प्रकाशित - 12 Jan 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसान फसल की बढ़वार के लिए खाद व उर्वरक का उपयोग करते हैं। भारत में फसलों में डाले जाने वाले उर्वरक में सबसे अधिक यूरिया का इस्तेमाल बहुत बड़ी मात्रा में किया जाता है। यूरिया डालने से फसल की पैदावार ज्यादा प्राप्त होती है, ऐसा किसान मानते हैं, लेकिन यूरिया का अत्यधिक उपयोग फसल को जहरीला बना देता है। ऐसे में किसानों को संतुलित मात्रा में यूरिया का इस्तेमाल अपनी खेती में करना चाहिए।
वहीं अच्छे उत्पादन के लिए यूरिया के साथ कभी भी इसी तरह के अन्य उर्वरक का प्रयोग नहीं करना चाहिए जो इसकी जगह उपयोग में लिया जाता हो। जैसे आजकल नैनो यूरिया जो तरल रूप में आता है उसकी चर्चा काफी हो रही है। बताया जा रहा है कि नैनो यूरिया के इस्तेमाल से किसान की उपज में कमी आई और उसका फसल का उत्पादन 2 क्विंटल तक गिर गया। इसी तरह कई जगहों से नैनो यूरिया के इस्तेमाल पर इसका प्रभाव उपज की कमी के रूप में दिखाई दिया। इसे लेकर पंजाब एग्रीकल्चर यूर्निवर्सिटी (पीएयू) के एक शोध के अनुसार नैनो यूरिया के उपयोग से फसल की पैदावार पर नकारात्मक प्रभाव, प्रोटीन सामग्री में उल्लेखनीय गिरावट और खेती के खर्च में समग्र बढ़ोतरी को उजागर किया है। इस यूनिवर्सिटी की ओर से नैनो यूरिया पर किए गए शोध के जो परिणाम आए, वे इसके द्वारा पैदावार बढ़ाने के दावे पर प्रश्न चिह्न लगाते हैं।
नैनो यूरिया को लेकर हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये विकसित भारत संक्ल्प यात्रा के लाभार्थियों से बातचीत की। इस दौरान पीएम मोदी ने प्राकृतिक खेती के चलन पर चर्चा करते हुए कहा कि किसान रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को नियंत्रित करें। साथ ही उन्होंने कहा कि किसान यूरिया के साथ नैनो यूरिया का उपयोग न करें, केवल नैनो यूरिया का ही इस्तेमाल करें। ऐसे में जो किसान यूरिया का प्रयोग कर रहे हैं, वे इसके साथ नैनो यूरिया का प्रयोग नहीं करें। वहीं जो किसान नैनो यूरिया का प्रयोग कर रहे हैं वे सिर्फ नैनो यूरिया का ही प्रयोग करें, इसके साथ यूरिया का इस्तेमाल नहीं करें। ऐसा माना जा रहा है यूरिया के साथ नैनो यूरिया के प्रयोग से पैदावार में कमी आ सकती है।
पंजाब एग्रीकल्चर यूर्निवर्सिटी (पीएयू) की रिसर्च ने इफकाके के नैनो यूरिया के उपयोग प्रोटोकॉल का पालन किया जिसके कारण पारंपरिक नाइट्रोजन-उर्वरक के अनुप्रयोग की तुलना में धान और गेहूं की पैदावार में कमी देखी गई है। नैनो-यूरिया के उपयोग से गेहूं की पैदावार में 21.6 प्रतिशत और धान की पैदावार में 13 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। प्रयोग से यह भी सामने आया कि नैनो-यूरिया के इस्तेमाल से जमीन के ऊपर टिलर बायोमास और जड़ की घनत्वता में भी कमी देखी गई है।
इस अवसर पर पीएम मोदी ने किसानों को सलाह देते हुए कहा है कि देश के किसान से मैं आग्रह करता हूं कि वे यूरिया व नैनो यूरिया दोनों का उपयोग न करें। जहां भी उपलब्ध हो, नैनो का ही उपयोग करें। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जब सरकार सबका साथ, सबका विकास की भावना के साथ काम करती है तो योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाता है। इसके बाद भी यदि कोई छूट जाता है तो मोदी की गांरटी की गाडी उस तक लाभ पहुंचा देगी। उन्होंने कहा कि सरकार पैक्स को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही है और सरकार की ओर से दो लाख भंडारण इकाईयां बनाने की योजना है।
ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको ट्रैक्टर इंडस्ट्री और खेती से संबंधित सटीक जानकारी देकर अपडेट रखता है। ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों के नए मॉडल और उनके उपयोग की जानकारी आपको सबसे पहले ट्रैक्टर जंक्शन पर मिलती है। हम सरकारी योजनाओं की खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित करते हैं। हमारी वेबसाइट पर प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों न्यू हॉलैंड ट्रैक्टर, पॉवर ट्रैक ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट सबसे ज्यादा पढ़ी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।
अगर आप किफायती कीमत पर नया ट्रैक्टर खरीदना चाहते हैं तो महिंद्रा, स्वराज, टैफे, सोनालिका, जॉन डियर आदि कंपनियों में से उचित ट्रैक्टर का चयन कर सकते हैं। साथ ही हम आपको ट्रैक्टर लोन की सुविधा भी प्रदान करते हैं।
अगर आप नए जैसे पुराने ट्रैक्टर व कृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपने ट्रैक्टर या कृषि उपकरण का अधिकतम मूल्य मिले तो अपने बिकाऊ ट्रैक्टर / कृषि उपकरण को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।