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किसानों को 1,000 रुपए कम रेट पर मिलेगा आलू का बीज, यहां देखें नई रेट लिस्ट

प्रकाशित - 12 Oct 2023

राज्य में 6.94 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में आलू की बुवाई का लक्ष्य निर्धारित, 42,000 क्विंटल बीज वितरित करेगी सरकार

आलू की बुवाई (sowing potatoes)का समय आ गया है। ऐसे में जो किसान इस बार आलू की खेती (Farming of potato) करना चाहते हैं उनके लिए बहुत ही अच्छी खबर सामने आ रही है। राज्य सरकार ने आलू किसानों की फसल लागत कम करने और मुनाफा बढ़ाने के उद्देश्य से आलू के बीजों के रेट (potato seed rates) में 1,000 रुपए प्रति क्विंटल की दर से कमी कर दी है। यानि अब किसानों को आलू का बीज (potato seed) 1,000 रुपए कम में मिलेगा। इससे किसानों को लाभ होगा। बता दें कि मार्केट में आलू का भाव (potato prices) अच्छा नहीं मिलने से किसानों को इतना लाभ नहीं मिल पा रहा है जितनी उन्हें आशा थी। आलू का बाजार भाव (potato price market), अन्य सब्जियों के मुकाबले बहुत कम है। ऐसे में किसानों के सामने इसकी खेती की लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है। वहीं बीज की कीमतों में बढ़ोतरी ने किसान की कमर तोड़ दी। ऐसे में किसानों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने किसानों को एक हजार रुपए प्रति क्विंटल की दर से आलू के बीज के विक्रय मूल्य में कमी कर दी है ताकि किसानों को आलू की उत्तम क्वालिटी का बीज (high quality potato seeds) सस्ती दर पर उपलब्ध हो सके। सरकार के इस फैसले से किसानों को बहुत राहत मिली है।

पहले से कितना कम हुआ है आलू के बीज का मूल्य (नई रेट लिस्ट)

बीज क्वालिटी पहले यह था मूल्य वर्तमान मूल्य
आधारिक द्वितीय आलू बीज 2915  रुपए/क्विंटल 1915 रुपए/क्विंटल
ओवर साइज (आधारित प्रथम) 2655 रुपए/क्विंटल 1655 रुपए/क्विंटल
एफ-1 आलू का बीज 3325 रुपए/क्विंटल 2325 रुपए प्रति क्विंटल
ओवर साइज (आधारित द्वितीय) 1700 रुपए/क्विंटल 1600 रुपए/क्विंटल
आधारित प्रथम आलू (ट्रूथफुल) 1670 रुपए/क्विंटल 1570 रुपए/क्विंटल

सफेद एवं लाल आलू की बीज दरें समान

शासन की ओर से सफेद एवं लाल आलू प्रजातियों की बीज विक्रय दरें एक समान रखी गईं है। यहां उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा प्रदेश के किसानों को नकद मूल्य पर अधारित प्रथम, द्वितीय तथा प्रमाणिक आलू बीज उपलब्ध कराया जा रहा है।

क्यों कम किया गया आलू के बीज का रेट (potato seed rate)

आगरा में आलू की काफी पैदावार होती है। यहां बहुत से किसान आलू के खेती करते हैं। ऐसे में किसान यहां आलू के बीजों का रेट कम करने की मांग सरकार से कर रहे थे। ऐसे में सरकार ने आलू के बीजों के रेट कम करने की बजाय उसमें इजाफा कर दिया। इससे किसान और नाराज हो गए। उन्होंने प्रशासन से लगातार आलू के बीजों की कीमत कम करने की मांग की। इसके लिए किसान नताओं व जनप्रतिनिधियों ने भी सरकार को पत्र लिखे। किसान सरकार से कम से कम आलू के बीज में 1500 रुपए कम करने की मांग की थी, जिस पर सरकार ने 1000 रुपए की कमी की है।

इससे पहले किस आलू के बीज (potato seeds) पर कितना बढ़ाया था सरकार ने रेट

आलू के बीज का रेट कम करने पहले सरकार ने आलू के बीजों के मूल्य में इजाफा कर दिया था। इसमें आधारिक द्वितीय आलू के बीज के मूल्य 380 रुपए की बढ़ोतरी की गई। इसी प्रकार ओवर साइल आलू के रेट में 80 रुपए बढ़ा दिए गए। वहीं एफ-1 आलू बीज पर 250 रुपए घटाकर 3325 रुपए किया गया था। लेकिन किसान का कहना था कि आलू के बीज महंगा होने से उनकी फसल लागत ज्यादा बैठ रही है उसके अनुपात में मुनाफा न के बराबर हो रहा है और उन्होंने सरकार से आलू के बीज का रेट कम करने की मांग की। इस पर सरकार ने किसानों की परेशानी को देखते हुए आलू के बीजों की रेट में 1000 रुपए की भारी कमी की है। इससे किसानों को बहुत राहत मिलेगी है। इधर किसानों का कहना है कि हमने 1500 रुपए कम करने की मांग की थी, लेकिन 1000 रुपए ही कम हुए हैं, इससे थोड़ी बहुत राहत मिली है। लेकिन आलू के बीज का दाम और कम होना चाहिए।

