प्रकाशित - 22 Apr 2024
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
इस समय मौसम का मिजाज बहुत ही अलग बना हुआ है। कहीं बारिश हो रही है तो कहीं भीषण गर्मी का प्रकोप बना हुआ है। इसी बीच महाराष्ट्र के पुणे में बीते दो दिन के दौरान हुई बेमौसमी बारिश से किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महाराष्ट्र की जुन्नार, भोर और मुलशी तहसीलों में करीब 24 एकड़ में फसलों को नुकसान पहुंचा है। इसी तरह इंदापुर तहसील के पश्चिमी क्षेत्र में तेज हवाओं से फसल का नुकसान होने की सूचना मिली है। अधिकारियों के मुताबिक इंदापुर और बारामती तहसीलों में पंचनामा किया जा रहा है, क्योंकि इन दोनों तहसीलों में बारिश से अधिक गांव प्रभावित हो सकते हैं।
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि यहां कुछ घरों की छतों को भी नुकसान पहुंचा है। बारामती में तेज हवा से कई पेड़ उखड़ गए हैं और आम, अनार व अन्य बागान वाली फसलों को नुकसान हुआ है। जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक जिन फसलों में कुल क्षेत्रफल का 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान दर्ज किया गया है उन्हें राज्य सरकार की ओर से फसल नुकसान मुआवजा दिया जाएगा। हम कृषि अधिकारियों से मिली जानकारी के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं।
इंदापुर तहसील के एक अधिकारी के मुताबिक इंदापुर तहसील में सबसे अधिक नुकसान हुआ है। इस तहसील के गांव कलास, दलज, बादलवाड़ी और पलासदेव गांव में नुकसान हुआ है। तेज हवा के कारण किसान दादा जाधव के घर की छत क्षतिग्रस्त होने से उनका 40 बोरी अनाज बारिश से खराब हो गया। इसी प्रकार पिछले दो दिनों में तीन और किसानों को नुकसान हुआ है। अधिकारियों के मुताबिक बारामती के उंदावाड़ी पथार, सोनावाड़ी, सुपे, कारखेल, खराडेवाड़ी और जलगांव सुपे गांव में भी बारिश से नुकसान होना बताया जा रहा है। तहसील प्रशासन के एक अधिकारी के अनुसार तेज हवा और बारिश से इन गांवों में पशु शेड भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
जिला कृषि अधिकारी संजय कचोले के मुताबिक मुख्य रूप से बाजरे की फसल बारिश से बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इसके साथ कटाई के लिए तैयार फलों के बागानों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। इसमें आम उत्पादक किसानों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। तेज हवा से फल गिर गए जिससे काफी नुकसान हुआ है।
महाराष्ट्र के अलावा बीते दिनों तमिलनाडु के इरोड जिले में आंधी और बारिश से केले की फसल को नुकसान की सूचना है। बताया जा रहा है कि तेज हवा के कारण यहां केले के करीब 10,000 पेड़ क्षतिगस्त हो गए हैं जिससे किसानों को भारी हानि हुई है। हालांकि सरकार ने फसल नुकसान की भरपाई के लिए सर्वे का काम शुरू कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि सर्वे रिपोर्ट आने के बाद किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इरोड जिले के थलवाड़ी और उसके आसपास के पहाड़ी गांवों में आंधी व भारी बारिश से केले के बागान को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। किसानों के मुताबिक आंधी व बारिश से उनके करीब 10,000 केले के पेड़ों को नुकसान हुआ है।
राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहर थाना कस्बा और इसके आसपास के ग्रामीण इलाकों में बारिश हुई जिसमें मनोहर थाना कस्बे में चने के आकार के ओले गिरने के समाचार मिले हैं। मनोहर थाना क्षेत्र के गोर्वधनपुरा गांव में आकाशीय बिजली गिरने से एक भैंस की मौत हो गई है। मनोहर थाना कस्बा, दागीपुरा, जावर, महाराजपुरा गोडया, छान, मोगिया सहित सभी ग्रामीण इलाकों में तेज गर्जना के साथ कहीं धीमी तो कहीं तेज बारिश हुई है जो करीब आधे घंटे से ज्यादा देर तक जारी रही। मनोहर थाना कस्बा और कुछ अन्य गांवों में चने के आकार के आले भी गिरे हैं। लेकिन इससे किसानों की फसलों को कोई नुकसान नहीं हुआ है क्योंकि फसलों को पहले ही कटाई करके बाजार में बेच दिया गया है।
किसानों को मौसम से फसल नुकसान होने पर सरकार की ओर से इसकी भरपाई की जाती है। इसके लिए सरकार की ओर से पीएम फसल बीमा योजना चलाई जा रही है। इसके तहत रबी, खरीफ और बागवानी फसलों का बीमा किया जाता है। इस योजना के तहत रबी फसलों का बीमा कराने के लिए किसान को डेढ़ प्रतिशत की दर से प्रीमियम देना होता है। वहीं खरीफ फसल के लिए 2 प्रतिशत प्रीमियम लगता है। इसके अलावा वाणिज्यिक या बागवानी फसलों का बीमा 5 प्रतिशत प्रीमियम पर किया जाता है। किसान इस योजना में अपनी फसल का बीमा कराकर फसल नुकसान की भरपाई कर सकते हैं। अब अधिकांश किसान जागरूक हो गए हैं और वे पीएम फसल बीमा योजना का लाभ भी उठा रहे हैं। यही कारण है कि फसल नुकसान होने पर किसान सरकार से तुरंत सर्वे की मांग करके नियमानुसार फसल नुकसान के मुआवजे की मांग करने लगे हैं। पीएम फसल बीमा किसानों के लिए सुरक्षा कवच का काम कर रही है।
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