प्रकाशित - 29 Jun 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
ग्रामीण इलाकों में अधिकांश किसान खेती के साथ पशुपालन का काम भी करते हैं। इनमें महिला किसान भी खेती और पशुपालन में उनका सहयोग करती हैं। पशुपालन के अंतर्गत गाय, भैंस, बकरी, भेड़, मुर्गी आदि का पालन किया जाता है। इसमें से ग्रामीण इलाकों में बकरी पालन का काम अधिक किया जाता है। इसके पीछे का कारण ये हैं बकरी को पालने में काफी कम खर्च आता है और इसके आहार की भी कोई विशेष व्यवस्था नहीं करनी पड़ती है। इस तरह देखा जाए तो बकरी पालन कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाला काम है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए बकरी पालन से महिलाओं को जोडऩे के लिए महाराष्ट्र में एक विशेष योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत महिलाओं को बकरी बैंक के माध्यम से बहुत ही कम मूल्य पर बकरी उपलब्ध कराई जाती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको बकरी बैंक योजना महाराष्ट्र की जानकारी दे रहे हैं।
दरअसल महाराष्ट्र के पालघर में महिलाओं के लिए बकरी बैंक योजना शुरू की गई है। इस योजना के माध्यम से महिला किसानों को कई अवसर प्राप्त होंगे। इस योजना का संचालन महिला आर्थिक विकास निगम द्वारा किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के माध्यम से महिला किसानों को बकरी पालन के लिए बकरी उपलब्ध कराई जाती है और आवश्यकता पडऩे पर बकरी पालन का प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
इस बैंक के माध्यम से महिला किसानों को दो हजार रुपए में एक गर्भवती बकरी दी जाएगी। इसके लिए शर्त यह है कि बकरी के जितने बच्चें होंगे, उनमें से बच्चा बैंक को देना होगा। उसके बाद महिलाओं का बकरियों और आय पर पूरा नियंत्रण हो जाएगा। इस तरह महिलाएं इस बैंक के जरिए बकरी पालन का कारोबार शुरू करके पैसा कमा सकती हैं। यही नहीं बैंक की ओर से बकरी का बीमा और टीकाकरण का खर्च भी उठाया जाता है। इन सब विशेषताओं के कारण ये योजना यहां काफी लोकप्रिय हो रही है। बता दें कि पालघर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। जिले में कई ऐसी महिलाएं है जो छोटा-मोटा काम करके अपना परिवार चलाती है उनके लिए ये योजना काफी अच्छी है। वे इस योजना के माध्यम से अपना बकरी पालन का बिजनेस शुरू कर सकती है।
योजना में गरीब महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। ये बैंक काफी समय से इस प्रकार की योजना चला रहा है। यह योजना सबसे पहले महाराष्ट्र के अंकोला जिले में शुरू की गई थी। यहां के सांघवी मोहाली गांव में 52 साल के किसान नरेश देशमुख गोट बैंक ऑफ कारखेड़ा नाम का एक अनोखा बैंक चला रहे हैं। एकीकृत खेती को बढ़ावा देने वाला यह बैंक लोन में बकरी मुहैया कराता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर बकरी लोन के इच्छुक किसान को 1,200 रुपए का पंजीकरण शुल्क देना होता है। इसके बाद लोन की शर्तों के मुताबिक व्यक्ति को बकरी दी जाती है। शर्त के अनुसार 40 महीने की समय सीमा के भीतर व्यक्ति को 4 बकरी के बच्चे देने होते हैं। देशमुख बताते हैं कि उन्हें इस अनूठे बकरी बैंक को खोलने की प्रेरणा दो साल पहले बकरी पालन करने वाले मेहनती और ईमानदार मजदूरों के परिवारों से मिली। उनके मुताबिक आर्थिक रूप से कमजोर किसान बकरी पालन के जरिए अपने घर का खर्च, बच्चों की पढ़ाई, और शादी आदि का खर्च आसानी से उठा लेते हैं।
इसी को देखते हुए उन्होंने जुलाई 2018 में यह बैंक शुरू किया था। 40 लाख रुपए के शुरुआती निवेश से उन्होंने 340 वयस्क बकरियों को खरीदा और बकरी पालन करने वाले परिवारों का लोन में बकरी दे दी। देशमुख का अनुमान है कि उनकी इस योजना के माध्यम से किसान 2.5 लाख रुपए तक का मुनाफा कमा रहे हैं.। बता दें, देशमुख पंजाब राव कृषि विद्यापीठ से ग्रेजुएट हैं और अपनी बैंक में 1200 से अधिक डिपॉजिटर्स रखते हैं।
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