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गेहूं की कटाई करते समय रखें इन खास बातों का ध्यान, नहीं होगा नुकसान

प्रकाशित - 08 Apr 2024

जानें, गेहूं की कटाई करते समय ध्यान रखने वाली खास बातें

गेहूं की कटाई का समय चल रहा है। किसान अप्रैल माह में गेहूं की कटाई कर रहे हैं। कई जगह पर तो गेहूं की कटाई शुरू हो गई है जबकि कई जगह इसकी कटाई के लिए इंतजार किया जा रहा है। किसानों का मानना है कि देर से कटाई करने पर इस बार गेहूं की अधिक पैदावार मिल सकती है। इसी कड़ी में आईएआरआई दिल्ली के कृषि वैज्ञानिकों की ओर से गेहूं की खेती (wheat cultivation) करने वाले किसानों के लिए गेहूं की कटाई को लेकर जरूरी सलाह जारी की है ताकि किसानों को गेहूं की कटाई (wheat harvesting) से अधिक लाभ मिल सके।

गेहूं की कटाई करते समय किसान किन बातों का रखें ध्यान (What things should farmers keep in mind while harvesting wheat)

गेहूं किसानों के लिए गेहूं की कटाई के संबंध में जो सलाह पूसा वैज्ञानिक ने जारी की है। इसमें गेहूं की कटाई करते समय किसानों को जिन बातों का ध्यान रखने की सलाह दी गई है वे इस प्रकार से है-

  • पूसा वैज्ञानिक डॉ. राजीव कुमार सिंह के मुताबिक गेहूं की कटाई के लिए सुबह का समय सबसे अधिक उपयुक्त माना जाता है। ऐसे में किसानों को सुबह के समय गेहूं की कटाई करनी चाहिए।
  • यदि गेहूं की कटाई हाथ से की जा रही है तो फसल के बंडल को 3 से 4 दिन खेत में छोड़ दिया जाना चाहिए ताकि सूखने के बाद उसमें नमी की मात्रा कम हो सके।
  • किसानों को गेहूं की सभी किस्मों की कटाई अप्रैल के अंत तक कर लेनी चाहिए।
  • जो किसान दराती, हंसिया या फिर रीपर मशीन की सहायता से गेहूं की फसल की कटाई करना चाहते हैं तो उन्हें कटाई करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे फसल को सतह से 4 से 5 सेंटीमीटर ऊपर से काटें।
  • फसल कटाई के लिए तैयार है इस बात का पता किसान नीचे दिए गए तरीके से आसानी से लगा सकते हैं। यदि फसल की कटाई करते समय उन्हें बीज से कट की आवाज सुनाई देती है तो समझ जाएं कि फसल कटाई के लिए पूरी तरह से तैयार है।
  • फसल कटाई के दौरान दाने की नमी करीब 15 से 20 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • यदि फसल कटाई के दौरान कहीं भी बीज की नमी अधिक लगती है, तो उसे खेत में ही छोड़कर करीब चार से पांच दिन सूखने देना चाहिए। सूखने के बाद ही इसकी मड़ाई करनी चाहिए।
  • यदि किसान फसल की कटाई देर से करते हैं तो इससे फसल की गुणवत्ता पर बुरा असर देखने को मिल सकता है। साथ ही फसल को चिड़िया और चूहे द्वारा भी नुकसान पहुंचाया जा सकता है।

गेहूं बीज उत्पादक किसानों के लिए सलाह (Advice for wheat seed producing farmers)

पूसा संस्थान के डॉ. राजीव कुमार के मुताबिक जो किसान इस समय गेहूं के बीज के उत्पादन कार्य में लगे हुए हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे इस समय रोगिंग यानी खेत से अवांछित पौधों को निकालने का काम करें, क्योंकि बीज उत्पादन की क्वालिटी बनाए रखने के लिए अवांछित पौधों को गेहूं की कटाई से पहले करीब एक या दो बार उनकी रोगिंग करके निकाल देना चाहिए ताकि बीज की गुणवत्ता बनी रहे। रोगिंग करने से किसान को काफी फायदा होता है। गेहूं की एक बाली में करीब 50-55 दानों की संख्या होती है। यदि इसमें थोड़ी भी अवांछित पौधों की संख्या पाई जाती है तो यह बीज की क्वालिटी को प्रभावित कर सकता है जो बीज उत्पादक किसान के लिए सही नहीं है। क्योंकि बेहतर क्वालिटी के बीजों की बुवाई से ही अच्छी फसल का उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। बता दें कि बहुत से किसान अपना बीज उत्पादन करके उसे ही अगली बार बुवाई के काम में लेते हैं, इसलिए ऐसे में गेहूं के बीजों की क्वालिटी को बनाए रखने पर विशेष जोर दिया जाता है।  

इस बार देश में कितना गेहूं उत्पादन का है अनुमान (How much wheat production is expected in the country this time)

भारत में फसली वर्ष 2023-24 में गेहूं का उत्पादन 11.4 करोड़ टन होने का अनुमान है जो अपने आप में एक रिकार्ड होगा। ऐसे में सरकार की ओर से रबी विपणन सीजन 2024-25 में पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) यानी एमएसपी (MSP) पर 7 गुना गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा गया है। सरकार की ओर से इस बार 310 लाख टन गेहूं की खरीद किए जाने का लक्ष्य है।

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