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कई राज्यों में बारिश और ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद, सरकार ने दिए सर्वे के निर्देश

प्रकाशित - 22 Mar 2023

जानें, किन राज्यों में किसानों की फसलों को हुआ नुकसान और कैसे होगी नुकसान की भरपाई

जलवायु परिवर्तन का प्रभाव मौसम पर पड़ने से बेमौसमी बारिश ने किसानों को चिंता को बढ़ा दिया है। अभी पिछले दिनों हुई बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलों नुकसान हुआ है। इससे देश के कई राज्यों के किसानों को नुकसान हुआ है। मौसम की मार ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। किसी-किसी जगह तो फसलों को 70 प्रतिशत से भी अधिक फसलों को नुकसान पहुंचा है। ऐसे में किसानों को मौसम से हुए फसल नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने फसल नुकसान का सर्वे करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं। सर्वे कार्य के बाद नुकसान का आकलन कर किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। यहां ध्यान देने वाली बात ये हैं कि जिन किसानों की फसलों का बीमा है उन्हीं किसानों को फसल नुकसान की भरपाई की जाएगी।

आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में आपको विभिन्न राज्यों में हुए फसल नुकसान की रिपोर्ट और सरकार द्वारा फसल नुकसान पर किसानों को मुआवाजा दिए जाने के संबंध में जानकारी दे रहे हैं। 

देश में कहां-कहां हुई बारिश

इस समय हो रही बेमौसम की बारिश से देश के कई राज्यों में फसलों को नुकसान हुआ जिसमें मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश से फसल नुकसान की रिपोर्ट मीडिया में आ रही हैं। पिछले दिनों उत्तरप्रदेश, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश सहित देश के विभिन्न भागों में हवा के साथ बारिश हुई जिसमें कई जगह से बारिश से  फसलों को नुकसान के समाचार मिले हैं।

मध्यप्रदेश में फसलों को भारी नुकसान, सर्वे के निर्देश

मध्प्रदेश में 36 जिलों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। राज्य के मंदसोर, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, ग्वालियर, विदिशा, रायसेन, रीवा में किसानों की फसलों को 70 से लेकर 80 प्रतिशत तक फसलाें को नुकसान हुआ है। इसमें गेहूं की फसल(Wheat Crop) को नुकसान हुआ है। इसे देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक कर संबंधित अधिकारियों को सर्वे का कार्य जल्द पूरा करने के निर्देश दिए है ताकि किसानों को राहत पहुंचाई जा सके। उन्हें उनकी खराब हुई फसल का मुआवजा दिया जा सकें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को 25 मार्च तक सर्वे का पूरा करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मैं किसानों से वादा करता हूं कि उनकी खराब फसलों का पूरा मुआवजा मिलेगा। सरकार पीडित किसान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। सीएम की आला अफसरों के साथ हुई मिटिंग में बताया गया कि प्रदेश के 20 जिलों में असमय बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ है। 6 से 8 मार्च के बीच हुई बारिश के दौरान पहले फेस का सर्वे कार्य पूरा किया जा चुका है। इसके बाद 16 से 19 मार्च तक दूसरे फेस का सर्वे शुरू हो चुका है। सभी जगह सर्वे दल बनाए गए हैं जो फसल नुकसान का सर्वे कर रहे हैं। सर्वे दल में राजस्व, कृषि और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अमले को शामिल किया गया है। सर्वे कार्य पूरा होने के बाद पंचायत के ऑफिस में सर्वे की सूची चस्पा करने के आदेश भी दिए गए हैं।

कैसे की जाएगी फसल नुकसान की भरपाई

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सर्वे के बाद यदि किसी किसान की आपत्ति आती है तो उसका भी फौरन निपटारा किया जाए। पूरी पारदर्शिता और संवेदना के साथ कार्य किया जाना चाहिए। आरबीसी 6-4 के तहत फसल नुकसान की भरपाई की जाएगी। पशु हानि की पर भी किसानों को राहत पहुंचाई जाएगी।

राजस्थान में फसलों को नुकसान

बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से जयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर, कोटा, बूंदी, जोधपुर, भरतपुर, बीकानेर, उदयपुर, सीकर, झुंझुनूं, दौसा, करौली, टोंक, बारां, अलवर समेत प्रदेश के कई जिलों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है। खेतों में खड़ी फसल नष्ट हो गई है। किसानों ने सरकार से फसल बीमा योजना के तहत मुआवजे की मांग की है। भरतपुर में कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने अधिकारियों को दुबारा से गिरदावरी कराने और किसानों को उचित मुआवजा दिलाने निर्देश दिए है। इधर फसलों को हुए नुकसान मामला सोमवार को विधासभा में गूंजा इसमें किसानों को विशेष पैकेज दिए जाने की बात कही गई। इस पर आपदा प्रबंधन मंत्री गोविंदराम ने कहा कि जिन किसानों की फसलें खराब हुई हैं उनको मुआवजा मिलेगा। जहां तक विशेष पैकेज की बात है, उसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से चर्चा की जाएगी। जल्द ही कैबिनेट में इसको लेकर कोई निर्णय लिया जाएगा।

यूपी में इन जगह पर हुआ फसलों को नुकसान

उत्तरप्रदेश में झांसी सहित कई जिलों में बारिश के साथ ओलावृष्टि होने से फसलों को नुकसान पहुंचा है। यूपी में बारिश के साथ तेज हवा चलने से फसलों का नुकसान पहुंचा है। गेहूं की खड़ी फसल गिर गई है। वहीं सरसों की फलियां टूट कर बिखर गई हैं। हालांकि आलू की फसल को कोई नुकसान नहीं हुआ है लेकिन खुदाई का काम जरूर प्रभावित हुआ है। मौसम विभाग की मानें तो अभी कुछ दिन मौसम ऐसा ही रहने वाला है जो खेती के लिए संकट भरा बन सकता है।

महाराष्ट्र मे भी फसलों को नुकसान, मुआवजे की मांग

बेमौसमी बारिश से मराठवाड़ा में फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। यहां कई जिलों में फसलों को नुकसान हुआ है। अनुमान के मुताबिक यहां करीब 62000 हैक्टेयर में फसलों को नुकसान हुआ है। सबसे अधिक नुकसान औरंगाबाद, हिंगोली, नांदेड़, बीड, लातूर में देखने को मिला है। यहां फसलों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। यहां भी किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है।  

फसल नुकसान पर किसान कहां दे सूचना

फसल नुकसान की सूचना किसान को, जिस कंपनी से उसने अपनी फसलों का बीमा कराया है उस कंपनी को 72 घंटे के अंदर देनी होती है। फसल नुकसान की सूचना बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर पर दी जा सकती है। नुकसान की सूचना पर बीमा कंपनी की ओर से नियुक्त अधिकारी खेत में फसल नुकसान का सर्वे करता है। बीमा कंपनी के नियमों के अनुसार यदि फसल में 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान होता है तब ही बीमा कंपनी मुआवजा देती है। फसल नुकसान का सर्वे के बाद रिपोर्ट तैयार की जाती है। यदि फसलों में 33 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान होता है तो बीमा कंपनी की ओर से फसल नुकसान की भरपाई की जाती है। 

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