इस बार अक्टूबर में कम हो सकती है बारिश, रबी फसल की बुवाई में हो सकती है देरी

Share Product प्रकाशित - 09 Oct 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

इस बार अक्टूबर में कम हो सकती है बारिश, रबी फसल की बुवाई में हो सकती है देरी

जानें, अक्टूबर माह में बारिश को लेकर मौसम विभाग का पूर्वानुमान

इस बार अक्टूबर में बारिश (Rain) कम हो सकती है। क्योंकि मानसून (monsoon) विदाई की ओर है और कई जगह तो पूरी तरह से मानसून विदा हो चुका है। ऐसे में मौसम विभाग (weather department) की ओर से अक्टूबर माह में कम बारिश का अनुमान लगाया जा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार इस माह में सामान्य से भी कम बारिश का अनुमान है। यदि बात करें राजस्थान की तो राजस्थान में अक्टूबर के महीने में किसानों को रबी की फसलों की बुवाई (sowing of rabi crops) में परेशानी हो सकती है, क्योंकि बारिश की संभावना इस माह बहुत कम है जिससे भूमि में नमी की मात्रा कम हो जाएगी जिससे रबी फसलों की बुवाई में किसानों को देर हो सकती है। राज्य में पिछले 5 दिन में बारिश बिल्कुल नहीं हुई है। अगले दो सप्ताह तक राज्य में बारिश होने की संभावना बिल्कुल कम है। इसलिए आशंका है कि इस बार रबी की बुवाई देरी से शुरू हो सकती है।

मौसम विभाग के नई दिल्ली केंद्र द्वारा जारी पूर्वानुमान में 19 अक्टूबर तक राजस्थान सहित उत्तर और मध्य भारत में बारिश होने का अनुमान बहुत कम है। इस कारण 20 अक्टूबर तक राज्य में तापमान में उतार-चढ़ाव बने रहने की संभावना है। दिन में कई शहरों में तेज गर्मी रह सकती है तो कुछ शहरों में रात में हल्की सर्दी बनी रह सकती है। इधर कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि सरसों, गेंहू, चना, जौ (Mustard, wheat, gram, barley) समेत अन्य फसलों को बोने के लिए तापमान में कमी होने के साथ जमीन में थोड़ी नमी होना जरूरी है। यदि दिन में इसी तरह 35 से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान रहा तो जमीन से नमी कम हो जाएगी। इस कारण जरूरी है कि अक्टूबर में कुछ बारिश हो तो वातावरण और जमीन दोनों में नमी बढ़े। इससे बुवाई के लिए अच्छा वातावरण बन सकेगा।

राजस्थान में मानसून की विदाई के बाद तापमान में बढ़ोतरी

राजस्थान में मानसून औसत रहने के साथ ही मानसून की विदाई हो चुकी है। अब राजस्थान के पूर्वी और पश्चिमी भाग में गर्मी का मौसम बना हुआ है दिन में सूरज की तपन काफी दिख रही है। अक्टूबर का महीना आ चुका है उसके बाद भी यहां का तापामान 40 डिग्री के आसपास बना हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 10 दिन तक तापामन में कोई विशेष परिवर्तन नहीं होने वाला है। बल्कि आने वाले दिनों में 2 से 3 डिग्री तापमान में बढ़ोतरी की संभावना नजर आ रही है। इससे प्रदेश में मौसम शुष्क बना रहेगा। हांलाकि अभी प्रदेश के लोगों को उमस से राहत मिली हुई है, हवाएं चल रही है। अभी फिलहाल यहां के लोगों को गर्मी से राहत नहीं मिलने वाली है। राज्य में अक्टूबर महीने के तीसरे और अंतिम सप्ताह गर्मी से राहत मिलने की संभावना है।

यूपी के मौसम में उतार-चढ़ाव जारी, अक्टूबर माह में इन दिनों हो सकती है बारिश

मानसून सीजन गुजरने के बाद यूपी के मौसम में उतार-चढ़ाव का दौर चल रहा है। इसकी वजह से वातावरण में नमी कम होती जा रही है। इससे तापमान और मौसम में बदलाव दिखाई दे रहा है। इसी बीच 9-10 अक्टूबर को हल्की बारिश की संभावना है। इसमें 9 अक्टूबर को पश्चिमी यूपी में कुछ जगहों पर गरज चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। जबकि पूर्वी यूपी में मौसम शुष्क बना रह सकता है। वहीं 10 अक्टूबर को पश्चिमी यूपी में एक या दो स्थानों पर गरज चमक के साथ हल्की बारिश हो सकती है। इस दौरान पूर्वी यूपी में कुछ जगहों पर गरज चमक के साथ बारिश होने की संभव है। इस दौरान दोनों ही भागों में कहीं भी बादल गरजने और बिजली गिरने की कोई संभावना नहीं है। इसी के साथ 10 और 11 अक्टूबर को पश्चिमी और पूर्वी यूपी में मौसम शुष्क रहेगा। वहीं 11 अक्टूबर को मौसम में बदलाव दिखाई देगा और प्रदेश में कहीं भी बारिश नहीं होगी। पश्चिमी यूपी और पूर्वी यूपी में मौसम शुष्क बने रह सकता है। इसके बाद 12 व 13 अक्टूबर के बाद यह सिलसिला थम जाएगा और तापमान में भी परिवर्तन देखाई देगा।

