चावल की कीमतों में आया उछाल, जानें, देश की प्रमुख मंडियों के ताजा भाव

Share Product प्रकाशित - 14 Sep 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

चावल की कीमतों में आया उछाल, जानें, देश की प्रमुख मंडियों के ताजा भाव

सरकार ने लगाया टूटे चावल के निर्यात पर बैन

मानसून की अनियमितता के कारण कई राज्यों में सूखे की स्थिति को देखते हुए किसान धान की बुवाई नहीं कर पाएं हैं। वहीं हरियाणा में किसानों को धान की बुवाई नहीं करने के लिए प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। ऐसे में इस बार धान उत्पादक राज्यों में धान की खेती का रकबा कम रहा है। इससे देश के धान उत्पादन में करीब 50 लाख टन की कमी आ सकती है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने फिलहाल टूटे चावल के निर्यात पर बैन लगा दिया है। इधर कम धान उत्पादन की संभावना के चलते चावल के भावों में तेजी का रूझान देखने को मिल सकता है। बाजार में चावल की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। 

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इस बार कितना कम हो सकता है धान का उत्पादन

इस बार देश में खरीफ सीजन 2022 के लिए धान के रकबे में कमी आई है। इससे धान के उत्पादन में कमी की संभावना व्यक्त की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देश में खरीफ सीजन 2022 के लिए धान के रकबे और उत्पादन में संभावित कमी करीब 6 प्रतिशत है। 2021 में खरीफ के लिए अंतिम रकबा 403.58 लाख हेक्टेयर था। कृषि मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक 325.39 लाख हेक्टेयर का रकबा कवर किया जा चुका है। घरेलू उत्पादन में, 60-70 एलएमटी अनुमानित उत्पादन कमी का अनुमान है लेकिन कुछ क्षेत्रों में मानसून की अच्छी बारिश के कारण, उत्पादन हानि घटकर 40-50 एलएमटी तक सीमित रह सकती है।

भारत ने लगाया टूटे चावल के निर्यात पर बैन

देश में इस बार कम धान उत्पादन की आशंका के कारण केंद्र सरकार ने टूटे चावलों के निर्यात पर बैन लगा दिया है ताकि देश में चावल की कमी नहीं हो और उसके भाव नियंत्रण में रहे। इसके लिए केंद्र सरकार ने चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। बता दें कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक है। ग्लोबल चावल व्यापार में इसकी 40 फीसदी हिस्सेदारी है। भारत 150 से अधिक देशों को चावल का निर्यात करता है। वहीं भारत के कुल चावल निर्यात में करीब 60 फीसदी हिस्सेदारी टूटे चावल की है। भारत से सबसे अधिक टूटे चावल का आयात चीन करता है। इसके अलावा अन्य देश भी भारत से कौन-कौन से देश करते है चावल का आयात करते हैं। इसमें रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते वैश्विक बाजार में चावल की मांग बढ़ी है। बता दें कि चीन में टूटे चावल का इस्तेमाल मुख्य रूप से नूडल्स, शराब और पशुओं के लिए बनाए जाने वाले चारे के लिए किया जाता है।

चावल की कीमतों में हो सकती है वृद्धि

टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद वैश्विक बाजार में चावल के कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। वहीं चावल की घरेलू कीमतों में भी वृद्धि का रुझान दिखाई दे रहा है। इस बार धान के करीब 10 एमएमटी कम उत्पादन के अनुमान और पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में गैर बासमती के निर्यात में 11 प्रतिशत की वृद्धि के कारण इसमें तेजी जारी रह सकती है। बाजार एक्सपर्ट्स के मुताबिक चावल की कीमतों में तेजी का रूख रहेगा और इसके भावों में तेजी बनी रहेगी। वहीं घरेलू मांग बढऩे से देश में भी चावल की कीमतों में इजाफा होने का अनुमान है। 

गैर-बासमती चावल के निर्यात पर लगाई 20 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी

सरकार ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर 20 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने का फैसला किया है। राजस्व विभाग के नोटिफिकेशन के अनुसार, चावल और ब्राउन राइस पर 20 फीसदी का निर्यात शुल्क लगाया गया है। भारत ने ये फैसला देश की जरूरतों को पूरा करने के लिए किया है।

भारत से कितना चावल किया गया निर्यात

चीन के बाद भारत चावल का सबसे बड़ा उत्पादक है। चावल के वैश्विक व्यापार में भारत का हिस्सा 40 फीसदी है। भारत ने 2021-22 के वित्त वर्ष में 2.12 करोड़ टन चावल का निर्यात किया था। इसमें 39.4 लाख टन बासमती चावल था। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस अवधि में गैर-बासमती चावल का निर्यात 6.11 अरब डॉलर का रहा। भारत ने 2021-22 के दौरान विश्व के 150 से अधिक देशों को गैर-बासमती चावल का निर्यात किया। 

क्या है धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2022-23

किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी पर फसल खरीदने के लिए केंद्र सरकार की ओर से हर वित्तीय वर्ष के लिए अधिसूचित फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किए जाते हैं और केंद्र द्वारा घोषित किए गए एमएसपी पर ही देश के सभी राज्य किसानों से फसलों की खरीद करती है। केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 100 रुपए की बढ़ोतरी की है। इस बार किसानों को पिछले वर्ष के मुकाबले धान पर 100 रुपए अधिक लाभ होगा। केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित किए गए 2022-23 के लिए सामान्य धान एमएसपी 2040 रुपए प्रति क्विंटल और ए-ग्रेट धान का एमएसपी 2060 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है। बता दें कि पिछले विपणन सीजन 2021-22 में सामान्य धान का एमएसपी 1940 रुपए प्रति क्विंटल तथा ए-ग्रेट धान का एमएसपी 1960 रुपए था। 

