प्रकाशित - 31 Jan 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
केंद्र और राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में कार्य रही हैं। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार ने अपने-अपने स्तर पर कृषि से संबंधित योजनाएं चला रखी है। इन योजनाओं के माध्यम से किसानों को सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है ताकि उनकी खेती की लागत कम हो सके और उन्हें बेहतर मुनाफा मिल सके। इसी कड़ी में उत्तराखंड सरकार की ओर से राज्य के किसानों को सेब की खेती के लिए 80 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इच्छुक किसान उत्तराखंड सरकार की मिशन एप्पल स्कीम के तहत आवेदन करके सेब की खेती के लिए सब्सिडी का लाभ ले सकते हैँ।
बता दें कि उत्तराखंड की जलवायु सेब की खेती के लिए उपयुक्त है, क्योंकि सेब की खेती के लिए ठंडी जलवायु की आवश्यकता होती है। पहले कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में ही इसकी खेती होती थी, लेकिन अब बिहार, उत्तराखंड में भी इसकी खेती होने लगी है। आज सेब की कई ऐसी किस्में इजाद कर ली गई है जिन्हें मध्यम जलवायु में भी उगाया जा सकता है। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में आपको उत्तराखंड सरकार की मिशन एप्पल स्कीम की जानकारी दे रहे हैं।
उत्तराखंड सरकार की ओर से किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से मिशन सेब स्कीम (Mission Apple Scheme) नाम से योजना चलाई जा रही है। इसके तहत सेब का बगीचा लगाने के लिए किसानों को भारी सब्सिडी दी जा रही है। इसके लिए उत्तराखंड सरकार ने इस योजना के बजट में बढ़ोतरी कर दी है। अब किसानों को इस योजना के तहत सेब का बगीचा लगाने पर 80 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ मिल सकेगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तरखंड सरकार की ओर से मिशन सेब स्कीम के तहत किसानों को सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रह है। इस योजना के तहत किसानों को 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। उद्यान विभाग की ओर से सेब के एक बगीचे की लागत 12 लाख रुपए निर्धारित की गई है। इसका 80 प्रतिशत यानि 9.60 लाख रुपए किसानों को अनुदान दिया जाएगा। बाकी 20 प्रतिशत की राशि का इंतजाम किसान सहकारिता विभाग की दीनदयाल उपाध्याय किसान सहकारिता योजना से बिना ब्याज के ऋण ले कर पूरी कर सकते हैं।
उद्यान विभाग की ओर से सेब की खेती के तीन मॉडल प्रस्तुत किए गए हैं जिनके तहत राज्य में सेब की खेती कराई जाएगी। ये सेब की खेती के मॉडल इस प्रकार से हैं-
मिशन एप्पल स्कीम का लाभ राज्य के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले किसानों को दिया जाएगा जिनके पास 2 नाली जमीन है। इसके अलावा किसान उद्यान विभाग की ओर से पंजीकृत फर्म व नर्सरियों के अलावा हिमाचल प्रदेश से सेब की अच्छी गुणवत्ता के पौधे खरीदने के लिए स्वतंत्र हैं।
इसके अलावा उद्यान विभाग, उद्योग विभाग व सहकारिता विभाग के सहयोग से सीएसआर निधि के तहत भी सेब के 500 बगीचों की स्थापना की जाएगी। उद्यान विभाग की सेब मिशन, मुख्यमंत्री कृषि विकास के तहत चमोली, रूद्रप्रयाग, पौड़ी, बागेश्वर, चंपारण जिले में कीवी उत्पादन को बढ़ाया जाएगा।
कृषि मंत्री गणेश जोशी के मुताबिक सेब के बगीचे स्थापित करने के लिए विभाग की स्वीकृति मिलने के बाद किसान उच्च गुणवत्ता युक्त प्रजाति के पौधे पंजीकृत फर्मों व नर्सरी से खरीदने के लिए स्वतंत्र होंगे। इसके अलावा सेब का बगीचा लगाने से पहले त्रिपक्षीय समझौता किया जाएगा जिसमें किसान, विभाग और पंजीकृत फर्मों के हस्ताक्षर होंगे। किसानों को फलदार पौधे की बिक्री करने वाली फर्मों व नर्सरियों की ओर से तीन साल की गारंटी दी जाएगी। यदि पौधे की गुणवत्ता घटिया पाई जाती है तो इस पर पौधे बेचने वाली फर्म व नर्सरी संचालक के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
मिशन सेब स्कीम में आवेदन और इस योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए किसान अपने जिले के निकटतम कृषि या उद्यान विभाग से संपर्क करके इसकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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