प्रकाशित - 17 Apr 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
इस बार बेमौसमी बारिश से किसानों की गेहूं की फसल (wheat crop) को काफी नुकसान हुआ है। अधिकांश किसानों का गेहूं बारिश से भीग गया जिसके कारण गेहूं में नमी बनी हुई है। मौसम की प्रतिकूलता से दाना सुकुड़ गया है और टूट गया है। इस तरह इस बार प्रतिकूल मौसम ने गेहूं की फसल में नुकसान करके किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। इसी बीच सरकार ने किसानों के हित में बड़ा फैसला किया है कि सरकार, किसानों से सुकुड़ा, टूटा और नमी वाला गेहूं भी एमएसपी खरीदेगी। सरकार के इस फैसले का लाभ लाखों किसानों को मिलेगा। ये फैसला केंद्र सरकार ने कुछ राज्यों के लिए किया है। बता दें कि इस बार जलवायु परिवर्तन के कारण बार-बार बेमौसमी बारिश से गेहूं की फसल प्रभावित हुई है। इससे इसका दाना छोटा और उसकी चमक खराब हाे गई है। ऐसे में गेहूं की क्वालिटी प्रभावित हुई है जिससे बाजार में इस गेहूं को बेचने में किसानों हो बहुत परेशानी आ रही है। इस बात को ध्यान रखते केंद्र सरकार ने कुछ राज्यों को कम क्वालिटी वाले गेहूं की एमएसपी पर खरीद करने को हरी झंडी दे दी है।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में आपको कम क्वालिटी वाले गेहूं की एमएसपी (wheat msp) पर किस रेट पर खरीद होगी और खरीद के क्या नियम रहेंगे आदि बातों की जानकारी दे रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार ने कुछ राज्यों में गेहूं की सरकारी खरीद में बड़ी छूट दी है। इसके तहत 80 प्रतिशत तक लस्टर लॉस वाली और 18 प्रतिशत तक सिकुड़े-टूटे गेहूं को खरीदने की छूट दी गई है। इस संबंध में एक पत्र भी जारी किया गया है जिसमें हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला द्वारा केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल को 5 अप्रैल को लिखे पत्र का हवाला देते हुए कहा गया है कि भारी बारिश के कारण हुए नुकसान को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार की ओर से रबी सीजन 2023-24 में लस्टर लॉस और सिकुड़े-टूटे गेहूं की खरीद में छूट देने की मांग को स्वीकार कर लिया गया है।
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इतना ही नहीं यदि गेहूं में चमक कम है उस गेहूं पर भी किसानों को एमएसपी का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने प्रमुख खरीद जिलों कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद, सिरसा, जींद और यमुनानगर से रिपोर्ट ली गई है। कम क्वालिटी वाले गेहूं की खरीद को लेकर जो नियम तय किए गए है, वे इस प्रकार से हैं
केंद्र सरकार की ओर से रबी और खरीफ विपणन सीजन के लिए अलग- अलग न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की जाती है और उसी तय किए गए एमएसपी पर राज्य सरकारें अपने यहां किसानों से फसल की खरीद करती है। इस बार केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है, जो पिछले विपणन सीजन में 2015 रुपए प्रति क्विंटल था जिसमें इस सीजन के लिए 110 रुपए की बढ़ोतरी की गई है।
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