प्रकाशित - 10 Oct 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
सरकार की ओर से किसानों और पशुपालकों के लिए अनेक लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही है। इन योजनाओं के माध्यम से सरकार उन्हें सब्सिडी का लाभ (benefit of subsidy) प्रदान करती है ताकि वे सस्ती दर पर कृषि व पशुपालन में काम आने वाली वस्तुओं या पशुओं खरीद कर सकें। इन्हीं योजनाओं में से एक योजना पशुपालकों के लिए चलाई जा रही है। इस योजना के तहत पशुपालक उत्तम नस्ल की अधिक दूध देने वाली गाय की खरीद कर सकते हैं। खास बात यह है कि उत्तम नस्ल की गाय की खरीद के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी (subsidy) का लाभ पशुपालकों को दिया जा रहा है। इस योजना के तहत पशुपालकों को 80,000 रुपए की सब्सिडी (subsidy) दी जा रही है। इसके योजना के तहत आप दो उत्तम नस्ल की गाय खरीद सकते हैं जिस पर शासन की ओर से अधिकतम अनुदान 80,000 रुपए दिया जाएगा। इच्छुक पशुपालक किसान इस योजना का लाभ उठाकर गाय की टॉप 3 नस्ल की खरीद कर सकते हैं।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको उत्तम नस्ल की अधिक दूध देने वाली गाय की टॉप तीन नस्लों के बारें में जानकारी देने के साथ ही सरकार की ओर से इनकी खरीद पर दी जाने वाली सब्सिडी (subsidy) की राशि प्राप्त करने के लिए कैसे आवेदन करना है और इसके लिए आपको किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी आदि बातों की जानकारी आपको दे रहे हैं।
राज्य सरकार की ओर से किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से स्वदेशी गौ संर्वधन योजना (Swadeshi Cow Promotion Scheme) चलाई जा रही है। इसके तहत पशुपालक किसानों को गाय खरीदने के लिए सरकार सब्सिडी (subsidy) प्रदान कर रही है। खास बात यह है कि इस योजना के तहत पशुपालक उत्तम नस्ल की दो गाय खरीदने के लिए 80,000 रुपए तक की सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। इस तरह इस योजना के जरिये आप सरकारी मदद से गाय खरीदकर अपनी आय में इजाफा कर सकते हैं। किसान खेती के साथ ही पशुपालन करके अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं।
गाय की जिन नस्लों की खरीद पर यह सब्सिडी (subsidy) दी जा रही है, उनमें गिर, थारपारकर और साहीवाल गाय प्रमुख हैं जिन पर शासन की ओर से पशुपालक किसानों को सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा है। बता दें कि यह तीन नस्ल की गाय अधिकतर हरियाणा, दिल्ली और पंजाब में पाई जाती हैं। यदि आप यहां से इन नस्ल की गाय खरीदकर लाकर पालते हैं तो आपको सरकार की ओर से अनुदान का लाभ प्रदान किया जाएगा।
गाय की गिर, थारपारकर और साहीवाल गाय की नस्ल पर राज्य सरकार किसानों को प्रति गाय 40,000 रुपए की सब्सिडी (subsidy) दी जा रही है। इसके लिए आपको 2 लाख की ऐसी दो गाय खरीदनी होगी जो 10 से 12 लीटर दूध देती हो। उनके रखने के लिए टीन शेड और घास काटने की मशीन भी खरीदनी होगी। इस योजना के तहत आपको 3 साल का पशुबीमा भी मिलेगा। इसके लिए सरकार की ओर से लाभार्थी को 80,000 रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। शेष राशि यानि 1 लाख 20 हजार राशि आपको अपनी जेब से खर्च करनी होगी।
यदि आप स्वदेशी गौ संर्वधन योजना (Swadeshi Cow Promotion Scheme) के तहत उत्तम नस्ल की गाय खरीदने के लिए आवेदन करते हैं तो पहले आपके द्वारा भरे गए आवेदन का सत्यापन किया जाएगा। यदि सब कुछ सही रहा तो आवेदन के एक महीने अंदर आपके खाते में सब्सिडी का भुगतान किया जाएगा। इस योजना में महिलाओं को 50 प्रतिशत तक प्राथमिकता दी जाएगी। यानि महिला लाभार्थी यदि इस योजना का लाभ लेना चाहती है तो उसे सबसे पहले इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
राज्य सरकार की ओर से स्वदेशी गौ संर्वधन योजना के तहत गाय की उत्तम नस्ल गिर, थारपारकर और साहीवाल की खरीद पर सब्सिडी दी जा रही है। योजना के तहत आवेदन करने से पहले आपको इन उत्तम नस्ल की गायों की विशेषता और दूध के उत्पादन के बारें में भी जान ले चाहिए ताकि आप खुद इन तीनों में से सही गाय की नस्ल का चुनाव कर सकें। हम यहां उपरोक्त तीनों नस्ल की गायों की विशेषताएं और दूध देने की मात्रा का विवरण यहां दे रहे हैं, जो इस प्रकार से है-
