धान की बुवाई के लिए किसानों को मिलेगी मुफ्त बिजली

Share Product प्रकाशित - 08 Jun 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

धान की बुवाई के लिए किसानों को मिलेगी मुफ्त बिजली

जानें, किन किसानों को होगा मुफ्त बिजली का लाभ और कब से शुरू होगी सप्लाई

धान की खेती (Paddy farming) करने वाले किसानों के लिए खुशखबर है। धान किसानों को फसलों की सिंचाई में सुविधा हो, इसके लिए पहले से इंतजाम किए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार सोमवार से ही धान फसलों की बुबाई शुरू होने के साथ ही किसानों को मुफ्त बिजली (free electricity) देगी। ऐसा कहा जा रहा है कि 10 जून से धान की बुवाई (Paddy Sowing) का काम शुरू हो जाएगा, उसी समय से सरकार किसानों को मुफ्त बिजली की सुविधा मुहैया कराएगी। खास बात यह है कि इस बार भी किसानों को पिछले सीजन की तरह ही रोजना 8 घंटे मुफ्त बिजली की सुविधा दी जाएगी। इधर विद्युत विभाग ने भी किसानों को 8 घंटे बिजली देने के लिए अपने स्तर पर पूरी तैयारी कर ली है।

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धान सीजन में बिजली की बढ़ेगी मांग

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) का कहना है कि उसने धान के सीजन के लिए बिजली की मांग को पूरा करने के लिए तैयारी कर ली है। जबकि उसे पहले से ही बिजली की उच्च मांग का सामना करना पड़ रहा है, जो मई में 14,500 मेगावाट तक पहुंच गई थी। पीएसपीसीएल का कहना है कि 14.5 लाख से अधिक ट्यूबवैल के जरिये धान के खेतों में भूमिगत जल निकालने के बाद 16,500 मेगावाट को पार करने की संभावना है। तकनीकी खराबी के कारण राज्य के कई भागों में पहले से ही बिजली का संकट बना हुआ है।

राज्य में किस दिन से शुरू होगा धान की रोपाई का काम

राज्य सरकार की घोषणा के अनुसार वह किसानों को आठ घंटे बिजली की आपूर्ति करेगी। राज्य के कई भागों में 10,16,19 और 21 जून को धान की बुवाई का काम शुरू किया जाएगा। धान बुवाई कार्यक्रम को लागू करने के लिए राज्य को चार क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। पीएसपीसीएल सूत्रों का कहना है कि बिजली की मांग इस बार पिछले साल के मुकाबले अधिक होने की संभावना है। पिछले साल बिजली की मांग 15,300 मेगावाट थी लेकिन इस बार 16,500 मेगावाट तक पहुंचने की संभावना है। उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए यदि बिजली की मांग 16,500 मेगावाट से अधिक हो जाती है तो इसमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए। पीएसपीसीएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 540 मेगावाट गोइंदवाल साहिब थर्मल प्लांट के अधिग्रहण के बाद राज्य में बिजली उत्पादन बढ़ाकर मांग को पूरा करने की व्यवस्था की गई है।

एक ट्यूबवैल आठ घंटे कितनी करता है बिजली खर्च

विशेषज्ञों के अनुसार एक टयूबवैल औसतन आठ घंटे बिजली आपूर्ति के साथ प्रति सप्ताह 30.24 लाख लीटर पानी निकलाता है। धान की खेती (Paddy cultivation) के बढ़ते रकबे कारण राज्य के 108 ब्लॉक डार्क जोन में चले गए हैं। बता दें कि पंजाब में किसानों को फ्री बिजली दी जाती है। वहीं घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट फ्री बिजली मिलती है।

पंजाब में कितने क्षेत्र में होती है धान की खेती

धान उत्पादन में तमिलनाडु के बाद पंजाब देश में दूसरे स्थान पर है। पंजाब के 17 जिलों में धान की खेती की जाती है जिनमें फतेहगढ़, संगरुर, लुधियाना, मोगा, फिरोजपुर, भटिंडा, जालंधर, कपूरथला, नवांशहर, फरीदकोट, पटियाला, मुक्तसर, मनसा, रोपड, अमृतसर, हाशियारपुर व गुरुदासपुर शामिल हैं। यह सभी जिलों में धान का काफी अच्छा उत्पादन होता है। वित्तीय वर्ष 2023 में पंजाब में चावल का उत्पादन 13 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक हुआ था। 

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