आलू का बीजों के रेट को लेकर क्यूं परेशान थे किसान

आलू के बीजों के रेट ज्यादा होने से किसान बहुत परेशान थे। क्योंकि उनका हजारों क्विंटल आलू कोल्ड स्टोरेज में रखा हुआ है। बाजार में भाव बढ़ने की आस में यह किसान आलू को भंडारगृह में रखे हुए थे। किसानों की आलू की 45 प्रतिशत फसल यहां संरक्षित है लेकिन उसकी निकासी नहीं हो पा रही है। उस पर सरकार की ओर से आलू के बीजों के रेट में इजाफा कर दिया गया। इस बात से किसान परेशान और सरकार पर नाराज थे, और लगातार आलू के बीज के रेट कम करने की मांग कर रहे थे।

आलू की खेती में कितना आता है खर्चा (How much does it cost to cultivate potatoes)

आलू की खेती करने वाले किसानों के मुताबिक आलू की खेती पर प्रति एकड़ करीब 35 से 40 हजार रुपए का खर्च आता है। वहीं पैदावार की बात करें तो एक एकड़ में करीब 54 क्विंटल तक आलू का उत्पादन मिलता है। लेकिन बाजार में 400 से लेकर 500 रुपए प्रति क्विंटल बिकने की जगह प्रति एकड़ 22 से 25 हजार रुपए मिल रहा है। इससे तो आलू की लागत भी नहीं निकल पा रही है। इस पर बीजों के बढ़ा दिए गए, अब इस हालत में किसान आलू की खेती करके क्या कमा लेगा। हालांकि अब बीज दर में कमी होने से किसानों को कुछ राहत मिली है।

कहां मिलता है आलू का बीज (Where do you get potato seeds)

यदि यूपी की बात की जाए तो यहां के आगरा में आलू का बीज उद्यान विभाग और अन्य निजी बीज की दुकानों पर मिलता है। वहीं किसान भी अपने स्तर पर उत्पादित कर बीज का भंडारण करते हैं। बता दें कि इस बार उद्यान विभाग को 4200 क्विंटल आलू का बीज आवंटित किया गया है।

यूपी में किन प्रजातियों के आलू के बीजों का होता है उत्पादन

यूपी में आलू की कुफरी बहार,, कुफरी चिप्सोना-1 एवं 3, कुफरी आनंद, कुफरी पुखराज, कुफरी सूर्या, कुफरी ख्याति, कुफरी गरिमा, कुफरी सिंदूरी, कुफरी फ्राईसोना, कुफरी मोहन, कुफरी ललित, कुफरी गंगा, कुफरी नीलकंठ, कुफरी केसर एवं कुफरी बादशाह का उत्पादन किया गया है। जिसे राजकीय शीतगृह अलीगंज, लखनऊ तथा मोदीपुरम, मेरठ में भंडारित किया गया है।

किसान कहां से खरीद सकते हैं आलू की उत्तम क्वालिटी का बीज (high quality potato seeds)

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के किसान अपने जनपदीय उद्यान अधिकारी से नकद मूल्य पर बीज प्राप्त कर आलू बीज का उत्पादन कर सकते हैं। यह आलू का बीज आधारित प्रथम, आधारित द्वितीय तथा प्रमाणिक श्रेणी का है, इससे आगामी सालों के लिए बीज तैयार किया जा सकता है। प्रदाश् के किसान भाई जनपद के उद्यान अधिकारी से मिलकर निर्धारित दरों पर आलू बीज प्राप्त कर अपने निजी प्रक्षेत्रों पर बीज का उत्पादन कर सकते हैं।

किसानों को कितना बीज वितरित किया जाएगा

मंत्री दिनेश प्रताप सिंह के मुताबिक प्रदेश में करीब 6.94 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में आलू की बुवाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। विभाग करीब 42 हजार क्विंटल आधारित श्रेणी का आलू बीज किसानों में बीज उत्पादन के लिए वितरित करेगा जिससे किसानों अच्छी क्वालिटी के आलू के बीजों की कमी को पूरा करा करने में सहायता देंगे। उत्तम क्वालिटी के आलू के बीज से प्रदेश में आलू के उत्पादन में बढ़ोतरी होगी।

आलू के बीज उत्पादन पर कितना मिलता है अनुदान (How much subsidy is available on potato seed production)

यूपी में प्रसंस्कृत प्रजातियों के लिए राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था से पंजीकरण के बाद आलू बीज उत्पादन की बैगिंग, टैगिंग कराने पर किसानों को 25000 रुपए प्रति हैक्टेयर की दर से अनुदान की व्यवस्था है। आलू की प्रसंस्कृत प्रजातियों में कुफरी चिप्सोना-1 और 3, कुफरी फ्राईसोना तथा कुफरी सूर्या आदि शामिल हैं।

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