प्रकाशित - 05 Mar 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
धान किसानों के लिए खुशखबर सामने आई है। प्रदेश के धान किसानों के खाते में जल्द ही सरकार की ओर से धान बोनस के रूप में 13,000 करोड़ रुपए की राशि जमा कराई जाएगी। इसका लाभ प्रदेश के करीब 24 लाख से अधिक किसानों को होगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक जिन किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान की खरीद की गई है, उन्हें 12 मार्च को पैसा ट्रांसफर किया जाएगा। यह पैसा डीबीटी के मध्यम से सीधा उनके खातों में जमा कराया जाएगा।
बता दें कि सरकार की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की खरीद की जाती है जिसका लाभ किसानों को मिलता है। लेकिन एमएसपी पर बोनस की घोषणा राज्य सरकार की ओर से की गई थी। ऐसे में प्रदेश के 24 लाख किसानों को एमएसपी के अलावा सरकार की ओर से धान पर बोनस भी दिया जाएगा जिसकी राशि राज्य सरकार 12 मार्च को किसानों के खाते में ट्रांसफर करने जा रही है। उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव के दौरान किसानों को बोनस देने की गारंटी की बात कही थी, अब प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर इस गारंटी को पूरा किया जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव से पहले धान का भाव 3100 रुपए प्रति क्विंटल देने का वादा किया था। ऐसे में खरीफ सीजन 2023-24 के लिए राज्य में एक नवंबर से 4 फरवरी तक धान की खरीद की गई। इसमें 24 लाख किसानों से एमएसपी पर करीब 147 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है। इसमें सामान्य ग्रेड धान का एमएसपी 2183 रुपए और ए ग्रेड के धान के लिए 2203 रुपए निर्धारित किया गया। ऐसे में किसानों को इसके तय रेट और एमएसपी की राशि में जो अंतर होगा उसका भुगतान किसानों के खाते में किया जाएगा। जैसे- 3100 रुपए बोनस सहित धान का मूल्य है और धान का एमएसपी 2183 है तो किसानों को इन दोनों का अंतर 917 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बोनस की राशि ट्रांसफर की जाएगी।
बीजेपी सरकार ने छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन 2023-24 के लिए एक नवंबर से 4 फरवरी तक किसानों से धान की खरीद की थी। इसमें 24 लाख किसानों से एमएसपी पर करीब 147 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया। इसमें सामान्य ग्रेड के धान के लिए 2183 रुपए और ए ग्रेड धान के लिए 2203 रुपए रेट निर्धारित किया गया था। बोनस देने के बारे में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अपने वादे के मुताबिक किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीद की गई है। सीजन में 147 लाख मीट्रिक टन धान किसानों से खरीदा गया है जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। किसानों को धान की खरीद का एमएसपी दिया गया है। इसके अलावा बीजेपी सरकार के वादे के अनुसार धान का मूल्य 3100 रुपए प्रति क्विंटल दिया जाएगा। इस तरह एमएसपी के बाद 917 रुपए प्रति क्विंटल का अंतर पाया गया है। अंतर की इस राशि को किसानों के खाते में ट्रांसफर किया जाएगा। यह राशि किसानों के खाते में 12 मार्च को ट्रांसफर कर दी जाएगी।
केंद्र सरकार की ओर से 2024-25 के दौरान गेहूं की खरीद का अनुमान करीब 300 से 320 एलएमटी है। 2023-24 रबी फसल में धान की खरीद 90 से 100 एलएमटी की सीमा में है। केंद्र ने रबी मार्केटिंग सीजन (आरएमएस) 2024-25 और खरीफ सीजन 2023-24 के दौरान खरीद पर चर्चा के लिए राज्य खाद्य सचिवों के साथ बैठक की थी। इसके बाद आगामी रबी सीजन 2024-25 के दौरान गेहूं की खरीद का अनुमान 300-320 लाख मीट्रिक टन की सीमा में निर्धारित किया गया है। खरीफ सीजन 2023-24 रबी फसल के दौरान धान की खरीद का अनुमान 90-100 लाख मीट्रिक टन की सीमा में तय किया गया था। राज्यों की ओर से एमएसपी पर खरीद के लिए करीब 6.00 एलएमटी मोटे अनाज या बाजारा (श्री अन्न) की मात्रा का भी अनुमान लगाया गया है। इस तरह पूरे देश में एमएसपी पर मोटे अनाज सहित अन्य फसलों को खरीदा जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ धान उत्पादक किसानों को खरीफ विपणन वर्ष 2014-15 और 2015-16 के बकाया बोनस की राशि राज्य सरकार ने दो महीने पहले जारी कर दी, लेकिन अभी भी करीब 36 हजार किसानों को अपने हिस्से की राशि नहीं मिल पाई है। यह बकाया राशि करीब 100 करोड़ रुपए बताई जा रही है। वहीं सरकार ने उन किसानों को राशि देने के लिए मुनादी भी करवाई है जिनको यह राशि दी जानी है। पुराने बोनस की राशि दिए जाने के लिए किसानों या उनके परिजनों का इंतजार किया जा रहा है। गांव के कोटवाल के माध्यम से भी सूचनाएं भिजवाई गई है तथा सोयायटियों के जरिये भी बचे हुए किसानों की तलाश की जा रही है। लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। कई किसानों ने जमीन बेच दी तो किसी ने बैंक खाता बंद करवा दिया तो किसी की मृत्यु हो जाने के कारण उनके वारिसों में दावे की लड़ाई चल रही है। इन वजहों से इन किसानों को बोनस की राशि नहीं बंट पाई है।
सहकारी बैंकों के सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने करीब 12 लाख किसानों को बकाया बोनस की राशि देन के लिए 3 हजार 716 करोड़ रुपए की राशि जारी की थी। इसमें से अधिकांश किसानों जिनके खाते दुरुस्त थे उनके खाते में बोनस की राशि ट्रांसफर कर दी गई है। लेकिन अभी भी एक लाख 75 हजार किसान ऐसे हैं जिनके हिस्से की राशि करीब 530 करोड़ रुपए अटक गए थे। सरकार ने इस राशि के निपटारे के लिए तहसीलदारों को काम पर लगवाया। इसके बाद दावे और खातों की जांच के बाद करीब 430 करोड़ रूपए का भुगतान हो गया लेकिन अभी भी 100 करोड़ रुपए का भुगतान होना शेष है।
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