प्रकाशित - 14 Feb 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
सरकार की ओर से किसानों को कृषि यंत्रों पर सब्सिडी (Subsidy on agricultural equipment) का लाभ प्रदान किया जाता है जिससे किसानों को खेती के लिए सस्ती दर पर कृषि यंत्र व मशीनें (agricultural implements and machines) उपलब्ध हो सके। इसी क्रम में राज्य सरकार की ओर से हाल ही में कृषि मेले का आयोजन किया था जिसमें बड़ी संख्या में प्रदेश के किसान शामिल हुए। खास बात यह रही कि इस मेले में किसानों ने जमकर कृषि यंत्रों की खरीद की जिस पर राज्य सरकार की ओर से इन किसानों को 5 करोड़ रुपए की सब्सिडी (Subsidy) दी गई। इस तरह मेले में किसानों ने महंगे कृषि यंत्रों को बहुत ही कम कीमत पर खरीद और सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाया।
मेले में किसानों को 744 कृषि यंत्रों/मशीनों पर 5 करोड़ रुपए का अनुदान स्वीकृत किया गया। मेले में खरीददार किसानों को प्रतीकात्मक चाबी भी सौंपी गई। बता दें कि बीते दिनों बिहार सरकार की ओर से चार दिवसीय कृषि यंत्र मेले का आयोजन पटना के गांधी मैदान में किया गया था जिससे करीब 75 हजार से अधिक किसानों व आम लोगों ने विजिट किया।
इस चार दिवसीय मेले के दौरान कुल 744 कृषि यंत्रों का क्रय और 41 कृषि यंत्र बैंकों के लिए कुल 5.39 करोड़ रुपए से अधिक का अनुदान किसानों को दिया गया है। यह अनुदान अलग-अलग कृषि यंत्रों पर अलग-अलग दिया गया। इसमें सबसे अधिक अनुदान अवशेष प्रबंधन में काम में आने वाले कृषि यंत्रों पर दिया गया। इसमें किसानों को करीब 80 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ प्रदान किया गया।
मेले में सबसे अधिक बिक्री फसल अवशेष प्रबंधन में काम आने वाले कृषि यंत्रों/मशीनों की हुई। इससे पता चलता है कि किसान अवशेषों जलाने की जगह उनके प्रबंधन में अधिक रूचि दिखा रहे हैं जो पर्यावरण की दृष्टि से भी काफी अच्छा है। सरकार भी किसानों को खेतों में ही अवशेष प्रबंधन कर खाद के रूप में इसके उपयोग को प्रोत्साहित कर रही है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार की ओर से राज्य के किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों पर सब्सिडी (Subsidy on modern agricultural equipment) दी जा रही है जिसमें 9 से 11 टाइन का हैप्पी सीडर, बिना रैक वाला स्ट्रॉ बेलर, स्ट्रॉ रीपर, सुपर सीडर, रोटरी मल्चर, स्लैशर व स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम पर सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इसी के साथ ही किसानों को स्वचालित/ट्रैक्टर चालित रीपर कम बाइंडर पर सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा है।
विभाग की ओर से 9 से 11 टाइन का हैप्पी सीडर, बिना रैक वाला स्ट्रॉ बेलर, स्ट्रॉ रीपर, सुपर सीडर, रोटरी मल्चर, स्लैशर व स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम पर सामान्य वर्ग के किसानों को 75 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। वहीं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के किसानो को 80 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इसके अलावा स्वचालित/ट्रैक्टर रीपर कम बाइंडर पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है।
बिहार के कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल के मुताबिक दशहरा के बाद किसान थोड़ा खाली रहते हैं और तब धान कटनी में कृषि यंत्रों की आवश्यकता सबसे अधिक होती है, इसलिए अब हर साल अक्टूबर माह में ही कृषि यंत्रीकरण मेला लगाया जाएगा। राज्य स्तरीय कृषि यंत्रीकरण मेले की तिथि की सूचना देश की यंत्र निर्माता कंपनियों के महिने के अंत तक उपलब्ध करा दी जाएगी जिससे अधिक से अधिक कृषि यंत्र निर्माता इसमें भाग ले सकें। उन्होंने कहा कि अब राज्य स्तरीय कृषि मेले के बाद जिला स्तर पर भी इसका आयोजन किया जाएगा।
बिहार राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के किसानों के लिए कृषि यंत्रीकरण योजना (agricultural mechanization scheme) का संचालन किया जा रहा है। इस योजना के तहत किसानों को सब्सिडी पर कृषि यंत्र (agricultural machinery on subsidy) उपलब्ध कराए जाते हैं। इसके तहत किसानों व कस्टम हायरिंग सेंटर (Custom Hiring Center) को कृषि यंत्रों की खरीद के लिए 40 से लेकर 80 प्रतिशत तक सब्सिडी (Subsidy) दी जाती है। यह सब्सिडी अलग-अलग कृषि यंत्रों/मशीनों पर अलग-अलग दी जाती है जिसकी सूची विभाग की वेबसाइट पर दी गई है।
कृषि यंत्रीकरण योजना (agricultural mechanization scheme के तहत राज्य के किसान व कस्टम हायरिंग सेंटर, सब्सिडी पर कृषि यंत्रों की खरीद के लिए 15 फरवरी 2024 तक आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आप कृषि यंत्रीकरण अनुदान योजना बिहार (Agricultural Mechanization Grant Scheme Bihar) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा और वहां से ऑनलाइन आवेदन (Online Application) करना होगा। आवेदन स्वीकृत होने के बाद आपको कृषि यंत्रों/मशीनों की खरीद पर नियमानुसार सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा।
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