प्रकाशित - 13 Dec 2023
सरकार की ओर से प्रति वर्ष न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) पर फसलों की खरीद की जाती है। इसके तहत रबी की 6 और खरीफ की 14 फसलों की खरीद किसानों से की जाती है। इस समय देश में खरीफ फसल की खरीद का काम जोर-शोर से चल रहा है। इसी कड़ी में राज्य में किसानों से मूंग व मूंगफली फसल की खरीद की जा रही है। इसके लिए पंजीयन सीमा को बढ़ा दिया गया है। अब किसान मूंग व मूंगफली के लिए 100 प्रतिशत तक पंजीयन करा सकते हैं।
जैसा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल बेचने के लिए पंजीयन कराए जा चुके हैं। इसके बाद भी अधिक से अधिक किसानों की फसल को समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिए राज्य में मूंग व मूंगफली की पंजीयन क्षमता को 90 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे अधिक से अधिक किसान समर्थन मूल्य पर अपनी मूंग व मूंगफली की फसल बेचकर न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
राजफेड के प्रबंध निदेशक संदेश नायक के मुताबिक जिन केन्द्रों पर पंजीयन क्षमता पूर्ण हो चुकी है वहां 20 प्रतिशत अतिरिक्त पंजीयन सीमा को बढ़ाया गया है। इससे उन किसानों को लाभ होगा जो अभी तक अपना पंजीयन नहीं करा पाए हैं। अब वे किसान पंजीयन कराकर अपनी उपज को खरीद केंद्र पर बेच सकेंगे। पंजीयन सीमा बढ़ाने से राज्य के करीब 29,000 से अधिक किसानों को इसका लाभ मिलेगा। मूंग एवं मूंगफली की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पंजीयन सीमा बढ़ाने से मूंग के लिए 12,731 एवं मूंगफली के लिए 17,025 किसानों को लाभ होगा। इस तरह कुल 29,756 अतिरिक्त किसान अपनी मूंग व मूंगफली की फसल बेचने के लिए पंजीयन करवा सकेंगे।
राज्य सरकार की ओर से मूंग, उड़द, मूंगफली एवं सोयाबीन की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही खरीद में अब तक मूंग के लिए 32,945 किसानों ने पंजीयन कराया है। वहीं मूंगफली के लिए 9,443 किसानों द्वारा रजिस्ट्रेशन कराया गया है। अभी पंजीयन जारी हैं, ऐसे में राज्य के किसान निर्धारित लक्ष्य सीमा तक पंजीयन करा कर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी फसल बेचकर लाभ उठा सकते हैं।
प्रबंध निदेशक के अनुसार अब तक राज्य के 5584 किसानों से 11,487 मीट्रिक टन मूंग एवं मूंगफली की खरीद की जा चुकी है, जिसकी राशि करीब 98 करोड़ रुपए है। उड़द एवं सोयाबीन के बाजार भाव समर्थन मूल्य से अधिक होने के कारण किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल बेचने में रूचि नहीं ले रहे हैं। वे अपनी फसल बाजार में ऊंचे भावों पर बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं। ऐसे में उड़द व सोयाबीन की फसल की एमएसपी पर खरीद बहुत कम हो पा रही है।
राजस्थान सरकार की ओर से मूंग व मूंगफली की उपज खरीद का काम जारी है। ऐसे में राजस्थान के किसान मूंग व मूंगफली की उपज बेचने के लिए ई-मित्र के माध्यम से पंजीयन करा सकते हैं। पंजीयन के बाद किसानों को उनकी उपज तुलाई के लिए तारीख का आवंटन किया जाएगा। किसान दलहन व तिलहन की फसल को सुखाकर व साफ-सुथरा करके निर्धारित नमी की मात्रा के अनुरूप तुलाई केंद्र पर लेकर आएं।
एमएसपी पर मूंग व मूंगफली की फसल बेचने के लिए किसानों को पहले पंजीयन कराना होगा। पंजीयन के लिए उन्हें कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। पंजीयन के लिए आपको जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, वे दस्तावेज इस प्रकार से हैं
यदि किसानों को एमएसपी पर फसल बेचने में कोई परेशानी आ रही है तो इसके लिए भी राज्य सरकार ने किसान हेल्पलाइन नंबर 1800-180-6001 जारी किया है। किसान इस हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से अपनी समस्या का समाधान करवा सकते हैं।
केंद्र सरकार की ओर से हर साल रबी व खरीफ सीजन में अधिसूचित फसलों के लिए एमएसपी की घोषणा की जाती है। खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 के लिए खरीफ फसलों के लिए जो एमएसपी तय की गई है, वे इस प्रकार से है
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