प्रकाशित - 21 Nov 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
में सोयाबीन के भावों में तेजी दिखाई दे रही है। इससे सोयाबीन की खेती (soybean cultivation) करने वाले किसानों को लाभ होने की उम्मीद है। देश की विभिन्न मंडियों के भावों को देखें तो बदनावर मंडी में सोयाबीन भाव 6000 रुपए रहा। जबकि खरीफ सीजन 2023-24 के लिए सरकार की ओर से सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 4600 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है जो पिछले सीजन के मुकाबले 300 रुपए अधिक है। ऐसे में किसानों के लिए यह काफी अच्छी खबर है कि सोयाबीन का भावों में चमक दिखाई दे रही है। इससे जो किसान सोयाबीन के अच्छे भाव का इंतजार कर रहे हैं और इसका स्टॉक कर रखा है, वे इसे इस समय बेचकर बेहतर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
बाजार जानकारों की मानें तो किसी भी भंडारित सोयाबीन को बेचने का यह बेहतर समय है, इसके बाद सोयाबीन के भावों में गिरावट आ सकती है। बता दें कि मंडी के भावों में रोजना उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहती है, ऐसे में किसानों को अपनी स्टॉक की गई सोयाबीन की उपज बेचने के लिए देश की विभिन्न मंडियों के भावों की जानकारी कर लेनी चाहिए ताकि उन्हें निर्णय लेने में आसानी रहे।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको को देश की प्रमुख मंडियों में सोयाबीन के भाव और आगे बाजार का क्या रूख रह सकता है, इसके बारे में जानकारी दे रहे हैं।
देश की अलग-अलग मंडियों में सोयाबीन का भाव अलग-अलग बना हुआ है। अधिकांश मंडियों में सोयाबीन के भाव एमएसपी से ऊपर चल रहे हैं जिससे किसानों को मुनाफा हो सकता है। देश की प्रमुख मंडियों में सोयाबीन के भाव इस प्रकार से रहे
बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक यदि आपके यहां सोयाबीन का रेट 5400 से 5500 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है तो इसे सबसे अच्छा रेट मानें, क्योंकि पिछले दो महीनों में डीओसी (डी-ऑयल केक) के रेट बढ़े हैं। हालांकि दर में बढ़ोतरी का रूझान है लेकिन कृपया अपनी स्थानीय मंडी के रूझान की जांच करें और अंतिम निर्णय लें। हालांकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की दरें बढ़ी हैं। इसमें जल्द ही कमी आ सकती है। इसलिए सलाह दी जाती है कि किसी भी भंडारित सोयाबीन को अधिकतम दर पर बेचने का यह सही समय है। यह सलाह भारत की मंडियों में प्रचलित औसत दरों के अनुसार है और यह दर हर राज्य में थोड़ी भिन्न हो सकती है। इसलिए सोयाबीन को बेचने से पहले अपनी स्थानीय मंडी से भावों की जानकारी अवश्य कर लें।
देश में तिलहनी फसलों में सोयाबीन का दूसरा स्थान आता है। भारत में सोयाबीन का सबसे अधिक उत्पादन महाराष्ट्र में होता है, इससे पहले मध्यप्रदेश सोयाबीन का सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाला राज्य था। भारत में कुल उत्पादित सोयाबीन का 94 प्रतिशत भाग महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और राजस्थान में होता है। इंदौर में सोयाबीन रिसर्च सेंटर बनाया गया है जो किसानों की सोयाबीन की खेती के बारे में सहायता करता है। इंदौर में ही सोयाबीन की बड़ी मंडी भी है। सोयाबीन की बुवाई का सही समय जून के तीसरे सप्ताह से जुलाई के बीच का माना जाता है। सोयाबीन की फसल 100 से लेकर 130 दिन की अवधि में तैयार हो जाती है।
ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको ट्रैक्टर इंडस्ट्री और खेती से संबंधित सटीक जानकारी देकर अपडेट रखता है। हम किसानों को जागरूक और समृद्ध बनाने में विश्वास रखते हैं। ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों के नए मॉडल और उनके उपयोग की जानकारी आपको सबसे पहले ट्रैक्टर जंक्शन पर मिलती है। हम किसान को फायदा पहुंचाने वाली सरकारी योजनाओं की खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित करते हैं। हमारी वेबसाइट पर प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों इंडो फार्म ट्रैक्टर, डिजिट्रैक ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट सबसे ज्यादा पढ़ी जाती है जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।
अगर आप किफायती कीमत पर नया ट्रैक्टर खरीदना चाहते हैं तो महिंद्रा, स्वराज, टैफे, सोनालिका, जॉन डियर आदि कंपनियों में से उचित ट्रैक्टर का चयन कर सकते हैं। हम आपको सभी कंपनियों के नए ट्रैक्टर मॉडल की जानकारी कीमत, फीचर व स्पेसिफिकेशन्स के साथ देते हैं।
अगर आप नए जैसे पुराने ट्रैक्टर व कृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपने ट्रैक्टर या कृषि उपकरण का अधिकतम मूल्य मिले तो अपने बिकाऊ ट्रैक्टर / कृषि उपकरण को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।