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दिवाली तोहफा : किसानों को मिली राहत, खाते में पहुंचे 202.64 करोड़ रुपए

प्रकाशित - 06 Oct 2022

दीवाली से पहले किसानों को तोहफा, खाते में पहुंचे 202.64 करोड़ रुपए

दीवाली से पहले राज्य के किसानों के खातों में फसल नुकसान की मुआवजा राशि ट्रांसफर की गई है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लेेते हुए फसल नुकसान की मुआवजा राशि 202.64 करोड़ रुपए उनके खातों में ट्रांसफर की है। बता दें कि इस साल असामान्य मानसून के कारण हुई अति बारिश और बाढ़ से राज्य में कई जगह किसानों की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा था। ऐसे में मुख्यमंत्री ने दीवाली से पहले मुआवजा राशि जारी कर किसानों को दिवाली का तोहफा दिया है। 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस मानसून में भारी बारिश के कारण जहां शहरी क्षेत्रों में व्यवस्थाएं गड़बड़ाई, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार की ओर से सहायता पहुंचाने में कोई कमी नहीं की गई है। राज्य सरकार सदैव किसानों के साथ है। 

इन जिलों में हुआ फसल को नुकसान

इस साल असामान्य मानसून के कारण राज्य के कई जिलों में भारी बारिश से किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा था। राज्य के 19 जिलों में बाढ़ और बारिश से प्रभावित हुए थे। इसमें विदिशा, सागर, गुना, रायसेन, दमोह, हरदा, मुरैना, आगर-मालवा, बालाघाट, भोपाल, अशोकनगर, सीहोर, नर्मदापुरम, श्योपुर, छिंदवाड़ा, भिंड, राजगढ़, बैतूल और सिवनी शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने इन जिलों के किसानों के खातों में 202 करोड़ 64 लाख रुपए की सहायता राशि भेजी है। इससे राज्य के लाखों किसानों को राहत मिली है। 

मध्यप्रदेश में कितने क्षेत्र में हुआ किसानों की फसलों को नुकसान

मध्यप्रदेश में जिन जिलों में फसल को अति बारिश और बाढ़ से नुकसान पहुंचा है इसका रकबा 2 लाख 2 हजार 488 हैक्टेयर के करीब है। बता दें कि मध्यप्रदेश में करीब 151.91 लाख हैक्टेयर कृषि योग्य भूमि है। इसमें से वर्तमान में करीब 145 लाख हैक्टयर क्षेत्र में खरीफ फसलें ली जा रही हैं। 

प्रदेश के कितने किसानों को मिला फसल नुकसान का मुआवजा

अतिबारिश से मकानों को नुकसान हुआ था। इसके अलावा घरेलू सामग्री के नुकसान और पशु हानि भी हुई। इसके लिए पहले ही 43 करोड़ 87 लाख रुपए की राशि वितरित की जा चुकी है। इसके बाद अब 1 लाख 1 लाख 91 हजार 755 किसानों के खाते में सहायता राशि ट्रांसफर की गई है। किसानों के बैंक खातों में मुआवजा राशि दी गई है। फसल नुकसान मुआवजा राशि जारी करने से पहले राज्य के बाढ़ और अति बारिश प्रभावित जिलों का राजस्व, कृषि, उद्यानिकी और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों के संयुक्त दल द्वारा सर्वे कार्य किया गया था। उसके बाद किसानों को मुआवजा राशि जारी की गई है।

किसान हुए कार्यक्रम में शामिल, सीएम ने की बात

मुआवजा राशि जारी करने के अवसर पर 19 जिलों के कलेक्टर और किसान वर्चुअली शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुछ किसानों से बातचीत भी की। जिन किसानों से सीएम ने चर्चा की उनमें विदिशा जिले के मनमोहन सिंह दांगी, सागर जिले के संजीव विश्वकर्मा और गुना जिले के किसान रंगलाल शामिल हैं। लाभार्थी किसानोंं ने बताया कि इस बार सर्वे का कार्य ठीक समय पर पूरा किया गया इसलिए किसानों को मुआवजा राशि के लिए चक्कर नहीं लगाने पड़े। मुआवजा राशि समय पर मिलने पर किसानों ने खुशी जाहिर की।

पीएम फसल बीमा योजना के तहत मिलता है किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा

सरकार ने किसानों को फसल नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चल रखी है। इसके तहत किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा दिया जाता है। किसान इस योजना में बीमा करावा कर अपने लिए सुरक्षा कवच बना सकते हैं। पीएम फसल बीमा योजना के तहत बहुत ही कम दर पर किसानों का बीमा किया जाता है। इसमें खरीफ फसलों के लिए 2 प्रतिशत और रबी फसलों 1.5 प्रतिशत प्रीमियम पर बीमा किया जाता है। इसके अलावा इस योजना में बागवानी और वाणिज्यिक फसलों का बीमा भी किया जाता है। इसके लिए किसानों को 5 प्रतिशत प्रीमियम जमा कराना होता है। बाकी प्रीमियम राज्य और केंद्र सरकार की ओर से भरा जाता है। इस योजना को केंद्र सरकार ने 2016 को लागू किया था। ये योजना देश के अधिकांश राज्यों में लागू है। 

किसान कैसे ले सकते हैं इस योजना से लाभ

किसान, पीएम फसल बीमा योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराकर अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं। इसके लिए किसानों को सरकार द्वारा अधिकृत की गई बीमा कंपनियों से अपनी फसल का बीमा कराना होता है। इसमें बुवाई के बाद फसल का बीमा कराया जाता है। बीमा कंपनी को बताना होता है कि आपने अपने खेत में इस सीजन कौनसी फसल कितने क्षेत्रफल में बोई है। इसके बाद आपको प्रीमियम राशि जमा करानी होती है। यह प्रीमियम राशि अलग-अलग फसलों के लिए अलग-अलग होती है। फसल का बीमा हो जाने के बाद यदि प्राकृतिक आपदा बाढ़, बारिश, ओलावृष्टि या सूखे से फसल को नुकसान होता है तो सरकार फसल बीमा योजना के तहत किसानों को राहत प्रदान करती है। 

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