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इन किसानों को बिना आधार प्रूफ के नहीं मिलेगा सब्सिडी का लाभ

प्रकाशित - 22 Mar 2024

जानें, किन किसानों के लिए सब्सिडी का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड किया गया है अनिवार्य

आज सभी सरकारी योजनाओं के लिए आधार कार्ड (Aadhar card) एक आवश्यक दस्तावेज बनता जा रहा है। हर सरकारी योजना में आवेदन करते समय आधार कार्ड की आवश्यकता होती है। आज हर फॉर्म में आधार कार्ड की कॉपी साथ लगाना जरूरी हो गया है। यहां तक कि किसानों के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही पीएम किसान योजना (PM Kisan Yojana), आयुष्मान योजना (Ayushman Yojana), कृषि यंत्र अनुदान योजना (agricultural equipment grant scheme), कृषि सिंचाई यंत्र अनुदान योजना (Agricultural Irrigation Equipment Subsidy Scheme) सहित अन्य सभी योजनाओं के फॉर्म भरने के लिए आधार कार्ड की जरूरत पड़ती है। ऐसे में आधार कार्ड (Aadhar card) को लेकर सरकार ने एक नया नियम पाम किसानों के लिए जरूरी किया है। इस नियम के तहत पाम किसान यदि अपने आवेदन के साथ आधार प्रूफ (Aadhaar proof) नहीं लगाएंगे तो उन्हें केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी (subsidy) का लाभ नहीं मिल पाएगा।

किन किसानों के लिए अनिवार्य किया गया है आधार प्रूफ देना (For which farmers it has been made mandatory to provide Aadhaar proof)

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने पाम किसानों के लिए आधार प्रूफ (Aadhaar proof) को अनिवार्य कर दिया है। यदि किसान पाम की खेती के लिए केंद्र सरकार की योजना के तहत सब्सिडी (subsidy) का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो उन्हें आधार कार्ड अपने आवेदन के साथ लगाना होगा। आधार जरूरी इसलिए किया जा रहा है क्योंकि सरकार सब्सिडी का पैसा सीधा किसानों के खाते में ट्रांसफर करेगी। इसके लिए किसानों का बैंक खाता आधार से लिंक होना जरूरी है। इसलिए जिन किसानों को पाम की खेती पर सब्सिडी चाहिए उन्हें अपने आधार की जानकारी देनी होगी। इसके अभाव में किसानों को सरकारी सब्सिडी (subsidy) का लाभ नहीं दिया जाएगा।

जिन किसानों के पास आधार नहीं, वे क्या करें (What should farmers do who do not have Aadhaar)

सरकार ने पाम किसानों के लिए आधार कार्ड (Aadhar card) की अनिवार्यता के साथ कुछ समय के लिए इन किसानों को नियम में ढील भी दी है। यदि किसी किसान के पास आधार कार्ड (Aadhaar card) नहीं है तो वह किसान जल्द बनवाएं। वहीं काेई किसान तत्काल सब्सिडी की योजना से वंचित न रह जाए इसके लिए सरकार ने विकल्प के रूप में आधार कार्ड की जगह पर कोई दूसरा पहचान दस्तावेज जमा कराने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल किसान वैकल्पिक तौर पर किसी भी पहचान पत्र के जरिये सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं लेकिन बाद में उन्हें आधार प्रूफ जमा कराना जरूरी होगा।

सरकार ने पाम तेल के उत्पादन का कितना तय किया है लक्ष्य

केंद्र सरकार की ओर से देश में पाम का उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से एक मिशन मोड पर काम किया जा रहा है। इसमें राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-ऑयल पाम NMEO-OP लॉन्च किया गया है। इस मिशन के तहत सरकार ने 2025-26 तक देश में 11.20 लाख टन कच्चा पाम तेल उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है। अभी भारत बड़ी मात्रा में पाम ऑयल का विदेशों से आयात करता है। इस पर अरबों रुपए खर्च होते हैं। इस मिशन की सहायता से भारत पाम ऑयल में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम कर रहा है ताकि पाम ऑयल के लिए विदेशों पर निर्भरता कम की जा सके। अभी इस मिशन के तहत देश के 15 राज्यों में काम किया जा रहा है। इसके लिए करीब 21.75 लाख हैक्टेयर भूमि पर खेती की जा रही है।

पाम किसानों को कैसे मिलेगा सब्सिडी का लाभ (How will palm farmers get the benefit of subsidy)

सरकार की ओर से इस मिशन के तहत पाम किसानों को सब्सिडी (subsidy) का लाभ प्रदान किया जाता है। इस सब्सिडी को वीजीपी या वायबिलिटी गैप पेमेंट कहा जाता है। किसानों को यह सब्सिडी (subsidy) देने के पीछे कारण यह है कि जब भी देश के बाजारों में कच्चे पाम तेल की कीमतें कम होती है, उस समय किसानों को नुकसान की भरपाई के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी (subsidy) दी जाती है। यह पैसा सरकार डीबीटी (DBT) के माध्यम से किसानों के खाते में ट्रांसफर करती है। इस सब्सिडी के लिए किसान के पास आधार नंबर जरूरी कर दिया गया है ताकि बिना रूकावट के किसान को पाम पर सब्सिडी का लाभ सीधा उसके खाते में मिल सके। ऐसे में आगामी समय में किसानों को पाम पर सब्सिडी के लिए आधार कार्ड देना होगा। हालांकि अभी फिलहाल किसान आधार की जगह पर कोई वैध वैकल्पिक पहचान पत्र का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन बाद में पाम किसानों को आधार नंबर की जानकारी देना जरूरी होगा तभी उन्हें सरकारी सब्सिडी का लाभ मिल सकेगा।

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