दूध पर सब्सिडी के लिए 10 करोड़ रुपए की योजना मंजूर

Share Product प्रकाशित - 30 Nov 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

दूध पर सब्सिडी के लिए 10 करोड़ रुपए की योजना मंजूर

किसानों को दूध उत्पादन पर मिलेगा 3 रुपए प्रति लीटर अनुदान, जानें, पूरी जानकारी 

दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से पशुपालक को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए किसानों को पशु खरीदने के लिए सब्सिडी (subsidy) दी जाती है। इतना ही नहीं दूध बेचने पर किसानों को बेहतर लाभ हो, इसके लिए दूध बेचने पर भी किसानों काे प्रति लीटर की दर से सब्सिडी दी जाती है। इसी कड़ी में राज्य सरकार की ओर से पशुपालक किसानों को प्रति लीटर 3 रुपए के हिसाब से सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए राज्य सरकार ने 10 करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दी है। इस राशि का इस्तेमाल पशुपालकों को दूध पर सब्सिडी (Subsidy on milk) के लिए किया जाएगा।

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बता दें कि हर साल गर्मियों में गाय, भैंस का दूध कम हो जाता है। जबकि पशुपालक का पशु के आहार व रखरखाव पर खर्च अधिक आता है, ऐसे में इस दौरान पशुपालकों को नुकसान न हो इसके लिए राज्य सरकार की ओर से पशुपालकों को सब्सिडी देकर उनका मुनाफा बढ़ाने का प्रयास किया जाता है। राज्य सरकार का उद्देश्य प्रदेश में दूध उत्पादन को बढ़ाने के साथ ही पशुपालकों की आय में बढ़ोतरी करना है।

किन पशुपालकों को मिलेगी दूध पर सब्सिडी (Which cattle farmers will get subsidy on milk)

राज्य सरकार की ओर से दूध पर सब्सिडी (Subsidy on milk) उन पशुपालकों को दी जाएगी जिन्होंने दुग्ध सहकारी समिति के माध्यम से दूध का विक्रय किया है। इस सब्सिडी (subsidy) का लाभ उन पशुपालकों को मिलेगा जिन्होंने साल 2023 में अप्रैल से लेकर जून के बीच दूध बेचा है। इसके लिए सरकार ने 10 करोड़ रुपए की योजना को मंजूरी दी है। इस राशि से गर्मी के महीनों में दुग्ध समितियों को दूध की आपूर्ति करने वाले पशुपालकों को अनुदान दिया जाएगा।

बता दें कि राज्य में कॉम्फेड के अधीन विभिन्न दुग्ध संघों, डेयरी इकाईयों द्वारा सहकारी समितियों के माध्यम से दूध का संग्रह किया जाता है। योजना के तहत पशुपालकों को दूध पर सब्सिडी का लाभ तीन माह अप्रैल से जून महीने तक के लिए प्रदान किया जाएगा। इस तरह सहकारी समिति से जुड़े किसानों को 91 दिनों के लिए सब्सिडी का पैसा दिया जाएगा। लाभार्थी पशुपालकों को सब्सिडी का भुगतान डीबीटी (DBT) के माध्यम से किया जाएगा।

पशुपालकों ने कितना किया दूध का विक्रय (How much milk did cattle farmers sell)

राज्य के पशुपालकों ने अप्रैल से जून माह के दौरान 91 दिनों में सहकारी दुग्ध समितियों को 3.663 लाख लीटर दूध बेचा था। इन लाभार्थी किसानों को प्रति लीटर दूध पर 3 रुपए का अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए सरकार ने 9 करोड़ 99 लाख 99 हजार रुपए का प्रावधान किया है। राज्य में अभी 8 दुग्ध संघ है जिनमें करीब 27 हजार दुग्ध समितियां जुड़ी हुई हैं।

दूध पर सब्सिडी से पशुपालकों को क्या होगा लाभ (What will be the benefit to cattle farmers from subsidy on milk)

दूध पर सब्सिडी मिलने पर पशुपालकों को अतिरिक्त लाभ होगा। इससे उनको दूध का बेहतर दाम मिल सकेगा। अक्सर देखा गया है कि गर्मियों में पशु कम दूध देना शुरू कर देते हैं। गर्मी के कारण उनकी दूध देने की क्षमता कम हो जाती है, जबकि उनको खिलाने वाले चारे का दाम काफी बढ़ जाता है। इससे पशुपालकों को नुकसान होता है। दूध की लागत बढ़ जाती है जबकि उसे बेचने से पहले जितना मुनाफा नहीं हो पाता है। ऐसे में बिहार राज्य सरकार की ओर से राज्य के पशुपालक किसानों को दूध पर सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया है।

गाय खरीदने के लिए भी मिलती है सब्सिडी (Subsidy is also available to buy cow)

राज्य के किसानों को दूध विक्रय पर ही नहीं, दूध उत्पादन को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से देसी गाय खरीदने के लिए भी सब्सिडी (Subsidy) का लाभ प्रदान किया जाता है। इसके लिए बिहार सरकार की ओर से देसी गौपालन प्रोत्साहन योजना (gaupalan protsahan yojana) शुरू की गई है। इस योजना के तहत पशुपालक किसानों को देसी नस्ल की गाय जैसे- गिर, साहिवाल और थारपारकर गाय खरीदने के लिए 40 से लेकर 75 प्रतिशत तक सब्सिडी (Subsidy) दी जाती है। इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लोगों को 75 प्रतिशत एवं अन्य वर्गों को 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इस योजना के तहत दो से लेकर 20 गाय या हिफर की डेयरी शुरू करने के लिए अनुदान दिया जाता है। इस योजना के तहत दो दुधारू गाय पर 2 लाख 42 हजार रुपए, 4 गाय पर 5 लाख 20 हजार रुपए, 15 गायों पर 20 लाख रुपए और 20 गायों पर 26 लाख 70 हजार रुपए का ऋण का प्रावधान है। इस योजना का लाभ राज्य के किसान, बेरोजगार युवक-युवतियां उठा सकते हैं। इस योजना के संबंध में अधिक जानकारी के लिए किसान अपने जिले के पशुपालन विभाग से संपर्क कर सकते हैं।

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