प्रकाशित - 30 Jul 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
वर्तमान समय में खेती में आधुनिक कृषि मशीनों व यंत्रों का प्रयोग बढ़ता ही जा रहा है। इन मशीनों की सहायता से कम समय में अधिक काम किया जा सकता है। जिससे फसल की लागत में कमी आती है और पैसों की बचत होती है। इस दिशा में छत्तीसगढ़ कृषि विश्वविद्यालय की ओर से लगातार कार्य किया जा रहा है। इस विश्वविद्यालय ने किसानों के लिए दो मशीन क्रमश: बैटरी ऑपरेटेड कल्टीवेटर और प्लांटर मशीन बनाई हैं। जिसका हाल ही में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा लांन्च किया गया है। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से किसानों को इन दोनों मशीनों की विशेषताएं और लाभ के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले दिनों किसानों के लिए दो कृषि मशीने लांन्च की है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हरेली त्योहार के अवसर पर कृषि कार्य आसान बनाने वाले दो तरह के कृषि यंत्रों की लॉन्चिंग की। मुख्यमंत्री ने दुर्ग जिले के विकासखंड पाटन के गांव करसा में लगाई गई कृषि प्रदर्शनी में पशुचलित बैटरी ऑपरेटेड कल्टीवेटर और प्लांटर को लॉन्च किया। यह दोनों ही कृषि मशीनों को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा बनाई गई हैं। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इन यंत्रों के इस्तेमाल से किसानों को कृषि कार्य में लगने वाले समय में कमी आएगी साथ ही लागत में भी कमी होगी।
बैटरी से चलने वाले कल्टीवेटर की विशेषता एवं कीमत सामान्यत: जुताई के कार्य के लिए किसान देसी हल का उपयोग करते हैं। इसके बाद पाटा का उपयोग किया जाता है। इस दौरान खेत में ढेले टूट नहीं पाते। इससे बीज बोने वाले यंत्र को चलाने में कठिनाई होती है। ऐसे में द्वितीयक जुताई के लिए पशुचलित बैटरी ऑपरेटेड कल्टीवेटर किसानों की इस समस्या का निदान कर सकता है। पशुचलित बैटरी ऑपरेटेड कल्टीवेटर की विशेषताएं इस प्रकार से हैं।
कृषि वैज्ञानिकों की ओर से तैयार किए गए इस पूरे यंत्र की लागत करीब 55-60 हजार रुपए बताई जा रही है।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक द्वारा पशुचलित बैटरी ऑपरेटेड प्लांटर भी बनाया गया है। इस यंत्र की विशेषताएं इस प्रकार से हैं।
इस प्लांटर की लागत करीब 20-25 हजार रुपए बताई जा रही है।
छत्तीसगढ़ में सभी लघु और सीमांत किसानों को पर्याप्त मात्रा में खेती के संसाधन उपलब्ध करने के लिए कृषि यंत्र सब्सिडी योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत राज्य के किसानों को सरकार की ओर से कृषि उपकरणों की खरीद पर अलग-अलग कृषि उपकरणों पर 40 से लेकर 70 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत किसानो को कृषि यंत्र पर दी जाने वाली सब्सिडी कि राशि का भुगतान लाभार्थी किसान के बैंक खाते में आवेदन करने के बाद किया जाता है।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इन यंत्रों के इस्तेमाल से किसानों को कृषि कार्य में लगने वाले समय में कमी आएगी साथ ही लागत में भी कमी होगी।
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