प्रकाशित - 15 Apr 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसानों को मौसम की मार से बचाने के लिए सरकार की ओर से पीएम फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) शुरू की गई। इससे उन्हें बारिश, ओलावृष्टि, तूफान से फसल खराब होने पर सरकार से मुआवजा दिया जाता है। लेकिन इसमें आगजनी से फसल नुकसान को शामिल नहीं किया गया है। ऐसे में किसी कारण से खेत में आग लग जाने पर कोई मुआवजा नहीं मिलता है और किसान को हानि होती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री खेत खलिहान दुर्घटना सहायता योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत यदि किसान खेत में शार्ट सर्किट से आग लग जाती है तो इस योजना के माध्यम से उसकी हानि की भरपाई की जाएगी।
रबी सीजन में सबसे ज्यादा गेहूं की फसल उगाई जाती है। इस समय गेहूं की कटाई का काम चल रहा है। हमारे देश में सबसे अधिक गेहूं की खेती उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और पंजाब में होती है। ऐसे में कई बार किसानों की फसल शॉर्ट सर्किट या हल्की सी चिंगारी से पलभर में जलकर राख हो जाती है। ऐसे में किसानों को गेहूं की तैयार फसल की देखभाल के साथ ही इसे आगजनी से भी बचाना जरूरी है। इसके बाद भी कई ऐसी घटनाएं होती रही है जिसमें खेत में आग लगने पर किसान की फसल जल गई और उसे नुकसान हो गया लेकिन उसे फसल बीमा के तहत कोई सहायता नहीं मिली। ऐसे में मुख्यमंत्री खेत खलिहान दुर्घटना सहायता योजना (Chief Minister Farm Barn Accident Assistance Scheme) किसानों के लिए राहत प्रदान करने वाली साबित हो रही है। इसमें किसान को एक लाख रुपए तक की सहायता प्रदान की जा सकती है।
यूपी सरकार की ओर से चलाई जा रही मुख्यमंत्री खेत खलिहान दुर्घटना सहायता योजना के तहत 2.5 एकड़ से कम भूमि वाले किसान को 15 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है। वहीं 2.5 से 5 एकड़ तक भूमि वाले किसान को 20 हजार रुपए व 5 एकड़ से अधिक भूमि वाले किसान को 30 हजार रुपए मुआवजा दिया जाता है। मुआवजा किसान को उसकी फसल के नुकसान के आधार पर दिया जाता है। अधिक नुकसान होने पर किसान को एक लाख से अधिक का मुआवजा दिया जा सकता है।
मुख्यमंत्री खेत खलिहान दुर्घटना सहायता योजना के तहत गेहूं, धान, मक्का, बाजरा, मूंग, मसूर, राई आदि अनाज वाली फसलों को शामिल किया गया है जिसके अग्नि से हानि होने पर मुआवजा दिया जाएगा। वहीं गन्ने की फसल को अग्नि से नुकसान को इसमें शामिल नहीं किया है। ऐसे में गन्ना किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
मुख्यमंत्री खेत खलिहान दुर्घटना सहायता योजना के लिए कुछ पात्रता और शर्तें निर्धारित की गई है, योजना के लिए पात्रता और शर्तें इस प्रकार से हैं-
योजना का लाभ लेने के लिए किसान को इसके लिए आवेदन करना होगा। आवेदन करते समय किसान के पास आवश्यक दस्तावेज होने चाहिए। ऐसे में किसान को चाहिए कि योजना के लिए जरूरी दस्तावेजों को आवेदन करते समय अपने पास रखें ताकि आवेदन में कोई परेशानी नहीं हो। योजना में आवेदन के लिए जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, वे इस प्रकार हैं-
मुख्यमंत्री खेत खलिहान दुर्घटना सहायता योजना का लाभ लेने के लिए किसान को फसल में आग लगने पर 15 दिन के भीतर संबंधित कृषि उत्पादक मंडी समिति कार्यालय में एक प्रार्थना पत्र जमा कराना होगा। इसी पत्र को आवेदन के तौर पर लिया जाता है। आवेदन फॉर्म के साथ ऑनलाइन अपलोड किए जाने वाले दस्तावेज केवल (jpeg.jpg.gif.png) फाइल के रूप में ही अपलोड करने होते हैं। प्रार्थना पत्र में दस्तावेजों का साइज 100 केवी से अधिक नहीं होना चाहिए। आवेदन फॉर्म में नया व पासपोर्ट साइज फोटो ही अपलोड करना है जिसका साइज अधिकतम 50 केवी हो सकता है। फॉर्म के साथ स्वप्रमाणित घोषणा पत्र भी अपलोड करना होता है।
अगर आप किफायती कीमत पर नया ट्रैक्टर खरीदना चाहते हैं तो महिंद्रा, स्वराज, टैफे, सोनालिका, जॉन डियर आदि कंपनियों में से उचित ट्रैक्टर का चयन कर सकते हैं। साथ ही हम आपको ट्रैक्टर लोन (Tractor Loan) की सुविधा भी प्रदान करते हैं।
अगर आप नए जैसे पुराने ट्रैक्टर व कृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपने ट्रैक्टर या कृषि उपकरण का अधिकतम मूल्य मिले तो अपने बिकाऊ ट्रैक्टर / कृषि उपकरण को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।