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गन्ने के साथ शुरू करें इस फसल की खेती, दुगुनी हो जाएगी इनकम

प्रकाशित - 09 Dec 2023

जानें, गन्ने के साथ किस फसल की खेती से बढ़ेगी आदमनी और क्या है इसका तरीका

गन्ने की खेती (Sugarcane field) करने वाले किसान अपनी आमदनी को लेकर काफी चिंतित रहते हैं। अभी भी कई राज्यों में गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बहुत कम है जिससे गन्ने की लागत के हिसाब से किसानों को गन्ने की फसल से जितना लाभ होना चाहिए, वह नहीं हो पाता है। ऐसे में किसान अपनी आमदनी कैसे बढ़ाएं तो आज हम आपको बताएंगे कि आप गन्ने के साथ किस फसल की खेती करें जिससे आपकी आय में बढ़ोतरी हो सके। गन्ना एक लंबी अवधि की फसल है और इसके बीच में काफी जगह भी होती है। ऐसे में किसान गन्ने के साथ कम अवधि की फसल उगाकर उससे अच्छा लाभ कमा सकते हैं।

वैसे तो गन्ने के साथ कई फसलें उगाई जा सकती है। लेकिन इसमें से यदि किसान गन्ने के साथ आलू की खेती करें तो उसे काफी अच्छा लाभ मिल सकता है। आलू की मांग बाजार में बारह महीने रहती है। इसके भाव भी बाजार में ठीक-ठाक मिल जाते हैं। ऐसे में आलू की खेती गन्ने की फसल के बीच में बची हुई जगह पर की जा सकती है। इससे खाली जगह का उपयोग भी होगा और आलू की फसल बेचने से अतिरिक्त लाभ भी।

आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से किसानों को “गन्ने की फसल के साथ आलू की खेती कैसे करें” के बारे में जानकारी दे रहे हैं, तो आइये जानते हैं कैसे की जाती है गन्ने के साथ आलू की खेती।

गन्ने के साथ आलू की खेती से कितना हो सकता है लाभ (How much profit can be made from cultivating potatoes with sugarcane)

गन्ने के साथ आलू की खेती (Farming of potato) करने से किसानों को बहुत लाभ हो सकता है। गन्ने की खेती के साथ आलू की खेती करने पर किसान एक फसल के खर्च में दो फसल उगाकर लाभ कमा सकते हैं। इसमें सिंचाई, खाद, उर्वरक का खर्चा नहीं होगा और इससे मुनाफा भी दोगुना होगा। एक अनुमान के मुताबिक गन्ने की उन्नत विधि से खेती करने पर 12 माह के बाद प्रति एकड़ गन्ने की 35 से 38 टन तक उपज मिल जाती है। वहीं शरदकालीन गन्ने की खेती के साथ किसान आलू, सरसों, मटर, प्याज, राजमा की खेती कर सकते हैं। इससे तीन से चार माह के अंदर 40 से 50 हजार रुपए की अतिरिक्त आय प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा गन्ने की खेती से जो लाभ प्राप्त होगा वह अलग है।

यह किसान कर रहे हैं गन्ने के साथ आलू की खेती

बिहार के सिवान जिले के विष्णुपुरा गांव के रहने वाले गोरख सिंह गन्ने साथ आलू की खेती करते हैं। इस बार इन्होंने पांच कट्‌ठे में एक साथ गन्ना और आलू की खेती की है। इसकी खेती में उनका खर्च 6 से 7 हजार रुपए आया है। गोरख सिंह पशुपालन विभाग में लिपिक के पद पर रहे हैं। अधिकतर किसान मानते हैं कि आलू की खेती सरसों, मक्का, मटर, पालक, मूली के साथ की जा सकती है, लेकिन उन्होंने गन्ने के साथ आलू की खेती की और इससे उन्हें बेहतर लाभ मिल रहा है। गन्ने के साथ ही आलू की रोपाई करने से उन्हें एक ही खर्च में दो फसलें मिल रही है जिससे उनका मुनाफा दुगुना हो गया है।

कैसे करें गन्ने के साथ आलू की खेती (How to cultivate potatoes with sugarcane)

गन्ने साथ आलू की खेती में गन्ने को दो से तीन फीट की दूरी पर बोया जाता है। इसके बीच में एक से दो पंक्तियों में आलू की बुवाई की जाती है। गन्ने की बुवाई नाली व गड्‌ढ़ा विधि से की जाती है। गन्ना-आलू की सहफसली खेती से दोनों फसलों की पैदावार बढ़ जाती है। इस प्रकार से आलू की खेती से प्राप्त फसल से प्रति एकड़ 35 से 40 हजार रुपए की अतिरिक्त आमदनी प्राप्त की जा सकती है।

गन्ने की बुवाई के लिए अनुमोदित और उन्नत किस्में

गन्ने की बुवाई के लिए कई किस्में अनुमोदित की गई हैं। इसके अलावा इसकी कई अन्य उन्नत किस्में भी है जिनकी खेती से किसान बेहतर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। किसानों को गन्ने की खेती के लिए किस्मों का चयन अपने क्षेत्र के लिए अनुमोदित की गई किस्म के अनुसार करना चाहिए। गन्ने की शीघ्र व मध्यम देरी से पकने वाली अनुमोदित व उन्नत किस्में इस प्रकार से हैं।

गन्ने की शीघ्र पकने वाली किस्में

9 से 10 महीने की अवधि में पकने वाली गन्ने की किस्म को. 7314, को. 64 और कोसी 671 हैं जिसने प्रति एकड़ करीब 320 से 360 क्विंटल तक उपज प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा गन्ने की जल्दी पकाने वाली उन्नत किस्में को. 8209 से प्रति एकड़ 360 से 400 क्विंटल, को. 7704 से प्रति एकड़ 320 से 360 क्विंटल, को. 87008 से 320 से 360 क्विंटल प्रति एकड़ तक, को. 87010 से प्रति एकड़ 320 से 360 क्विंटल, को. जवाहर 86-141 से प्रति एकड 360-400 क्विंटल, को जवाहर 86-572 से प्रति एकड़ 360-400 क्विंटल तक उपज प्राप्त की जा सकती है।

गन्ने की मध्यम देरी से पकने वाली किस्में

इसी प्रकार गन्ने की मध्यम व देरी से पकने वाली अनुसंशित किस्में भी है जो 12 से 14 माह की अवधि में पककर तैयार हो जाती हैं। ऐसी किस्मों में को. 6304 जो प्रति एकड़ 380 से 400 क्विंटल, को. 7318 से प्रति एकड़ 400 से 440 क्विंटल, को. 6217 से प्रति एकड़ 360 से 400 क्विंटल तक उपज प्राप्त की जा सकती है। वहीं गन्ने की मध्यम व देरी से पकने वाली उन्नत किस्में भी हैं जिनसे अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। इन किस्मों में को. जवाहर 94-141 से प्रति एकड़ 400 से 600 क्विंटल, को जवाहर 86-600 से प्रति एकड़ 400 से 600 क्विंटल, को. जवाहर 86-2087 से प्रति एकड़ 400 से 600 क्विंटल तक उपज प्राप्त की जा सकती है।

आलू की बुवाई के लिए उन्नत किस्में

आलू की खेती के लिए कई उन्नत किस्में हैं जो अच्छा उत्पादन देती हैं। इन किस्मों में कुफरी चिप्सोना, कुफरी नीलकंठ, कुफरी पुखराज, कुफरी सिंदूरी, कुफरी अलंकार प्रमुख हैं। इसके अलावा आलू की और भी उन्नत किस्में हैं जो बेहतर पैदावार देती हैं।

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