प्रकाशित - 23 Apr 2023
पशुपालन के इस दौर में किसान अच्छा मुनाफा के लिए ऐसे पशुओं के पालन करने में रुचि दिखा रहे हैं जिनकी मांग मार्केट में काफी ज्यादा हो। पशुपालन कई कारणों से किसानों के लिए महत्वपूर्ण है। जो पशुपालक, किसान होते हैं उनके खेतों में काफी फसल अवशेष बचते हैं साथ ही हरा चारा भी आसानी से मुहैया हो पाता है। अतः किसानों के लिए पशुपालन फायदे का सौदा है। यही वजह है कि ज्यादातर किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन के व्यवसाय से भी जुड़े हैं। इसके अलावा पशुओं से खेती में भी सहायता मिलती है। पशुओं से मिले गोबर और अपशिष्ट को खेतों में खाद के रूप में उपयोग में लाया जा सकता है। ट्रैक्टर जंक्शन के इस पोस्ट में हम ऐसे तीन पशु के बारे में या पशुपालन व्यवसाय की जानकारी दे रहे हैं जो किसानों के मुनाफे को बढ़ा सकता हैं।
मुर्गीपालन एक ऐसा व्यवसाय है जो ज्यादातर किसानों में उत्सुकता पैदा कर रहा है। मुर्गी से अंडे और मांस दोनों का व्यापार किया जा सकता है। बाजार में इन उत्पादों की काफी अच्छी मांग है। मुर्गीपालन से तो फायदा है ही साथ ही बता दें कि मुर्गी के अपशिष्ट को खाद के रूप में उपयोग करने से खेती में जबरदस्त पैदावार होती है। मुर्गीपालन करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। जैसे स्वस्थ मुर्गी-मुर्गों का चुनाव करें, उनकी देखभाल करें, समय-समय पर टीका लगवाएं, फार्म में स्वच्छता रखें आदि। इसके अलावा किसान इस व्यवसाय को करते हुए मुर्गी के किस्म का भी ध्यान रखें। किसान मार्केट की मांग को देखते हुए अलग-अलग किस्म की मुर्गियों का पालन कर सकते हैं। कुछ मुर्गीपालक किसान ब्रॉयलर मुर्गियों का पालन अधिक करते हैं। इन मुर्गियों का वजन ज्यादा तेजी से बढ़ता है। वहीं कई मुर्गीपालक मार्केट मांग को देखते हुए देशी मुर्गियों का भी पालन करते हैं। अगर किसान ब्रॉयलर मुर्गी का पालन करते हैं तो ब्रायलर चूजे की कीमत, भोजन, साफ-सफाई, चूजों के दवाई आदि की खरीद के बाद मुर्गीपालन में कुल लागत प्रति चूजा 30 से 45 रुपए के बीच होती है। वहीं अगर मुनाफा की बात करें तो मुर्गीपालन से खेतों के लिए खाद, अंडे और मांस प्राप्त होते हैं। एक किलो वजन का मुर्गा किसान सामान्यतः 70 से 90 रुपए तक बेच सकते हैं। हालांकि ये रेट क्षेत्रीय बाजार के मांग के हिसाब से थोड़ा बहुत कम ज्यादा हो सकता है। लेकिन प्रति मुर्गा किसानों की कमाई या मुनाफा सामान्यतः 25 से 40 रुपए तक की होती है। एक अनुमान के मुताबिक अगर किसान 1000 मुर्गियों का पालन करते हैं तो सालाना 3 लाख से 4 लाख रुपए तक की कमाई की जा सकती है।
किसान भेड़ का पालन कर ऊन का उत्पादन कर सकते हैं। बाजार में ऊन का रेट अच्छा-खासा रेट मिल जाता है। भेड़ से ऊन, चमड़ा आदि के व्यापार के अलावा भेड़ के मांस को भी बेचा जा सकता है। मार्केट में भेड़ के ऊन से बने स्वेटर, कमीज, मफलर, जैकेट आदि उत्पाद खूब बिकते हैं। अगर किसान भेड़ पालन करते हैं तो जरूरी है कि भेड़ों को एक स्वस्थ एवं सुविधाजनक वातावरण प्रदान किया जाए। उनकी अच्छे से देखभाल की जाए। अच्छी गुणवत्ता का चारा प्रदान किया जाए, भेड़ों को समय पर भोजन पानी दिया जाए, किसी भी बीमारी का इलाज समय रहते किया जाए। इसके अलावा बहुत ज्यादा जरूरी ये भी है कि भेड़ों की गुणवत्तापूर्ण ब्रीडिंग किया जाए। भेड़ के उत्पाद की मार्केट मांग काफी ज्यादा है। अगर लागत की बात करें तो भेड़ की नस्ल, किस्म, खुराक, दवाई और उपकरणों के खर्च को देखते हुए प्रति भेड़ 500 से 600 रुपए तक की लागत आ सकती है। वहीं एक भेड़ से प्रति महीने ऊन की पैदावार 100 ग्राम तक हो सकती है। इसके अलावा दूध और मांस का उत्पादन भी कर सकते हैं। इस तरह कुल ऊन से 40 रुपए, दूध से प्रति दिन 40 से 60 रुपए और मांस का अगर औसतन जोड़ें तो हर महीना 2 से 3 किलो वजन बढ़ने पर 600 से 800 रुपए की अतिरिक्त कमाई होगी।
भेड़पालन से कमाई का स्रोत | कमाई ( प्रति महीना ) |
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दूध | 1500 रुपए |
ऊन | 40 रुपए |
मांस | 800 रुपए |
कुल | 2340 रुपए |
इस तरह कुल मुनाफा प्रति भेड़ औसतन 1740 रुपए हो सकता है। अगर किसान 30 भेड़ का पालन करते हैं तो लगभग 30 से 40 हजार रुपए हर महीने कमाई कर सकते हैं।
गौपालन कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। यदि वे बजट का ध्यान रखें तो गौपालन एक अच्छा व्यवसाय साबित हो सकता है। चूंकि गाय के दूध, पनीर, दही आदि की मांग बाजार में सालों भर बनी रहती है। इसलिए किसान गाय पाल कर अच्छी कमाई कर सकते हैं। हालांकि गाय के पालने से कितनी कमाई होगी इसका कोई सटीक अंदाजा नहीं लगाया जा सकता क्योंकि गौपालन से कमाई कई सारी चीजों पर निर्भर करती है। जैसे गाय की उत्पादकता, गाय का ब्रीड, दूध की गुणवत्ता, बाजार मांग, गाय की दिन भर के खर्चे आदि। यदि किसान 10 से 20 गाय का पालन करते हैं तो सामान्यतः 30 से 50 हजार रूपए हर महीने कमाई की जा सकती है। गौपालन करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। जैसे गाय को अच्छा वातावरण प्रदान करना, हरा चारा और पौष्टिक आहार देना, गाय के स्वास्थ्य का देखभाल करना, अच्छी क्वालिटी का ब्रीडिंग देना आदि।
अगर गौपालन में लागत और मुनाफे की बात करें तो गौपालन में प्रति गाय 4000 से 5000 रुपए की लागत हर महीने आ सकते है। वहीं मुनाफे की बात करें तो अगर गाय सालाना 7 से 8 महीने औसतन 8 लीटर दूध देती है तो प्रति माह 10 से 12 हजार रुपए की कमाई एक गाय से की जा सकती है। जिसमें मुनाफा करीब 5 से 7 हजार के लगभग होगा। अगर तीन या 4 गाय का पालन करें तो सालाना प्रति माह 20 से 25 हजार रूपए की कमाई की जा सकती है।
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