प्रकाशित - 17 Aug 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
आजादी के अमृत महोत्सव के बाद अब केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों को खास सौगात दी है। 17 अगस्त को आयोजित हुई केबिनेट की बैठक में केंद्र सरकार ने किसानों के हित में बड़ा फैसला किया है। लगातार बढ़ती ब्याज दर के बावजूद किसानों को सस्ती दर पर लोन मिलता रहेगा। सरकार किसानों को खेती से जुड़े कार्यों के लिए अल्पकालीन लोन मात्र 4 प्रतिशत की ब्याज दर पर उपलब्ध कराएगी। किसानों को बैंकों से सस्ती ब्याज दर पर अल्पकालीन लोन मिलता रहे, इसके लिए 1.5 प्रतिशत की ब्याज सहायता (interest subvention) देने का फैसला किया है। इसके लिए 34,856 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया गया है। केंद्र सरकार के इस फैसले से देश के उन करोड़ों किसानों को फायदा होगा जो समय पर अपना लोन चुकाते हैं। ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में आपको केबिनेट की बैठक में किसानों के लिए किए गए फैसलों की जानकारी दी गई है, तो बने रहिए ट्रैक्टर जंक्शन के साथ।
17 अगस्त बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में देश के किसान व गरीबों के कल्याण के लिए कई घोषणाएं की गई। केबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की हर नीति में गरीब और किसानों का हित पहले सोचा जाता है। केंद्र सरकार किसानों को सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में समय-समय पर वृद्धि कर रही है। खरीद को दोगुनी कर रही है। सिंचाई योजनाओं का विस्तार कर रही है। किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से समय पर फसल नुकसान का मुआवजा मिल रहा है। पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से देश के 12 करोड़ किसानों को साल में 6 हजार रुपए की आर्थिक सहायता मिल रही है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस क्रांफ्रेंस मे बताया कि केंद्र की मोदी सरकार किसानों को अल्पकालीन एग्रीकल्चर लोन किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से मुहैया कराती है। किसान केसीसी के माध्यम से 3 लाख रुपए का अल्पकालीन कृषि लोन प्राप्त कर सकता है। किसानों को इस लोन पर 7 प्रतिशत की दर से ब्याज चुकाना होता है जो अन्य लोन के मुकाबले कम होता है। अगर किसान सही समय पर इस लोन का भुगतान करता है तो उसे ब्याज दर पर 3 प्रतिशत की सहायता मिलती है। इस प्रकार किसान को मात्र 4 प्रतिशत का ब्याज चुकाना होता है। किसान यह लोन शेड्यूल कमर्शियल बैंक, आरआरबी (रीजनल रूरल बैंक), पैक्स (क्रेडिट सोसायटी), कमर्शियल बैंक और स्मॉल फाइनेंशियल बैंक से प्राप्त कर सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि मई 2020 में ब्याज दर कम थी। इसलिए बैंकों को 2 प्रतिशत की ब्याज सहायता केंद्र सरकार द्वारा नहीं दी जाती थी। यह प्रक्रिया दो साल तक जारी रही। लेकिन अब पिछले दो महीनों जून-जूलाई के दौरान रिजर्व बैंक ने तीन बार रेपो रेट में वृद्धि की है, इससे बैंक लोन महंगा हो गया है और ब्याज में छूट के कारण बैंकों पर बोझ नहीं पड़े और किसानों को सस्ती दर पर लोन मिलता रहे इसके लिए केंद्र सरकार ने ब्याज में 1.5 प्रतिशत वार्षिक छूट देने का फैसला किया है। इससे बैंकों को राहत मिलेगी और लगातार ब्याज वृद्धि का किसानों पर असर नहीं पड़ेगा। यह छूट वित्तीय वर्ष 22-23 व 23-24 तक लागू रहेगी। इसके लिए केंद्र सरकार 34 हजार 856 रुपए का बजट उपलब्ध कराएगी।
केंद्र सरकार की ओर से बैंकों और सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को कम ब्याज दर पर अल्पकालीन और दीर्घकालीन लोन दिया जाता है। इस लोन को कई किसान समय पर चुका देते हैं और जबकि काफी किसान समय पर लोन नहीं चुका पाते हैं। जो किसान समय पर लोन चुका देते हैं, उन किसानों के लिए ही ब्याज अनुदान योजना अनुदान यानी इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम का फायदा मिलता है।
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