प्रकाशित - 16 Oct 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है। इसी कड़ी में लहसुन की खेती (farming of garlic) को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार की ओर से किसानों को लहसुन की खेती करने के लिए सब्सिडी दी जा रही है। खास बात यह है कि लहसुन की खेती (farming of garlic) के लिए सरकार किसानों को 30,000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से सब्सिडी (subsidy) का लाभ प्रदान कर रही है। इस योजना के तहत किसान 10 एकड़ तक सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जो किसान लहसुन की खेती करना चाहते हैं, वे राज्य सरकार से मिल रही सब्सिडी (subsidy) का लाभ उठा कर अपनी फसल लागत कम करके मुनाफा बढ़ा सकते हैं।
आज हम जंक्शन के माध्यम से आपको लहसुन की खेती (farming of garlic) पर सरकार से कितनी सब्सिडी (subsidy) मिलेगी, इसके लिए आपको कैसे आवेदन करना होगा, आवेदन के लिए आपको किन दस्तावेजों की जरूरत होगी, लहसुन की खेती से आपको कितनी कमाई हो सकती है, आदि बातों की जानकारी दे रहे हैं।
किसानों की आय बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की ओर से अनुदान योजना (grant scheme) की शुरुआत की गई है। इसमें फसल विविधीकरण (crop diversification) के तहत लगाई गई बागवानी फसलों को बढ़ावा देने के लिए उद्यान विभाग के माध्यम से मसाला फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है जिसमें लहसुन को भी शामिल किया गया है। बता दें कि लहसुन एक ऐसी मसाला फसल है जिससे किसान काफी अच्छा पैसा कमा सकते हैँ। इसे मसाले के रूप में तो उपयोग में लिया ही जाता है साथ ही इसका अचार भी बनाया जाता है।
लहसुन (garlic) को आयुर्वेद में औषधी माना गया है। इसमें प्रचुर मात्रा में फास्फोरस, जिंक, पोटेशियम और मैग्नीशियम पाया जाता है। इसके अलावा इसमें विटामिन सी, विटामिन के, फोलेट, नियासिन और थायमिन की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसके सेवन से कई प्रकार की बीमारियों से बचा जा सकता है। इसका सेवन कब्ज दूर करने के साथ ही भूख को बढ़ता है, लहसुन के सेवन से सर्दी, जुकाम की समस्या से बचा जा सकता है। इसके सेवन से दिल की बीमारियों से बचाव होता है। यह खून के धक्के नहीं जमने देता है, यह रक्तवाहिनियों में रूकावट को दूर करता है जिससे ब्लड का सर्कुलेशन ठीक रहता है। यह पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है। ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में भी यह सहायक है। इसके नियमित सेवन से शरी की रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है।
राज्य सरकार की ओर से नई योजना के तहत उद्यान विभाग के माध्यम से बागवानी फसलों पर अनुदान देने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत किसानों को फसल लागत का 50 प्रतिशत अनुदान (subsidy) दिया जाएगा। यदि बात की जाए लहसुन की खेती की तो इसकी प्रति एकड़ लागत 60,000 रुपए निर्धारत की गई है। इस पर शासन की ओर से किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। इस हिसाब से किसानों को लहसुन की खेती पर 30,000 रुपए प्रति एकड़ अनुदान दिया जाएगा। किसान लहसुन की खेती के लिए सब्सिडी का लाभ 10 एकड़ क्षेत्र के लिए उठा सकते हैं। यानि किसान लहसुन की खेती पर अधिकतम 3,00,000 रुपए तक अनुदान प्राप्त कर सकते हैं।
एक अनुमान के मुताबिक एक एकड़ खेत में करीब 50 क्विंटल तक लहसुन की पैदावार प्राप्त की जा सकती है। बाजार में लहसुन का भाव (price of garlic) 10,000 रुपए से लेकर 21,000 रुपए प्रति क्विंटल तक मिल जाता है। इसकी लागत की बात करें तो इसकी लहसुन की खेती में प्रति एकड़ 40,000 से लेकर 60,000 रुपए तक की लागत आती है। यदि आधुनिक कृषि क्रियाओं और इसकी उन्नत किस्म की खेती की जाए तो किसान इससे 5 लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक की कमाई कर सकते हैं।
लहसुन की खेती पर सब्सिडी का लाभ हरियाणा राज्य के किसान ले सकते हैं। इसके लिए उन्हें विभाग के पोर्टल hortnet.gov.in पर आवेदन करना होगा। उत्पादन से पूर्व होने वाले नुकसान की भरपाई के ही किसान मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना (Chief Minister Horticulture Insurance Scheme) के तहत इन फसलों का बीमा (crop insurance) भी करवा सकते हैं। योजना का लाभ प्राप्त करने के इच्छुक किसानों का मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल (my crop my details portal) पर रजिस्ट्रेशन होना जरूरी है। इसके बाद ही आप इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
मसाला फसलों पर अनुदान के तहत लहसुन की खेती पर सब्सिडी (Subsidy on garlic cultivation) के लिए आवेदन करते समय आपको कुछ दस्तावेजों documents की आवश्यकता होगी। ये प्रमुख दस्तावेज इस प्रकार से हैं
मसाला फसलों के तहत लहसुन की खेती (farming of garlic) पर मिलने वाले अनुदान के संबंध में अधिक जानकारी के लिए किसान सरकारी अवकाश के दिन को छोड़कर किसी भी दिन जिला बागवानी अधिकारी के कार्यालय जाकर जानकारी ले सकते हैं। इसके अलावा विभाग के टोल फ्री नंबर (toll free number) 1800-180-2021 पर भी संपर्क किया जा सकता है।
ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों हिंदुस्तान ट्रैक्टर, इंडो फार्म ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।
अगर आप नए ट्रैक्टर, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।