भारत का पहला प्याज ट्रांसप्लांटर बनाने वाले किसान-इंजीनियर

Share Product प्रकाशित - 01 Jun 2025 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

भारत का पहला प्याज ट्रांसप्लांटर बनाने वाले किसान-इंजीनियर

जानिए कैसे दो किसानों ने बनाई वो मशीन जो आज हजारों किसानों का खर्च और मेहनत बचा रही है

India's First Onion Transplanter : महाराष्ट्र के 2 किसानों की जोड़ी ने एक ऐसी अनोखी मशीन बनाई है जो प्याज की खेती में काम आने वाली सबसे बड़ी परेशानी को हल करती है, रोपाई यानी प्याज के पौधे लगाना। पहले इस काम में अधिक खर्च आता था, लेकिन अब इस मशीन इस्तेमाल से खेती की लागत में काफी कमी आई है। इससे न सिर्फ किसान का पैसा बच रहा है बल्कि मेहनत भी कम लगती है। आइए जानते हैं इस मशीन की कहानी और इसे बनाने वाले दो किसान-इंजीनियर के बारे में।

क्यों बनानी पड़ी यह मशीन 

जब खेती में मजदूरी महंगी होती जा रही थी और किसान मशीनों की तलाश कर रहे थे, तब सौरभ कदम और प्रसाद देशमुख नाम के दो युवाओं ने एक खास मशीन तैयार की। इस मशीन का नाम है "प्लांटोमेट", जो प्याज के पौधे लगाने का काम करती है। ये भारत की पहली ऐसी मशीन है जिसे प्याज ट्रांसप्लांटर के रूप में पेटेंट भी मिला है। इस मशीन ने खेती के तरीके को आसान और सस्ता बना दिया है। 

किसान और इंजीनियर की जोड़ी ने की शुरुआत

सौरभ कदम पहले एक निर्माण ठेकेदार थे और प्रसाद देशमुख गांव में दूध का संग्रह करते थे। दोनों की मुलाकात "शेतकरी राजा किसान क्लब" नाम के एक ग्रुप से हुई, जो नए-नए प्रयोग करने वाले 15 किसानों का समूह था। 2016 में इन्होंने एक बीज बोने वाली मशीन बनाई थी जो काफी कामयाब रही। जब इस बारे में खबरें अखबारों में छपीं, तो इन्हें लगा कि कुछ बड़ा किया जा सकता है। 2020 में इन्होंने मिलकर एक कंपनी बनाई  जिसे एसपी एग्रो इनोवेशन एलएलपी (SP Agro Innovation LLP) नाम दिया गया।  

"प्लांटोमेट" क्या है और कैसे काम करती है

भारत में प्याज की रोपाई अब तक हाथों से होती थी, जो बहुत मेहनत वाला और समय लेने वाला काम है, खासकर महिलाओं के लिए। "प्लांटोमेट" मशीन से यह काम मशीन से होता है। यह मशीन पौधे लगाने के दौरान तीन जरूरी बातों का ध्यान रखती है, पहला, पौधों के बीच की दूरी, दूसरा, पंक्तियों के बीच की दूरी और तीसरा रोपाई की गहराई। यह मशीन उभरी हुई क्यारियों (raised beds) में भी काम करती है और ड्रिप सिंचाई में भी सहायक होती है। इससे फसल की लागत घटती है और प्याज की क्वालिटी और पैदावार में बढ़ोतरी होती है।  

भारत से विदेश तक पहुंची मशीन

इन किसान इंजीनियरों द्वारा अब तक 125 से ज्यादा प्लांटोमेट मशीनें बेची जा चुकी हैं। सिर्फ भारत में नहीं, बल्कि मोरक्को, मैक्सिको और तंजानिया जैसे देशों में भी यह मशीन पहुंच चुकी है। कंपनी ने सोनालिका ट्रैक्टर और महिंद्रा एग्री जैसी बड़ी कंपनियों के साथ भी साझेदारी की है। इस स्टार्टअप ने बहुत ज्यादा पैसा नहीं उठाया, लेकिन कई सरकारी और गैर-सरकारी योजनाओं से मदद मिली। जैसे – RKVY-RAFTAAR योजना, HDFC परिवर्तन, और Social Alpha जैसे संस्थानों से सहयोग मिला। इन मदद से कंपनी ने बिना ज्यादा खर्च के तेजी से काम किया और आज एक मजबूत ब्रांड बन गई है।

कंपनी अब बना रही है रेशम किसानों के लिए शहतूत की पत्तियों काटने वाली मशीन

अब यह कंपनी सिर्फ प्याज पर नहीं रुकी है। ये लोग अब ऐसे उपकरण भी बना रहे हैं जो रेशम के कीड़े पालने वाले किसानों के काम आएं, जैसे– शहतूत की पत्तियां काटने वाली मशीन। साथ ही, प्याज की पौध चुनने वाली मशीन और बल्ब हार्वेस्टर भी जल्द लाने की योजना है। बता दें कि SP Agro का मकसद सिर्फ मशीन बनाना नहीं है। ये लोग चाहते हैं कि गांव के किसान आत्मनिर्भर बनें, और खेती की पुरानी समस्याओं का हल देसी तकनीक से निकले। इनका काम बताता है कि जब किसान और इंजीनियर साथ आते हैं, तो खेती सिर्फ काम नहीं, बल्कि एक क्रांति बन जाती है।

ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों वीएसटी ट्रैक्टरमहिंद्रा ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।

अगर आप नए ट्रैक्टरपुराने ट्रैक्टरकृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।

हमसे शीघ्र जुड़ें

Call Back Button
Vote for ITOTY 2025 scroll to top