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बिहार की चाय पर सब्सिडी की पूरी जानकारी, अभी करें आवेदन

प्रकाशित - 07 Nov 2022

जाने क्या है बिहार सरकार की योजना और इससे कैसे मिलेगा लाभ

भारत में असम, गुवाहाटी, दार्जीलिंग व जम्मू-कश्मीर चाय की खेती करने वाले प्रमुख राज्य है। इन राज्यों ने चाय की खेती करके वैश्विक स्तर पर अपनी एक अलग पहचान बनाई है। लेकिन अब इस लिस्ट में बिहार का नाम भी जुड़ने जा रहा है। बिहार के किसान भी अब चाय की खेती करेंगे। बिहार के किशनगंज जिले को चाय की खेती करने के लिए चुना गया है। चाय की खेती करने के लिए किशनगंज जिले की चाय को बिहार सरकार की ओर से जीआई टैग भी मिल चुका है। किशनगंज की चाय को “बिहार की चाय” का नाम भी दिया गया है। बिहार के किशनगंज में 25 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में चाय की खेती की जाती है। हालांकि बिहार में पहले भी चाय की खेती की जाती थी, पर इसको राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पहचान अब मिली है।

देश-दुनिया में भारतीय चाय की मांग और खपत बढ़ती जा रही है, इसलिए बिहार की नीतीश सरकार ने चाय की खेती करने वाले किसानों को अनुदान देने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले से चाय की खेती करने के इच्छुक किसानों को सरकार सब्सिडी का लाभ प्रदान करेगी। बिहार सरकार ने चाय की खेती के लिए किसानों को 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी देने का फैसला किया है। इस योजना के तहत किशनगंज के किसानों से आवेदन भी मांगे गए हैं। किसान भाईयों आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट के माध्यम से बिहार सरकार की इस योजना से जुड़ी जानकारी आपके साथ साझा करेंगे।

चाय की खेती करने वाले किसानों को मिलेंगी 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी

बिहार सरकार राज्य में चाय की खेती करने वाले किसानों को 50 प्रतिशत तक का अनुदान देने का फैसला किया हैं। बिहार सरकार ने राज्य में चाय की खेती को बढ़ाने के लिए विशेष उद्यानिकी फसल योजना की शुरुआत की है। सरकार की इस योजना के तहत 150 हेक्टेयर क्षेत्र में चाय की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। किसानों को इस योजना से जोड़ने के लिए सरकार द्वारा 4,94,000 रुपये की इकाई लागत तय की गई है। इसी लागत पर सरकार द्वारा किसानों को 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी यानी 2,47,000 रुपये का अनुदान राशि भी दी जायेगी। बिहार सरकार की इस योजना में आवेदन करने के बाद लाभार्थी किसानों को दो किस्तों में अनुदान की राशि दी जायेगी।

चाय की खेती से सम्बंधित पूरी जानकारी के लिए यहां क्लिक करें

योजना में लाभ लेने के लिए योग्यता शर्तें

बिहार में चाय की खेती के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार अनुदान योजना चला रही है। इसके लिए सरकार ने योजना में लाभ लेने वाले किसानों के लिए कुछ योग्यता शर्तें भी रखी है। सरकार द्वारा तय की गई योग्यता इस प्रकार से हैं

  • योजना का लाभ सिर्फ उन किसानों को दिया जाएगा जिन्होंने जुलाई व अगस्त के सीजन में चाय के नये पौधों की रोपाई की होगी। 
  • इस योजना में दूसरी किस्त का पैसा तभी मिलेगा, जब 2023-24 तक चाय के नव-रोपित पौधों में से करीब 90 प्रतिशत पौधे जीवित रहेंगे।
  • इस योजना के तहत लाभार्थी किसानों का चुनाव जिला के निर्धारित लक्ष्य के आधार पर होगा। 
  • योजना के तहत अनुसूचित जाति के लिए 16 प्रतिशत तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 1 प्रतिशत तथा सभी वर्ग की महिला किसानों के लिए 30 प्रतिशत की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

योजना में आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज़

सरकार की इस योजना में सब्सिडी का लाभ पाने के लिए किसानों को आवेदन करते समय जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, वे प्रमुख दस्तावेज इस प्रकार से हैं

  • आवेदन करने वाले किसान का आधार कार्ड
  • आवेदन करने वाले किसान का खसरा नंबर/बी1/वन पट्टे की प्रति
  • आवेदन करने वाले किसान के बैंक पासबुक की कॉपी
  • आवेदन करने वाले किसान का फोटो
  • आवेदन करने वाले किसान का मोबाइल नंबर जो आधार से लिंक हो।

किसान योजना में आवेदन कैसे करें

बिहार सरकार की विशेष उद्यानिकी फसल योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। किसान चाहें तो  बिहार उद्यानिकी विभाग के पोर्टल horticulture.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
इस योजना से जुड़ी अन्य किसी जानकारी के लिए नजदीकी जिले के सहायक निदेशक, उद्यान से भी संपर्क कर सकते हैं। 
इस योजना के लाभार्थी किसानों को डीबीटी के माध्यम से अनुदान की राशि भेजी जाएगी, इसलिये सबसे पहले डीबीटी पर पंजीकरण करवाना होगा। 13 नंबर का डीबीटी नंबर प्राप्त करने के लिए https://dbtagriculture.bihar.gov.in/ पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा।


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