प्रकाशित - 22 Apr 2024
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसान अनाज फसलों के साथ ही फल व सब्जियों की खेती करके अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। खास बात यह है कि फलों व सब्जियों की खेती के लिए प्रदेश सरकार की ओर से किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी कड़ी में प्रदेश सरकार की ओर से किसानों को अमरूद की खेती (cultivation of guava) पर 19,000 रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। जो किसान अमरूद की खेती करना चाहते हैं वे इस योजना में आवेदन करके राज्य सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं।
बता दें कि अमरूद की बाजार मांग काफी अच्छी होने से इसके भाव भी अच्छे मिल जाते हैं। ऐसे में किसान अमरूद की खेती (cultivation of guava) करके काफी अच्छा पैसा कमा सकते हैं और साथ ही सरकारी सब्सिडी का लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं।
राज्य सरकार की ओर से अमरूद की खेती के लिए प्रदेश के किसानों को लागत का 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। योजना के तहत उद्यान विभाग की ओर से बागवानी फसलों की खेती के तहत किसानों को अमरूद की खेती के लिए 19,000 रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। यदि एक किसान एक हैक्टेयर भूमि पर अमरूद की खेती करता है तो विभाग द्वारा इसकी लागत करीब 38,000 रुपए निर्धारित की गई है जिस पर लाभार्थी किसान को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा यानी 19,000 रुपए सब्सिडी दी जाएगी। यह राशि किसानों को तीन साल में तीन किस्तों में उसके खाते में प्रदान की जाएगी।
अमरूद की खेती (cultivation of guava) से किसान काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। अमरूद का पेड़ दो साल बाद फल देना शुरू कर देता है। इसकी फसल में सबसे अधिक लागत शुरुआती दो सालों में इसके रखरखाव पर आती है। यदि किसान एक हैक्टेयर में अमरूद की खेती करता है तो दो साल के दौरान इस पर करीब 10 लाख रुपए तक का खर्चा आ जाता है। यदि किसान अमरूद के 1200 पौधे लगाता है और प्रति पौधे से औसतन 20 किलोग्राम अमरूद मिलते हैं तो किसान एक सीजन में 24 हजार किलोग्राम यानी 24 टन अमरूद का उत्पादन प्राप्त कर सकता है। इसकी खेती से एक साल में दो सीजन में करीब 48 से 50 टन अमरूद प्राप्त कर सकते हैं। यदि अमरूद का बाजार भाव 50 रुपए किलोग्राम हो तो भी किसान अमरूद की खेती से सालभर में करीब 25 लाख रुपए की कमाई कर सकता है। यदि लागत खर्च निकाल दिया जाए तो अमरूद की खेती से किसान 15 लाख रुपए की कमाई एक साल में कर सकते हैं। हालांकि ऊपर एक अनुमान के तौर पर अमरूद की खेती से लाभ का आकलन किया गया है, यह कम ज्यादा भी हो सकता है।
अमरूद की खेती साल भर में कभी भी की जा सकती है। एक बार अमरूद का पौधा लगाने पर यह आपको कई सालों तक फल देता है। अमरूद के पौधों को एक लाइन में 8-8 फुट की दूरी पर लगाया जाता है। दो लाइनों के बीच करीब 12 फुट की दूरी रखनी चाहिए। ऐसा इसलिए कि आपको पौधे पर कीटनाशक छिड़कने या उसकी हार्वेस्टिंग करने में कोई परेशानी नहीं हो। जब अमरूद के फल बनने लगे तब इसकी बैगिंग की जानी चाहिए। बैगिंग से अमरूद के फल अच्छी क्वालिटी के होते हैं जिससे बाजार में इसका भाव बेहतर मिलता है। अमरूद की फसल की सिंचाई के लिए ड्रिप सिंचाई सिस्टम का उपयोग करना चाहिए जिससे कम पानी में सिंचाई हो सके। अच्छी वैरायटी के अमरूद के बीजों या पौधों को लगाना चाहिए। अमरूद की खेती से आपको साल में दो बार उत्पादन मिलता है। पहला जुलाई-अगस्त और दूसरा अक्टूबर-नवंबर में। इस तरह आप साल में दो बार इसका उत्पादन प्राप्त करके काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
यदि आप यूपी के किसान है तो आप अमरूद की खेती पर सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर सकते हैं, क्योंकि अभी उत्तरप्रदेश सरकार की ओर से ही प्रदेश के किसानों को अमरूद की खेती पर अनुदान का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इसके लिए किसान को अपना रजिस्ट्रेशन अपने जिले के उद्यान विभाग में करना होगा। योजना से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए किसान भाई अपने स्थानीय कृषि अधिकारी या कृषि विभाग के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
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