प्रकाशित - 14 Jul 2022
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
केंद्र सरकार की ओर से एफपीओ योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत सरकार एफपीओ खोलने के लिए 10 लाख रुपए तक की सहायता प्रदान करती है। एफपीओ योजना में किसानों के समूह मिलकर कार्य करते हैं। एफपीओ को सरकार की ओर से सस्ती दर पर खाद, बीज और कीटनाशक उपलब्ध कराए जाते हैं। इसके अलावा और भी कई सुविधाएं इस योजना के माध्यम से किसान समूहों को दी जाती हैं। एफपीओ योजना में पुरुष और महिला किसान समान रूप से शामिल हो सकते हैं।
इसी क्रम में झारखंड में महिला किसानों के एफपीओ ने अपनी आय बढ़ाने के साथ ही 100 करोड़ का कारोबार किया है जो अपने आप में एक बड़ी सफलता है। इन एफपीओ से जुड़ी महिलाओं ने सहकारिता के सिद्धांत पर मिलकर काम किया और इतनी बड़ी सफलता हासिल की। इसके लिए समूह की महिलाओं को सम्मानित किया गया है। आइए जानते हैं एफपीओ से जुड़े इन महिला समूह की सफलता की कहानी।
झारखंड में जोहार प्रोजेक्ट के जरिये महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार आया है। इस प्रोजेक्ट के तहत महिला किसानों को उन्नत कृषि और बेहतर बाजार से जोड़ा जा रहा है ताकि वे अपनी उत्पादित फसल का अच्छा दाम प्राप्त कर सकें। प्रोजेक्ट से जुड़ी महिलाओं की लगन और मेहनत का ही परिणाम है कि आज इन महिला एफपीओ का कारोबार को 100 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। बता दें कि इस प्रोजेक्ट से करीब 20 एफपीओ जुड़े हुए हैं और अब तक इन्होंने 100 करोड़ रुपए का कारोबार किया है। इन सभी एफपीओ का संचालन महिलाएं ही करती हैं। ग्रामीण महिलाओं द्वारा संचालित इन एफपीओ को कृषि से जुड़ी जरूरी वस्तुएं और सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
कृषि क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन और कार्य के लिए एफपीओ की महिलाओं को सम्मानित किया गया है। उन्हें स्मृति चिह्न और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इन्हें ये सम्मान झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशनल सोसायटी की ओर से आयोजित एक कार्यशाला में दिया गया। इस दौरान एफपीओ से जुड़ी महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने अपने समूह की गतिविधियों और उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी।
कार्यक्रम को ग्रामीण विकास सचिव मनीष रंजन ने संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि महिला किसान पारंपरिक खेती के साथ ही मुर्गी पालन और मछली पालन सहित अन्य कृषि से संबंधित व्यवसाय से जुड़कर अच्छा लाभ कमा सकती हैं और अपनी आमदनी बढ़ा सकती है। इसके अलावा उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए की सरकार की ओर से चलाए जा रहे कन्वर्जेंस कार्यक्रम को जन-जन तक पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्रखंड में कृषि मार्ट्स खोलकर कस्टम हायरिंग सेंटर को बड़े पैमाने पर ले जाया जाए। साथ ही उन्होंने कृषि में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया।
जेएसएलपीएस के सीइओ सूरज कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने 10,000 किसान उत्पादक संगठन बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए आवश्यक हैं कि सभी एफपीओ कलस्टर दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़े ताकि एफपीओ की सफलता सुनिश्चित हो सकें। उन्होनें 17 जिलों के किसान उत्पादक संगठनों के सदस्यों द्वारा 100 करोड़ का कारोबार किए जाने पर बधाई दी। सूरज कुमार ने महिला किसानों की क्षमता निर्माण और मार्केंटिंंग के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।
एफपीओ से जुड़ी महिलाओं को ई-कस्टम हायरिंग सेंटर का भी लाभ प्रदान किया जाता है। इसके जरिये इन्हें कृषि उपकरण उपलब्ध कराएं जाते हैं ताकि वे अपना खेती-किसानी का काम आसानी से कर सकें। इसके लिए जिन क्षेत्रों में जोहार प्रोजेक्ट चल रहा है वहां 138 ई-कस्टम हायरिंग सेंटर खोले गए हैं ताकि किसानों को उचित दर पर कृषि उपकरण प्राप्त हो सकें।
प्रोजेक्ट के तहत राज्य भर में पीजी की महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की बिक्री के लिए 27 जगहों पर एग्री मार्ट संचालित किए जा रहे हैं। एग्री मार्ट के माध्यम से किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले कृषि इनपुट जैसे- खाद, बीज और अन्य सामग्री उपलब्ध कराये जा रहे हैं। इसी के साथ पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए उत्पादक संगठनों द्वारा 19 पशुधन सेवा केंद्र भी संचालित किए जा रहे हैं।
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