धान 1121 के भावों में आया उछाल

देश की करीब-करीब सभी मंडियों में धान की 1121 बासमती वैरायटी को पिछले वर्ष की तुलना में इस बार काफी अच्छे रेट मिल रहे हैं। वर्तमान में धान मंडियों में धान का अधिकतम रेट 3900 रुपए प्रति क्विंटल देखने को मिल रहा है। बासमती 3700 रुपए को पार कर चुकी है। पिछले वर्ष की तुलना में किसानों 800-1000 रुपए धान के अधिक भाव मिल रहे हैं। ऐसी उम्मीद है कि इस बार किसानों को बाजार में पूरे साल धान/चावल के बेहतर दाम मिलेंगे। मंडियों में धान की आवक बढ़ रही है और किसानों को अच्छे दाम मिलने की उम्मीद है। 

देश की प्रमुख मंडियों में धान के क्या चल रहे है भाव

देश की प्रमुख मंडियों में धान की आवक बनी हुई है। धान की वैरायटी के अनुसार रेट मिल हैं। ये रेट अलग-अलग मंडी में अलग-अलग हैं। बता दें कि मंडी में फसल की शुरुआती आवक होने से भाव ऊंचे रहते हैं, इसके बाद जब आवक बढ़ती है तो भाव स्थिर हो जाते हैं। 

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यूपी की मंडियों में धान का भाव

प्रदेश की करीब सभी मंडियों में धान की आवक बनी हुई है। किसानों को धान की वैरायटी के अनुसार रेट मिल रहे है। बासमती धान (1121) का रेट 4185 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास, सुगंधा धान -3485 रुपए के आसपास तथा धान शरबती- 2575 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास चल रहे है। मध्यप्रदेश की खुर्जा मंडी में धान सुगंधा का भाव 3275 रुपए प्रति क्विंटल, बुलंदशहर में 3245 रुपए प्रति क्विंटल, सिकंदराबाद मंडी में धान सुगंधा 3260 रुपए प्रति क्विंटल, दादरी धान मंडी में 3400 रुपए प्रति क्विंटल धान का रेट चल रहा है। वहीं इलाहबाद बासमती धान -(1121) 3745 रुपए प्रति क्विंटल, मथुरा मंडी में बासमती धान (1121), 3875 रुपए प्रति क्विंटल, सहारनपुर में धान (1121) 3750 रुपए प्रति क्विंटल, एटा में बासमती (1121) 3925 रुपए प्रति क्विंटल, आगरा मंडी में धान (1509) 3500 रुपए प्रति क्विंटल, बिलासपुर में धान (1509) 3535 रुपए प्रति क्विंटल, खैर में बासमती (1121) 3800 रुपए प्रति क्विंटल, हरदोई-सोना मसूर मंडी में धान का भाव 2035 रुपए प्रति क्विंटल, मवाना मंडी में धान मध्यम का भाव 1520 रुपए प्रति क्विंटल और हरगांव में धान मध्यम का भाव 1525 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास चल रहा है।

मध्यप्रदेश की मंडियों में धान का भाव

उज्जैन हाइब्रिड धान का रेट 1965 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास चल रहा है। विदिशा में धान-1121 का भाव 3530 रुपए प्रति क्विंटल, होशंगाबाद में बासमती-1121 का भाव 3500 रुपए प्रति क्विंटल, अशोक नगर में सुगंधा धान का भाव 3110 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास है। इटारसी मंडी में धान का भाव 3650 रुपए प्रति क्विंटल, डबरा में धान -1121 का भाव 3630 रुपए प्रति क्विंटल, जबलपुर-पाटन में धान 2090 रुपए प्रति क्विंटल, इटारसी बासमती धान -1121 का भाव 3610 रुपए प्रति क्विंटल, हरदा बासमती -1121 का भाव 3550 रुपए प्रति क्विंटल, श्योपुर में 4275 रुपये प्रति क्विंटल, रायसेन में बासमती 1509 का भाव 3450 रुपए प्रति क्विंटल और हरदा अनाज मंडी में 1121 बासमती का रेट 3540 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास चल रहा है। 

हरियाणा और राजस्थान की मंडियों में धान का भाव

हरियाणा की मंडियों में धान/ चावल- 1121 का भाव 4660 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है।
राजस्थान में धान/ चावल का भाव 3500 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास चल रहा है।

बता दें कि ऊपर दी गई मंडी रेट की जानकारी व आपके नजदीकी मंडी रेट में भिन्नता पाई जा सकती है। इसलिए किसान भाई अपनी फसल बेचने व खरीदने से पहले ऑफिसियल वेबसाइट से रेट अवश्य पता करें। 

धान/चावल के भावों को लेकर क्या कहते हैं एक्सपर्ट

बाजार जानकारों का कहना है कि इस बार धान का रकबा कम होने से बाजार में धान की भावों में तेजी बनी रहने की उम्मीद है। इसी के साथ ऐसी आशा की जा रहा है कि किसानों को इस वर्ष धान के बेहतर भाव मिलते रहेंगे। 


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