प्रकाशित - 04 May 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
ग्रामीण इलाकों में खासकर छोटे किसान जो गाय, भैंस जैसे महंगे पशु नहीं पाल सकते हैं, वे बहुत ही कम लागत में बकरी पालन का व्यवसाय शुरू करके काफी अच्छा पैसा कमा सकते हैं। बकरी की भोजन आवश्यकता भी कम होती है और इसे रहने के लिए भी कोई खास जगह की जरूरत नहीं पड़ती है। इसे आप घर के बाहर खुले में स्थान पर बांधकर भी पाल सकते हैं। यह आसपास उगी झाडियां खाकर भी अपना गुजारा कर लेती है। ऐसे में बहुत ही कम लागत से बकरी पालन करके आप बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं। यदि आप बड़े स्तर पर बकरी पालन करके लाभ कमाना चाहते हैं तो आपको बकरी की उन्नत नस्लों का चयन करना चाहिए। बकरी की बहुत सी ऐसी नस्ल है जो दूध और मांस उत्पादन दोनों में अच्छी होती है।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको बकरी पालन के लिए 4 ऐसी नस्लों के बारे में जानकारी दे रहे हैं जिनका पालन करके आप काफी अच्छा लाभ कमा सकते हैं।
बकरी की जमुनापारी नस्ल मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में पाई जाती है। इसके अलावा यह नस्ल राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश व बिहार में भी पाली जाती है। बकरी की इस नस्ल की खास बात यह है कि यह नस्ल अधिक दूध ओर मांस के लिए जानी जाती है। ऐसे में किसान बकरी की जमुनापारी नस्ल का पालन करके काफी अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इस नस्ल की बकरी का रंग सफेद होता है। इसकी पीठ पर लंबे बाल होते हैं और सींग छोटे होते हैं। इस नस्ल की बकरियां अन्य नस्लों की तुलना में ऊंची और लंबी होती हैं। इस नस्ल की बकरी प्रतिदिन औसतन 1.5 से 2 लीटर तक दूध दे सकती है। इसका वजन भी सामान्य बकरियों के मुकाबले अधिक होता है। इसके मांस की बाजार मांग भी काफी है। यदि जमुनापारी नस्ल की बकरी की कीमत की बात की जाए तो इसकी बाजार कीमत करीब 15 से 20 हजार रुपए तक होती है।
बकरी की सिरोही नस्ल मुख्य रूप से राजस्थान, गुजरात और उत्तर प्रदेश में पाई जाती है। इसका रंग भूरा होता है और शरीर पर हल्के या भूरे रंग के धब्बे होते हैं। इसके नर बकरे का वजन 50 किलोग्राम और प्रौढ़ बकरी का वजन 40 किलोग्राम होता है। बकरी की यह नस्ल प्रतिदिन औसतन 0.5 किलोग्राम और प्रति ब्यांत में औसतन 65 किलोग्राम दूध देती है। इसे दूध और मांस के लिए पाला जाता है। इसकी 60 प्रतिशत संभावना होती है कि यह नस्ल दो बच्चों को जन्म दे। यह 18 से 24 माह के बीच पहली बार बच्चे को जन्म देती है। सिरोही बकरी की अनुमानित कीमत 12,500 से लेकर 15,000 रुपए तक होती है।
बकरी की बीटल नस्ल मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा में पाई जाती है। यह नस्ल मांस और डेयरी के लिए पाली जाती है। इस नस्ल की बकरी की टांगे लंबी होती है और कान लटके हुए होते हैं। इसके सींग पीछे की ओर मुड़े होते हैं। इसके पतली पूंछ होती है। इसके नर बकरे का वजन 50 से 60 किलोग्राम तथा मादा बकरी का वजन 35-40 किलोग्राम होता है। इस नस्ल की बकरी प्रतिदिन औसतन 2 से 2.25 किलोग्राम तक दूध देती है। वहीं प्रति ब्यांत में 150 से 190 किलोग्राम दूध का उत्पादन दे सकती है। बीटल नस्ल की बकरी की अनुमानित कीमत 20 हजार रुपए से 25 हजार रुपए तक होती है।
बकरी की ब्लैक बंगाल नस्ल मुख्य रूप से बिहार, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में पाई जाती है। मुख्य रूप से इसका रंग काला होता है, लेकिन यह भूरे, सफेद और सलेटी रंग में पाई जाती है। यह नस्ल मांस उत्पादन के लिए बेस्ट नस्ल मानी जाती है। हालांकि इसके दूध देने की क्षमता अन्य बकरियों की तुलना में थोड़ी कम होती है लेकिन इसके मांस की मांग बाजार में बहुत है। इसके नर बकरे का वजन 25 से 30 किलोग्राम होता है। वहीं मादा बकरी का वजन 20 से 25 किलोग्राम होता है। यह नस्ल प्रौढ़ अवस्था पर जल्दी पहुंच जाती है। यह प्रत्येक ब्यांत में 2 से 3 बच्चों को जन्म देती है। ब्लैक बंगाल नस्ल की बकरी की कीमत 4,000 रुपए से 5,000 रुपए होती है। वहीं इस नस्ल के बकरे की कीमत करीब 5,000 से 6,000 रुपए होती है।
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