प्रकाशित - 14 Aug 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
केंद्र सरकार की ओर से किसानों की आय बढ़ाने के लिए उन्हें विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभ दिया जा रहा है। इसी तरह राज्य सरकारें भी किसानों के लिए कई प्रकार की योजनाएं चलाकर उन्हें लाभ पहुंचा रही हैं। इसी क्रम में मध्यप्रदेश सरकार की ओर से एमपी किसान ऐप शुरू किया गया है। इस ऐप के जरिये किसान अपनी फसल का ब्योरा दर्ज कर सकेंगे। किसान इस ऐप पर अपनी फसल की जानकारी 15 अगस्त 2022 तक दर्ज करा सकते हैं।
इस जानकारी के दर्ज होने के बाद किसानों को फसल हानि, न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना, भावांतर योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना सहित कृषि ऋण लेने में आसानी होगी। प्रदेश सरकार के अनुसार इस दर्ज जानकारी का उपयोग किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में किया जाएगा।
प्रदेश सरकार द्वारा आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश और आत्मनिर्भर किसान के मंत्र को ध्यान में रखते हुए किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने किसानों के लिए मेरी गिरदावरी-मेरा अधिकार नाम से योजना चला रखी है। इस योजना के तहत किसानों को फसल की जानकारी दर्ज करानी होगी। इसके लिए एमपी पोर्टल ऐप चलाया गया है। किसान इस ऐप पर अपनी फसल की जानकारी 15 अगस्त तक दर्ज करा सकते हैं। किसान की इस जानकारी का आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एवं पटवारी से सत्यापन होगा।
किसानों की सुविधा के लिए एमपी किसान एप शुरू किया गया है। इस किसान ऐप से किसान अपनी भूमि /खेत की जानकारी, खसरा, खतौरी एवं नक्शे की प्रतिलिपि प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही बोई गई फसलों की स्वघोषणा, शासन द्वारा समय-समय पर जारी सलाह आदि तथा आधार नंबर द्वारा खाता नंबर भी लिंक कर सकते हैं।
राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि राजस्व अभिलेखों में फसल दर्ज कराने के लिए कोई भी भूमिस्वामी स्व-घोषण द्वारा अपनी भूमि पर उगाई गई फसलों की प्रविष्टि करा सकता है। भूमि स्वामी द्वारा यह स्वघोषणा आयुक्त भू-अभिलेख द्वारा इस उद्देश्य के लिए विकसित किए गए ऐप, साफ्टवेयर या अधिकृत कॉल सेंटर या निर्धारित वेबसाईट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन जमा कर की जा सकती है। यह प्रावधान खरीफ 2018 से उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
किसान ने जो ऐप में जानकारी की प्रविष्ट की है उसे वे आसानी से बदल नहीं पाएंगे। क्योंकि ये जानकारी अंतिम प्रविष्टियों के रूप में प्रदर्शित की जाएंगी। इसलिए किसान फसल की सही जानकारी इसमें दें। यदि एक बार जमींदार द्वारा स्व-घोषणा की प्रक्रिया के माध्यम से जानकारी जमा कर दी है, वह जानकारी को बदल नहीं सकता है। जानकारी को भूमि अभिलेखों में अंतिम प्रविष्टियों के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। यदि भूस्वामी सूचना में परिवर्तन करना चाहता है तो उसे कारण बताते हुए तहसीलदार को एक आवेदन प्रस्तुत करना होगा। तहसीलदार जांच कर सकता है जैसा वह उचित समझे और परिवर्तन के अनुरोध को अनुमति या अस्वीकार कर सकता है। तालिका 3 में उल्लेखित तिथियों तक किसानों द्वारा स्व-घोषणा की अनुमति होगी। इस समय सीमा के बाद, किसान स्व-घोषणा प्रस्तुत नहीं कर पाएंगे।
सरकार की ओर मेरी गिरदावरी-मेरा अधिकार नाम से योजना का संचालन किया जा रहा है। इस योजना के तहत किसान को यह सुविधा उपलब्ध करवाई गई है कि वे अपने खेत से ही स्वयं फसल की जानकारी एमपी किसान एप पर दर्ज कर अपने आप को रजिस्टर सकते हैं।
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