प्रकाशित - 19 Nov 2023
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
पीएम किसान योजना (PM Kisan Yojana) केंद्र सरकार की ऐसी योजना है जिसके तहत किसानों को सीधा लाभ मिलता है। इस योजना के तहत हर साल 6,000 रुपए राशि बतौर आर्थिक सहायता के रूप में किसानों के खातों में सीधा ट्रांसफर की जाती है। यह राशि किसानों को हर चार माह के अंतराल में दी जाती है। इस तरह किसानों को इस योजना के तहत सालभर में 2,000 रुपए की तीन किस्तें उनके खाते में प्राप्त होती है। यह योजना किसानों के बीच काफी लोकप्रिय योजना है। हाल ही में इस योजना के तहत एक बहुत बड़ी अपडेट निकलकर सामने आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इसमें बताया जा रहा है कि अब पीएम किसान योजना का लाभ, लाभार्थी किसान की मृत्यु के बाद उसके वारिसों को मिल सकेगा यानी लाभार्थी किसान की मौत के बाद इसके वारिस भी इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए मृतक किसान के वारिसों को मृत किसान का मृतक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। इस योजना के तहत मांगे जाने वाले कागजात के साथ आवेदन करना होगा। इस तरह ऐसे किसानों के वारिस भी किसान सम्मान निधि के हकदार हो सकते हैं।
अभी फिलहाल यूपी सरकार की ओर से पीएम किसान योजना के तहत मृत किसान के वारिसों को इस योजना का लाभ प्रदान करने की बात की जा रही है। इसके लिए मृत किसान के वारिसों को इसके लिए सीएससी के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन के बाद सभी आवश्यक दस्तावेजों की हार्ड कॉपी उप कृषि निदेशक कार्यालय मऊ पर आकर जमा करानी होगी। सत्यापन के उपरांत मृतक के सभी वारिसों के नाम पर किसान सम्मान निधि का पंजीकरण कर दिया जाएगा, जिससे सभी वारिसों के खाते में पैसा पहुंच सके।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना में आवेदन के लिए किसान के वारिसों को कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। आवेदन के लिए उन्हें जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी वे दस्तावेज इस प्रकार से हैं
जो किसान पीएम किसान योजना के तहत आवेदन करेंगे उनको ई-केवाईसी (e-KYC) करना जरूरी होगा। सरकार की ओर से पीएम किसान योजना के तहत पंजीकृत सभी किसानों के लिए ई-केवाईसी करवाना अनिवार्य कर दिया है। लेकिन राज्य में अभी भी कई किसान ऐसे हैं जिन्होंने ई-केवाईसी नहीं करवाई है। यूपी के मऊ जनपद में पीएम किसान सम्मान निधि के लिए पंजीकृत कुल 2 लाख 90 हजार 513 किसानों में से अब तक कुल 2 लाख 81 हजार 109 किसानों ने ही अपनी केवाईसी की प्रक्रिया पूरी की है। अभी भी बहुत से किसान जो जनपद से बाहर रह रहे हैं, उन्होंने अपनी केवाईसी नहीं कराई है। ऐसे में ये किसान पीएम किसान सम्मान निधि की 15वीं किस्त से वंचित हुए हैं। इन्हें पीएम किसान योजना की 15वीं किस्त का भुगतान नहीं किया गया है।
उप कृषि निदेशक मऊ सत्येंद्र चौहान के मुताबिक जिन किसानों ने अभी तक ई-केवाईसी (e-KYC) की प्रक्रिया पूरी नहीं की है, वे इसे जल्द से जल्द पूर्ण कर लें। यह उनके लिए अंतिम अवसर है। ऐसे किसान किसी भी जनसेवा केंद्र पर जाकर अपना केवाईसी पूर्ण करा सकते हैं। केवाईसी के लिए कृषि विभाग के कमर्चारी भी गांव-गांव घूम कर किसानों से संपर्क कर उनका केवाईसी पूर्ण कराने में लगे हुए हैं। किसान विभागीय लोगों से संपर्क करके अपना आधार एवं अन्य दस्तावेज प्रस्तुत कर अपना केवाईसी पूरा करा सकते हैं।
यूपी में अब तक 1.77 करोड़ किसानों ने ई-केवाईसी की प्रक्रिया को पूर्ण किया है। इसके अलावा प्रदेश में 2.26 करोड़ किसानों के भूलेख अंकन और 2.04 करोड़ किसानों के बैंक खाते की आधार सीडिंग की गई है। बता दें कि पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ उन्हीं पात्र किसानों को प्रदान किया जा रहा है जिन्होंने भूलेख अंकन, आधार सीडिंग व ई-केवाईसी की प्रक्रिया को पूर्ण कर लिया है। यूपी में अभी भी बहुत से किसानों को ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूर्ण नहीं होने के कारण पीएम साकिन सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
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