मध्यप्रदेश में 90 प्रतिशत क्षेत्र से विदा हो चुका है मानसून

वर्तमान में मध्य प्रदेश के मौसम को प्रभावित करने वाली कोई प्रभावी मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है। इस वजह से बारिश का सिलसिला करीब-करीब थम गया है। मानसून की भोपाल, जबलपुर, नर्मदापुरम समेत 24 जिलों से भी विदाई हो गई। मौसम विज्ञानियों के अनुसार अभी तक चंबल, ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन, भोपाल, नर्मदापुरम, सागर संभाग के जिलों से एवं रीवा, जबलपुर, शहडोल संभाग के अधिकांश हिस्सों से भी मानसून जा चुका है। वातावरण से नमी कम होने के कारण मौसम शुष्क होने लगा है। इस कारण दिन में धूप में तेजी महसूस होने लगी है, लेकिन हवाओं का रुख उत्तरी होने से रात के समय ठंडक का एहसास होने लगा है।

छत्तीसगढ़ में 12 तक हो सकती है मानसून की विदाई की घोषणा 

छत्तीसगढ़ के साथ ही पूर्वी मध्यप्रदेश, झारखंड, तेलंगाना, ओडिशा आदि क्षेत्रों में अब मानसून की विदाई के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो गई हैं। मौसम विभाग का कहना है कि अगले सप्ताह के मध्य तक दक्षिण पश्चिम मानसून की विदाई संभव है। 12 अक्टूबर के आसपास मानसून विदाई की घोषणा की जा सकती है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार आगामी दिनों में प्रदेश का मौसम शुष्क रहने की संभावना और मौसम में किसी भी प्रकार कोई बदलाव होेने की संभावना नहीं नजर नहीं आती है। आगामी दिनों में तापमान में विशेष बदलाव नहीं होगा। इसी के साथ ही न्यूनतम तापमान में गिरावट आने से अब बाहरी क्षेत्रों में रात में हल्की सर्दी होनी शुरू हो जाएगी। आगामी दिनों में प्रदेश का तापमान शुष्क बना रहेगा।

गुजरात में लंबे समय तक शुष्क बनी रह सकती है मौसम की स्थिति

गुजरात में मॉनसून की बारिश ख़त्म होती दिखाई दे रही है। इससे मानसून की वापसी यहां कभी भी हो सकती है। मानसून की वापसी के बाद यहां पूरे मौसम में लंबे समय तक सूखा देखा जाता है। केवल, अरब सागर में समुद्र तट की ओर आने वाला एक चक्रवात इस समस्या को तोड़ सकता है, जो अक्सर नहीं होता है। राजस्थान और उत्तरी गुजरात पर प्रतिचक्रवात स्थापित हो गया है। यह विशेषता थोड़ी विस्थापित हो गई है और इसलिए समुद्र से नम हवाएं सौराष्ट्र और कच्छ और उत्तरी गुजरात तक पहुंच रही हैं। इसलिए, तापमान दबा हुआ रहता है जो अन्यथा मानसून की वापसी के तुरंत बाद बढ़ने की प्रवृत्ति रखता है। मकर रेखा राज्य के उत्तरी भागों से होकर गुजरती है। अक्टूबर के पहले सप्ताह के बाद प्रदेश में सीजन की दूसरी गर्मी शुरू हो सकती है। दीसा, पाटन, मेहसाणा, पालनपुर, बसांकांठा और साबरकांठा जैसे स्थानों पर अक्टूबर के दूसरे और तीसरे सप्ताह के दौरान अत्यधिक गर्मी का खतरा रहता है।

इन राज्यों में थोड़ी देर से विदा हो सकता है मानसून

निम्न दबाव क्षेत्र की उपस्थिति और पूर्वी राज्यों में इसका अवशेष संभवतः बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में मॉनसून में थोड़ी देरी कर सकता है। हालांकि, एक बार सिस्टम क्लियर होने के बाद वहां से भी निकासी देखने को मिलेगी। मुंबई सहित महाराष्ट्र में अगले कुछ दिनों के भीतर वापसी देखी जाएगी क्योंकि बारिश इन क्षेत्रों में दिखाई नहीं देगी।

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