प्रकाशित - 24 Jun 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
देश में पीएम कुसुम योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसके तहत किसानों को अपने खेत में सोलर पंप लगवाने के लिए सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। सोलर पंप लगाने के पीछे सरकार का उद्देश्य किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराना है जिससे उनके लिए खेती का काम आसान हो जाए। इसी क्रम में राजस्थान सरकार की ओर से यहां के किसानों के लिए प्रधानमंत्री कुसुम-कंपोनेंट सी (फीडर लेवल सौलराईजेशन) के तहत स्काय योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत राज्य सरकार किसानों के खेतों में एक लाख सोलर पंप लगवाएगी और इसकी एवज में किसानों को उनकी जमीन का किराया दिया जाएगा। इससे किसानों को दो तरफा लाभ होगा। एक तो किसानों को सिंचाई कार्य के लिए बिजली मिल सकेगी। वहीं दूसरी ओर उन्हें अपनी जमीन का किराया भी मिलेगा।
जैसा कि आप जानते हैं कि देश में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कुसुम योजना चलाई जा रही है। इस योजना का लाभ किसानों को देने के लिए इस योजना में तीन घटकों को शामिल किया गया है। पहले घटक में किसान अपनी भूमि पर सोलर प्लांट की स्थापना कर सरकार की बिजली बेच सकते हैं। वहीं दूसरे घटक में किसान अपने खेतों में सोलर पंप लगाकर अपनी फसलों की सिंचाई कर सकते हैं। तीसरे घटक में किसान अपनी भूमि पर सोलर पंप लगाकर फसलों की सिंचाई के साथ ही सरकार को बिजली बेच सकते हैं इसके अलावा सरकार किसानों को भूमि पर लगे सोलर पंप का किराया भी देगी। राजस्थान में राज्य के किसानों को तीनों घटकों का लाभ दिया जा रहा है जिसे सौर कृषि आजीविका योजना यानि स्काय योजना का नाम दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 22 जून को राज्य की मुख्य सचिव उषा शर्मा ने सौर कृषि आजीविका योजना (स्काय) के अंतर्गत 1 लाख सौलर पम्प स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। शर्मा बुधवार को यहां सचिवालय स्थित कक्ष में प्रधानमंत्री कुसुम-कंपोनेंट सी (फीडर लेवल सोलराइजेशन) के तहत स्काय योजना पर आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं। मुख्य सचिव ने स्काय योजना के तहत अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे फीडर लेवल सोलराइजेशन योजना के तहत 1 लाख सौलर पंप स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित करें। उन्होंने योजना के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए 33/11 केवी जीएसएस की प्रस्तावित संख्या को 80 से ओर अधिक बढ़ाने के निर्देश भी दिए हैं।
स्काय योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए जल्दी ही एक पोर्टल शुरू किया जाएगा। इस पोर्टल के माध्यम से किसान अपना पंजीकरण करा सकेंगे और अपनी जमीन को जीएसएस स्थापित करने के लिए 25 साल तक के लिए लीज किराए पर दे सकेंगे। इस ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से इच्छुक विकासकर्ता भी जमीन का चयन कर सकेंगे और सौलर उर्जा प्लांट का निर्माण कर सकेंगे। योजना के तहत टोंक में एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत 4.24 मेगा वॉट का कार्य अवार्ड किया गया है जिसके तहत 656 किसानों की बिजली मिलेगी।
स्काय योजना के जरिये किसानों को कई लाभ प्राप्त होंगे जो लाभ इस प्रकार से हैं-
मोदी सरकार की ओर से इस योजना की शुरुआत 2019 में की गई थी। यह योजना ऊर्जा मंत्रालय की तरफ से चलाई जा रही है। इस योजना के तहत सोलर पंप लगवाने पर किसानों को सब्सिडी दी जाती है। इसमें केंद्र की ओर से 30 प्रतिशत और राज्य सरकार की ओर से 45 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ किसानों को प्रदान किया जाता है। इस तरह सोलर पंप लगवाने पर किसानों को 75 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। इसमें किसानों को सिर्फ 25 प्रतिशत पैसा ही देना होता है। वहीं इन सोलर पंपों पर बीमा कवर भी मिलता है। हरियाणा में सोलर पंप लगवाने का काम तेजी से किया गया है। यहां इस योजना के तहत पिछले सात सालों में करीब 25897 सोलर पंप सेट लगाए गए हैं। वहीं साल 2021-22 के लिए 22 हजार सोलर पंप लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें से अब तक 15 हजार सोलर पंप लगाए जा चुके हैं। शेष सात हजार सोलर पंप लगाने का काम इसी साल पूरा कर लिया जाएगा। वहीं 2022-23 के लिए 50 हजार सोलर पंप इस योजना के तहत लगाए जाने हैं।
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