प्रकाशित - 13 Feb 2024
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसानों को फसल नुकसान की भरपाई के लिए सरकार की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) चलाई जा रही है। इस योजना के तहत प्राकृतिक आपदा जैसे- आंधी, तूफान, बारिश व ओलावृष्टि आदि से फसल को हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाता है। बीते साल भी किसानों की फसलों को बारिश से नुकसान हुआ था जिसका मुआवजा सरकार की ओर से दिया गया। इसके बाद भी बहुत से किसान ऐसे पाए गए जो फसल नुकसान के लिए किए गए सर्वे के दौरान छूट गए और उन्हें फसल नुकसान का मुआवजा नहीं मिल पाया।
ऐसे किसानों की फसल में हुए नुकसान को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने इन किसानों को भी फसल नुकसान का मुआवजा दिए जाने का फैसला किया है। राज्य सरकार की ओर से इन किसानों के नुकसान की भरपाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि राज्य में ऐसे किसानों की संख्या साढ़े तीन लाख से ज्यादा है और उनके खाते में राज्य सरकार की ओर करीब 1 अरब 76 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की जाएगी। राज्य सरकार के इस फैसले से प्रदेश के किसानों में खुशी की लहर है।
पिछले दो सालों में आपदाओं से क्षतिग्रस्त फसलों के नुकसान के मुआवजे से बहुत से किसान छूट गए थे। यह किसान किन्हीं तकनीकी कारणों से मुआवजे से वंचित रह गए थे। इन्हें अब राज्य सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2021-22 और वर्ष 2022-23 में हुए फसल नुकसान मुआवजा दिया जाएगा। ऐसे किसानों की संख्या करीब साढ़े तीन लाख बताई जा रही है जिनके खाते में प्रदेश सरकार करीब 1 अरब 76 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि जल्द जारी करेगी। इसके लिए राज्य सरकार ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में विभिन्न आपदाओं से क्षतिग्रस्त हुई फसलों के मुआवजे और अन्य राहत के संबंध में समीक्षा बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने त्रुटियों के कारण फसलों के नुकसान के दुबारा सत्यापन में लापरवाही और मुआवजा जारी नहीं होने को लेकर नाराजगी जताई और 17 जिलों के एडीएम एफआर से जवाब-तलब किया था। साथ ही अधिकारियों को ऐसे मामलों में शीघ्र सत्यापन कराकर किसानों को मुआवजा राशि देने के निर्देश दिए हैं।
अपर मुख्य सचिव राजस्व के मुताबिक सर्वे में पाया गया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में मुआवजे से सबसे अधिक सीतापुर के 27,836 किसान छूटे गए थे। उन्हें 10,72,51,397 रुपए की राशि का भुगतान किया जा रहा है। वहीं बरेली के 22,661 किसान और ललितपुर के 19,420 किसानों को मुआवजे का भुगतान किया जा रहा है। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2022-23 में मुआवजे से सबसे अधिक सिद्धार्थनगर के 21,002 किसान छूट गए थे, जिन्हें अब 10,07,53,392 रुपए की धनराशि का भुगतान किया जा रहा है। वहीं झांसी के 17,296 किसानों और बलरामपुर के 12,933 किसानों को मुआवजे का भुगतान किया जा रहा है। बता दें कि इससे पहले वर्तमान वित्तीय वर्ष में जनवरी तक 1,87,845 से अधिक किसानों को करीब 80,88,68,299 रुपए से अधिक की मुआवजा राशि वितरित की जा चुकी है।
राहत आयुक्त जीएस नवीन के मुताबिक आपदाओं से क्षतिग्रस्त फसलों से प्रभावित काफी तादाद में किसानों के डाटा फिडिंग के दौरान आधार कार्ड, खाता संख्या में गलती और डुप्लीकेसी के कारण मुआवजे का भुगतान नहीं हो पाता है। ऐसे में दोबारा सत्यापन कराया जाता है, लेकिन जिला स्तर पर पिछले दो सालों में इसमें लापरवाही बरती गई जिसके कारण किसानों को मुआवजा राशि जारी नहीं हो सकी। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर दोबारा सर्वे करवाकर मुआवजे से वंचित किसानों को मुआवजा राशि प्रदान की जा रही है। वहीं, प्रदेश के विभिन्न जिलों से क्षतिग्रस्त फसलों से प्रभावित वंचित किसानों को तत्काल मुआवजा देने के लिए मांग के अनुसार धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है। अभी तक पिछले दोनों वित्तीय वर्ष के छूटे किसानों को 60 करोड़ से अधिक की धनराशि का भुगतान किया जा चुका है।
यूपी में फसल नुकसान का मुआवजा किसानों के खाते में ट्रांसफर किया जा रहा है। फसल नुकसान का मुआवजा खाते में पहुंचने में दो-तीन दिन का समय लग जाता है। ऐसे में किसान घबराये नहीं। किसानों की सुविधा के लिए हम नीचे कुछ तरीके बता रहे हैं जिससे किसान भाई पता कर सकेंगे कि उनके खाते में मुआवजे की राशि ट्रांसफर हुई या नहीं और मुआवजा राशि ट्रांसफर होने में देरी का क्या कारण हो सकता है।
यदि आपका मोबाइल आधार से लिंक नहीं है तो ऐसी स्थिति में आपको बैंक या पोस्ट ऑफिस जहां भी आपका खाता है वहां जाकर पता करना होगा, बैंक आपको करंट स्टेटमेंट निकाल कर दे देगा जिसमें आपके खाते में ट्रांसफर हुई राशि का विवरण होगा। आप इसमें चेक कर सकते हैं कि आपके खाते में मुआवजे का पैसा आया है या नहीं।
यदि सब कुछ चेक करने के बाद भी आपके खाते में मुआवजे का पैसा ट्रांसफर नहीं किया गया है तो आप स्थानीय स्तर पर बीमा कंपनी और कृषि अधिकारी, जिला स्तरीय निवारण हेतु जिला स्तरीय निगरानी समिति और राज्य स्तरीय पर राज्य स्तरीय फसल बीमा समन्वय समिति के माध्यम से अपनी समस्या का निवारण कर सकते हैं। वहीं आपने जिस कंपनी से फसल बीमा कराया था उस कंपनी के टोल फ्री नंबर पर आप शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इससे आपकी समस्या का समाधान हो सकेगा।
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