प्रकाशित - 13 Mar 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
होली से पहले हुई बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि से मध्यप्रदेश और राजस्थान में किसानों की खड़ी फसलों को नुकसान हुआ है। इसे देखते हुए दोनों राज्य की सरकारों ने फसल नुकसान का सर्वे कराने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए है। सर्वे करवाकर किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा। मध्यप्रदेश व राजस्थान में बीते दिनों आंधी, बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं, चना, सरसों सहित अन्य रबी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों को हुए नुकसान पर सरकार ने फसल नुकसान का सर्वे करने के निर्देश दिए हैं। राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकार ने अधिकारियों को 7 दिन के भीतर विशेष गिरदावरी कर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। ऐसे में जिन किसानों की फसल का बीमा है उन्हें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मुआवजा दिया जाएगा। वहीं दूसरी ओर जिन किसानों की फसलों का बीमा नहीं है, उन्हें आर.बी.सी 6-4 के तहत राहत राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को ओलावृष्टि से फसलों को जो नुकसान हुआ है उसका सर्वे 7 दिन में पूरा करने और 10 दिन के अंदर राहत राशि बांटने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि फसल नुकसान का सर्वे पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ किया जाना चाहिए। फसल बीमा योजना का लाभ किसानों को दिलाने के लिए पूरी कार्यवाई गंभीरता से की जानी चाहिए।
राजस्थान के मुख्य सचिव की ओर से जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए गए है कि वे जिले में बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि से फसल को हुए नुकसान कर सर्वे करावा कर किसानों को राहत पहुंचाएं। कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है कि वे नुकसान का आंकलन करने के लिए संबंधित अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से फील्ड में भेजकर आगामी 7 दिवस के अंदर विशेष गिरदावरी एवं इसका जिओ टैग करवा कर रिपोर्ट आपदा प्रबंधन को भिजवाएं जिससे कि प्रभावित किसानों को जल्द से जल्द से राहत प्रदान की जा सकें। उन्होंने कहा साथ ही ये भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि गिरदावरी की सूचना स्थानीय जनप्रतिनिधियों को जरूरी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि फसल बीमा कंपनी से आपसी सहयोग और समन्वय से सर्वे कार्य पूर्ण करते हुए बीमित किसानों द्वारा दी गई फसल खराब होने की सूचना की पुष्टि कर राहत पहुंचाई जाए।
जिन किसानों ने अपनी फसल का बीमा कराया है और बारिश व ओलावृष्टि से उसकी फसल को नुकसान होता है तो उसे उसकी सूचना तुरंत बीमा कंपनी को देनी चाहिए जिससे उसने अपनी फसल का बीमा कराया है। इसके अलावा किसान कृषि विभाग के अधिकारियों की मदद से भी इसकी सूचना दे सकते हैं। फसल बीमा वाले किसानों को फसल नुकसान की सूचना नुकसान के 72 घंटे के अंदर फसल बीमा कंपनी को जरूर देनी चाहिए। फसल नुकसान की सूचना बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर अथवा क्रॉप इंश्योरेंस ऐप के माध्यम से दी जा सकती है। इसके अलावा किसान जिले में कार्यरत बीमा कंपनी, कृषि कार्यालय अथवा संबंधित बैंक को भी हानि प्रपत्र भरकर सूचना दे सकते हैं।
फसल नुकसान का क्लेम करने के लिए किसान को जो जानकारी देनी होती है, जो इस प्रकार से है
राजस्थान में अलग-अलग जिले के लिए अलग-अलग बीमा कंपनी को फसल बीमा के लिए अधिकृत किया गया है। इसलिए किसानों को ये पता होना चाहिए कि उन्होंने किस बीमा कंपनी से अपनी फसल का बीमा कराया है और उसका टोल फ्री नंबर क्या है ताकि वे फसल नुकसान होने पर उसकी सूचना संबंधित बीमा कंपनी के अधिकारियों को दे सकें। हम यहां राजस्थान में किस जिले के लिए कौनसी बीमा कंपनी अधिकृत है और इसका टोल फ्री नंबर क्या है उसे नीचे दे रहे हैं
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