गिर गाय की दूध देने की क्षमता दूसरी नस्ल की गायों के मुकाबले काफी अच्छी होती है। यदि इसकी सही तरीके से देखरेख व चारा पानी दिया जाए तो गिर गाय एक दिन में करीब 30 से लेकर 80 लीटर तक दूध दे सकती है। इसके दूध में 97 प्रतिशत ए 2 प्रोटीन पाया जाता है। इसके दूध में फैट की मात्रा 4.5 से लेकर 6 प्रतिशत तक होती है। इस गाय की रोग-प्रतिरोधक क्षमता काफी अच्छी होती है, ऐसे में यह गाय कम बीमार होती है। इसके दूध का बाजार भाव 250 रुपए लीटर तक है और इसके दूध से बने घी का बाजार भाव करीब 5,000 रुपए किलो तक है। यह गाय एक ब्यांत में 300 से अधिक दिन तक दूध दे सकती है। इस गाय की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह गाय विभिन्न प्रकार की जलवायु और गर्म स्थानों पर भी आसानी से रह लेती है।
गिर गाय के शरीर में गहरे लाल या चॉकलेटी रंग के धब्बे होते हैं जो इसकी पहचान होते हैं। ये आकार में अन्य गाय की तुलना में बड़ी होती है। इसके कान लंबे और नीचे की तरफ लटके हुए होते हैं।
थारपारकर गाय रोजाना 10 से लेकर 16 लीटर तक दूध दे सकती है। इस नस्ल की गाय की खास बात यह है कि जहां अधिक गर्मी के कारण गाय की दूसरी नस्ल कम दूध देना शुरू कर देती है, वहीं इस गाय के दूध में कोई अंतर नहीं आता है। यह गाय हर मौसम में एक समान दूध की उत्पादन देती है। इस गाय का औसत दूध उत्पादन 913 से लेकर 2147 लीटर प्रति ब्यांत होता है।
इस नस्ल की गाय देश में जोधपुर, कच्छ और जैसलमेल क्षेत्रों में पाई जाती हैं। इसे ग्रे सिंधी, वाइट सिंधी ओर थारी के नाम से भी जाना जाता है। इसके शरीर का रंग राख के जैसा होता है। यह आकार में मध्यम ओर इसका सिर चौड़ा होता है। इसके सींग वीणा के आकार के होते हैं जो किनारों पर से तीखे होते हैं। इसकी टांगे छोटी, पतली और पूंछ लंबी व बड़ा-चौड़ा कूबड़ होता है।
साहीवाल गाय रोजाना 10 से 16 लीटर दूध देती है। यह गाय एक दुग्धकाल के दौरान औसतन 2270 लीटर तक दूध दे सकती है। इसके दूध में वसा की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। खास बात यह है कि इसके रखरखाव पर बहुत कम खर्च आता है। वैज्ञानिक दृष्टि इस गाय का दूध काफी अच्छा माना जाता है।
इस गाय का रंग लाला या गहरे भूरे रंग का होता है। कभी-कभी इसके शरीर पर सफेद चमकदार धब्बे भी पाए जाते हैं। इसकी चमड़ी ढीली, सिर व सींग छोटे होते हैं। इसका शरीर आमतौर पर लंबा और मांसल होता है। इसकी टांगे छोटी होती हैं। इसकी पूंछ भी छोटी होती है। इसका स्वाभाव कुछ आलसी किस्म का होता है। इसकी खाल चिकनी होती है। इसकी पीठ पर बड़ा कूबड़ होता है।
गाय की इन टॉप नस्लों की खरीद पर सब्सिडी प्राप्त करने के लिए आप बड़ी ही आसानी से आवेदन कर सकते हैं। अभी यह योजना उत्तर प्रदेश में चलाई जा रही है। इसलिए अभी सिर्फ वहां के किसान पशुपालक ही इसमें आवेदन कर सकते हैं। इस योजना का लाभ इसकी आधिकारिक वेबसाइट http://www.animalhusb.upsdc.gov.in/hi/yaojanaaon या अपने जिले के पशुपालन केंद्र के माध्यम से इसके लिए आवेदन फार्म भरकर लिया जा सकता है। इसके लिए आपको अपने जिले के पशुपालन केंद्र जाना होगा। वहां से पशु खरीदने के लिए सब्सिडी का फॉर्म लेना होगा। अब इस फॉर्म में पूछी गई सभी जानकारी को सही से भरना होगा। इसके साथ आवश्यक दस्तावेजों को अटैच करना होगा। अब इस पूर्णरूप से भरे आवेदन फॉर्म को विकास भवन में पशु चिकित्सा अधिकारी, बीडीओ या सीडीओ ऑफिस में जमा कराना होगा।
गाय की टॉप 3 नस्लों पर सब्सिडी के लिए आवेदन हेतु आपको कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। योजना का फॉर्म भरते समय आपको जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, वे दस्तावेज इस प्रकार से हैं
इस योजना की अधिक जानकारी आप इसकी वेबसाइट http://www.animalhusb.upsdc.gov.in/hi/yaojanaaon पर विजिट कर सकते हैं या अपने नजदीकी पशुपालन विभाग से जाकर इस योजना के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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