घर बैठे मशरूम की खेती से बढ़ी ग्रामीण महिलाओं की आय - जानें, पूरी जानकारी

Share Product प्रकाशित - 06 Jan 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

घर बैठे मशरूम की खेती से बढ़ी ग्रामीण महिलाओं की आय - जानें, पूरी जानकारी

मशरूम की खेती से बढ़ी ग्रामीण महिलाओं की आय, जानें पूरी जानकारी

आज के आधुनिक युग में वैसे तो भारत ने काफी तरक्की कर ली है, लेकिन अपने देश में अभी भी कई पिछड़े इलाकों में महिलाओं को सम्मान पाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है। देश में आत्मनिर्भर भारत का अभियान चलाया जा रहा है। इसी अभियान से प्रेरणा लेकर कुछ महिलाएं सफलता की सीढ़ियां चढ़ती है और बाकी महिलाओं के सामने एक मिसाल बनती हैं। आज हम बात करेंगे बिहार की समस्तीपुर की महिलाओं की, जो अपनी मेहनत व हौंसले के दम पर घर पर ही मशरुम की खेती करके लाखों रुपये कमा रही हैं व ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित कर रही हैं। इनकी मेहनत का आलम यह है कि अब प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर सैंकड़ों परिवारों के लिए मशरूम की खेती जीवन यापन का जरिया बन गई है। अब इन परिवारों को कमाई के लिए दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है। ये परिवार मशरूम बेचकर ही घर का खर्चा निकाल लेते हैं। किसान भाईयों आज ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट के माध्यम से हम, आपके साथ इन महिलाओं की सफलता की कहानी साझा कर रहे हैं।

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झोपड़ीनुमा घर में महिलाएं कर रही मशरूम की खेती

बिहार के समस्तीपुर में महिलाएं मशरुम की खेती (Mushroom Farming) करके लाखों रुपये का मुनाफा कमा रही हैं। बिहार के मशरूम मैन कहे जाने वाले डॉक्टर दायाराम ने समस्तीपुर के गरीबों की जिंदगी बदलने के मकसद से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को मशरुम की खेती की मुफ्त में ट्रेनिंग दी और मशरूम के बीज भी दिए। फिर, इन महिलाओं को प्रशिक्षण देने के लिए एक टीम लगाई, जिसने इन महिलाओं को घर के अंदर ही मशरूम उगाने की ट्रेनिंग देनी शुरू की। खास बात है कि है  कि ये सभी परिवार किसी खेत या कमरे में मशरूम की खेती नहीं करते, बल्कि जिस झोपड़ीनुमा बने घर में वे रहते हैं उसी के अंदर मशरूम की खेती कर रहे हैं। इसके लिए महिलाओं को मशरुम की खेती (Mushroom Cultivation) से संबधित रख- रखाव और तापमान की जानकारी दी। अब पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी मशरूम की खेती झोपड़ी नुमा घर में कर रही हैं और लाखों रुपये कमा रही हैं।

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मशरुम के एक बैग से मिलता है तीन किलो तक का उत्पादन

आज बिहार के समस्तीपुर के किसान घर पर ही मशरुम की खेती (Mushroom ki kheti) कर रहे हैं। इससे एक परिवार एक महीने में 10 से 20 बैग मशरूम का उत्पादन कर रहा है व बाजार में बेंच भी रहा हैं। इससे एक परिवार को 4 से 5 हजार रुपये की कमाई आसानी से हो रही है। ये परिवार मशरूम की ओएस्टर वैरायटी की खेती कर रहे हैं जिसके बारे में इन किसान परिवारों को प्रशिक्षण भी दिया गया हैं। मशरुम की इस किस्म की बढ़िया उपज के लिए 25 से 40 डिग्री तक के तापमान की जरुरत होती है। 20 से 25 दिन के बाद ही इस किस्म के मशरूम की फली दिखने लगती है और 40 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसके एक बैग में से लगभग तीन किलो तक मशरूम का उत्पादन प्राप्त होता हैं।

समस्तीपुर के दर्जनों परिवार कर रहे मशरूम की खेती

बिहार के समस्तीपुर के किसान सफलतापूर्वक मशरूम की खेती कर रहे हैं। ऐसे ही एक किसान शंकर बताते हैं कि उन्होंने मशरूम की खेती के बारे में कभी सोचा भी नहीं था। लेकिन मशरुम की खेती की ट्रेनिंग लेने के बाद अब तो घर की महिलाएं भी घर में मशरूम उगा रही हैं। उन्होंने बताया कि अब उनका मोहल्ला मशरूम वाला मोहल्ला के नाम से शहर में मशहूर हो गया है। अब इस मोहल्ले में दर्जनों किसान परिवार मशरूम की खेती कर रहे हैं।

वहीं हेमलता ने बताया कि उन्होंने बटन मशरूम का उत्पादन शुरू करने से पहले उन्होंने इसका प्रशिक्षण पूसा केंद्र में लिया था। जिसके  बाद मशरूम की खेती करने के लिए धान के पुआल से 20 फिट लम्बा और 20 फिट चौड़ी एक झोपड़ी नुमा घर बनाया। इस घर में न तो धूप पहुंच सकती थी और न ही हवा। जिससे मशरूम का अच्छा उत्पादन हो सके। फिर मशरुम की खेती करने के लिए मिट्टी तैयार की। घर के अंदर बांस का उपयोग करके चार बेड 3 खाने के तैयार किए। इसके बाद उन्होंने मशरुम की खेती की जिससे आज वह लाखों रुपये महीना तक कमा रही हैं।

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बाजार में 150 से 250 रुपये किलो बिकता है मशरूम

आज-कल मशरुम को लोग अपने भोजन में शामिल कर रहें हैं। जिसके कारण मशरुम की मांग बाजार में साल भर बनी रहती हैं। इसीलिए मशरुम की खेती करना किसानों के लिए फायदे का सौदा हो गया हैं। बाजार में मशरुम की कीमत सीजन के अनुसार बदलती रहती हैं लेकिन 1 किलों मशरुम 150 से 250 रुपये किलो तक आसानी से बिक जाता है।

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