प्रकाशित - 07 Feb 2024
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
बीते दिनों हुई बारिश व ओलावृष्टि के कारण कई जगह से फसल नुकसान के समाचार आए हैं। मुख्य रूप से हरियाणा में बारिश व ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान की बात सामने आई है। ऐसे में किसानों की समस्या को ध्यान में रखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने किसानों की फसल नुकसान भरपाई के लिए प्रभावित क्षेत्र में विशेष सर्वे जिसे गिरदावरी भी कहा जाता है, कराने के आदेश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि किसानों की फसलों को हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी। इसके लिए विशेष गिरदावरी करके खराब हुई फसल का आंकलन कर उचित मुआवजा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि तेज बारिश और ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसल के लिए प्रदेश भर में स्पेशल गिरदावरी की जाएगी। इसके बाद सभी जिलों से मिलने वाली रिपोर्ट के आधार पर किसानों को जल्द मुआवजा राशि जारी की जाएगी। ऐसे में किसान फसल की जानकारी दर्ज करवा कर विशेष गिरदावरी करवाकर मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं।
हरियाणा में ओलावृष्टि से फसल को हुए नुकसान के सटीक आंकलन के लिए प्रदेश में एक फरवरी से गिरदावरी का काम शुरू कर दिया गया है जो एक मार्च तक जारी रहेगा। ओलावृष्टि से फसल को हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार करने के लिए सभी जिला प्रशासन को निर्देश दे दिए गए हैं। प्रदेश के किसान फसल में हुए नुकसान की रिपोर्ट राजस्व विभाग के ई-मुआवजा पोर्टल (E-compensation portal) पर अपलोड कर सकते हैं।
बीते दिनों भिवानी जिले के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री खट्टर, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल के साथ तिगडाना गांव पहुंचे और वहां किसानों की फसलों में हुए नुकसान का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने किसानों से बातचीत भी की। उन्होंने किसानों से कहा कि किसान मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल (my crop my details portal) पर आवश्यक रूप से पंजीकरण कराए ताकि क्षतिपूर्ति पोर्टल पर वे अपनी फसल में हुए नुकसान की जानकारी अपलोड करते हुए विशेष गिरदावरी के अनुसार मुआवजा प्राप्त कर सकें। उन्होंने विश्वास दिलाया कि राज्य सरकार किसानों के साथ है। इस दौरान उन्होंने गांव धनाना स्थित अनाज खरीद के लिए बने यार्ड का भी निरीक्षण किया।
इससे पूर्व हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि साल 2019 से 2024 तक फसल नुकसान के मुआवजे के रूप में प्रदेश के किसानों के खाते में 1600 करोड़ रुपए जमा किए गए हैं। उन्होंने राजस्व रिकार्ड के डिजिटलीकरण के संबंध में कहा कि प्रदेश सरकार ने इसकी एक साल से अधिक समय पहले शुरुआत की थी। राजस्व विभाग के लिए जिला स्तर पर डिजिटल रिकॉर्ड रूम बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उपमुख्यमंत्री चौटाला ने कहा कि वित्तीय आयुक्त राजस्व (एफसीआर), तहसील और उप-तहसील कार्यालय के राजस्व रिकॉर्ड को 31 मार्च तक डिजिटल कर दिया जाएगा। इसके बाद लोग अपनी जमीन और राजस्व संबंधी दस्तावेजों को केवल सिंगल क्लिक के जरिये ऑनलाइन प्राप्त कर सकेंगे। इससे पुराने लिखित कार्य को व्यवस्थित करने की आवश्यकता नहीं रहेगी।
जिन क्षेत्रों में जल भराव की स्थित बनी रहती है, उन क्षेत्रों में किसान मछली पालन करके अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। एक जन संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां खेतों में पानी का नियमित ठहराव बना रहता है, वहां किसान परंपरागत खेती की अपेक्षा मछली पालन का व्यवसाय शुरू करके काफी अच्छा पैसा कमा सकते हैं। उन्होंने कहा कि मछली पालन में झींगा मछली का पालन करके प्रति एकड़ करीब 2 लाख रुपए प्रति वर्ष की कमाई की जा सकती है। ऐसे में जलभराव वाले क्षेत्र का सदुपयोग करके इससे काफी अच्छा लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
किसानों को फसल नुकसान से सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) चलाई गई है। यह योजना अधिकांश राज्यों में लागू है। हरियाणा में भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को फसल नुकसान पर मुआवजा मिलता है। यह योजना साल 2015 में शुरू की गई थी। इस योजना के तहत हर साल लाखों किसान अपनी फसल का बीमा करवाकर मौसम से हुए नुकसान का मुआवजा प्राप्त करते हैं। पीएम फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) के तहत रबी फसलों के लिए 2 प्रतिशत, खरीफ फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत व वाणिज्यिक या बागवानी फसलों के लिए 5 प्रतिशत प्रीमियम तय किया गया है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा येाजना की आधिकारिक वेबसाइट लिंक- https://pmfby.gov.in/
मेरी फसल मेरा ब्यौरा में पंजीकरण हेतु लिंक- https://fasal.haryana.gov.in/
फसल नुकसान की रिपोर्ट अपलोड करने हेतु लिंक- https://ekshatipurti.haryana.gov.in/
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