प्रकाशित - 04 Nov 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
रबी की प्रमुख फसलों में सरसों (Mustard) का भी अपना एक अलग स्थान है। यह एक तिलहनी फसल है जिसका तेल निकाला जाता है। सरसों व उसके तेल के बाजार भाव (Oil Market Price) अन्य फसलों की अपेक्षा सही मिल जाते हैं। ऐसे में अधिकांश किसान इसकी खेती करते हैं। एक तरह से देखा जाए तो सरसों की खेती से किसान काफी अच्छा पैसा कमा सकते हैं। हालांकि इसके लिए बाजार पर नजर और भावों में उतार-चढ़ाव की जानकारी रखनी जरूरी है ताकि इससे बेहतर लाभ लिया जा सके। जैसा कि अभी रबी सीजन में जिन किसानों ने सरसों की फसल बोई है और वह फसल 10 से 20 दिन की हो गई है तो ऐसे समय में इसकी देखभाल करना और उसकी सुरक्षा करना जरूरी हो जाता है, क्योंकि यही वह समय होता है जब सरसों की फसल में रोग-कीट का हमला होता है और फसल को नुकसान होने की संभावना रहती है। ऐसे में यदि हम शुरू में ही सरसों की फसल काे नुकसान पहुंचाने वाले कीटों को नियंत्रण के उपाय कर लें तो सरसों की फसल का बेहतर उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको सरसों की प्रारंभिक अवस्था में कीट-रोग से बचने के उपाय बता रहे हैं ताकि आप सरसों की बेहतर पैदावार प्राप्त कर सकें।
सरसों में अंकुरण के बाद सरसों की फसल को पेंटेड बग कीट (painted bug insect) का प्रकोप होता है। यह कीट 7 से 10 दिन की अवस्था में पौधे की पत्तियों का रस चूसकर फसलों को पूरी तरह से नष्ट कर देता है। ऐसे में इस कीट से फसल को बचाने के उपाय किसानों को करने चाहिए। इसी प्रकार एक दूसरा कीट आरा मक्खी कीट (saw fly insect) भी सरसों की फसल को नुकसान पहुंचाती है। इस कीट की सूंडी फसल को नुकसान पहुंचाती है और पौधे को पत्ती रहित कर देती है। केवल डंठल रह जाता है। ऐसे में किसानों के लिए सरसों की फसल की प्रारंभिक अवस्था में निगरानी करना बेहद आवश्यक है।
सरसों में पेंटेड बग व आरा मक्खी का प्रकोप अधिक होता है। इन कीटों से सरसों की फसल को काफी नुकसान होता है, इसके लिए किसान कुछ नीचे दिए गए उपाय अपना सकते हैं
सरसों की फसल में कीटों का प्रकोप होने पर किसान इसके नियंत्रण के लिए रासायनिक उपाय भी अपना सकते हैं। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार पेंटेड बग कीट के नियंत्रण के लिए थामोमिथेक्साम 30 एफएम, 5.0 ग्राम या इमिडाक्लोपिड 48 एफ.एस. 6.0 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से बीजोपचार करके बुवाई करनी चाहिए। वहीं पेंटेड बग और आरामक्खी कीट की रोकथाम के लिए क्यूनालफॉस 1.5 प्रतिशत चूर्ण 20-25 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर की दर से सुबह या शाम के समय छिड़काव करना चाहिए।
सरसों की फसल में चेपा या माहू कीट का प्रकोप भी होता है। यह एक पंखहीन या पंखयुक्त हल्के स्लेटी या हरे रंग के 1.5-3.0 मिमी, लंबे, चुभाने एवं चूसने वाले मुखांग वाला छोटा कीट होता है। इस कीट के शिशु एवं प्रौढ़ पौधों के कोमल तनों, पत्तियों, फूलों एवं नई फलियों से रस चूसकर उसे कमजोर एवं क्षतिग्रस्त तो करता ही है, साथ ही रस चूसते समय पत्तियों पर मधुस्त्राव भी करते हैं। इस मधुस्त्राव पर काले कवक का प्रकोप हो जाता है तथा प्रकाश संश्लेषण की क्रिया बाधित हो जाती है। इस कीट का प्रकोप दिसंबर-जनवरी से लेकर मार्च तक रहता है।
चेपा या माहू कीट पर नियंत्रण के लिए आप प्राकृतिक और रासायनिक दोनों तरह के उपाय अपना सकते हैं। चेपा या माहू कीट पर नियंत्रण के लिए जिन तरीकों को अपनाया जा सकता है, वे इस प्रकार से हैं
किसानों को सलाह : किसी भी रासायनिक दवा का इस्तेमाल करने से पहले कृषि विभाग के अधिकारियों से दवा के संबंध में पूरी जानकारी लेनी चाहिए और दवा का छिड़काव किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही करना चाहिए। इसके अलावा दवा का छिड़काव करते समय मुंह अच्छी तरह ढके इसके लिए शरीर पर पूरे कपड़े पहने, हाथ में दस्तानों का उपयोग करें और इसके बाद ही किसी रासायनिक दवा का फसलों पर छिड़काव करें।
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