता है। कई बार जॉब चेंज या स्थान में परिवर्तन के बाद लोगों का बैंक अकाउंट भी बदल जाता है। ऐसे में उन खातों को बैंक बंद कर देती है।
बैंक में कम से कम कितना पैसा रखना चाहिए यह बैंक के प्रकार पर निर्भर करता है। कई प्राइवेट बैंक हैं, जहां न्यूनतम 6000 से 12000 रुपए तक रखना जरूरी होता है। चूंकि यह बैंक ग्राहकों को काफी अच्छी सर्विस देते हैं तो यह कस्टमर से भी उम्मीद करता है कि कस्टमर यहां ज्यादा पैसा रखें ताकि बैंक को भी अच्छा मुनाफा हो। वहीं अब चीजें डिजिटल हो रही है, ऐसे में अब बैंक की भागदौड़ करना बहुत ज्यादा जरूरी नहीं है। एटीएम, मोबाइल नेट बैंकिंग, चेकबुक ऑर्डर, यूपीआई पेमेंट काफी आसान हो गया है, यही वजह है कि बैंक जाकर अब सर्विसेज लेने की जरूरत बहुत कम हो गई है। यही वजह है कि अब प्रीमियम कस्टमर सरकारी बैंकों में भी खाते खुलवा रहे हैं। सरकारी बैंकों में न्यूनतम बैलेंस की सीमा बहुत कम होती है। ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी बैंकों में आप मात्र 500 रुपए रख कर भी खाते को चालू रख सकते हैं। शहरी इलाकों में आप अधिकतम 1000 रुपए तक रख कर खाता को चालू रख सकते हैं।
बैंक खाते के बंद होने का बड़ा कारण होता है लंबे समय तक बैंक खाते में किसी भी प्रकार का ट्रांजेक्शन न होना। अगर 2 साल तक बैंक खाते में किसी भी प्रकार का ट्रांजेक्शन रिकार्ड नहीं किया जाता तो बैंक उस खाते को बंद कर सकती है। वहीं बैंक खाता ब्लॉक होने का दूसरा कारण न्यूनतम बैलेंस की लिमिट को पूरा न करना भी होता है। आप मिनिमम बैलेंस को मैनेज नहीं करते हैं तो बैंक खाता ब्लॉक हो सकता है। इसके अलावा बैंक खाता ब्लॉक होने के कुछ कानूनी कारण भी हो सकते हैं।
बैंक खाता बंद होने पर इसे चालू कराने की प्रक्रिया बेहद आसान है। सरकारी बैंकों में इन खातों को चालू करने पर न्यूनतम चार्ज 109 रुपए के लगभग लगता है। जबकि प्राइवेट बैंकों में बैंक खाता बंद होने पर उसे दुबारा ओपन करने पर 250 से 500 रुपए तक चार्ज किया जाता है। आप बैंक जाकर अपने बंद हुए खाते को दुबारा चालू करवा सकते हैं। अकाउंट निष्क्रिय होने पर केवाईसी दस्तावेजों को दोबारा पूरा करना जरूरी होता है।
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