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देवनारायण पशुपालक आवासीय योजना : सरकार ने पशुपालकों को आवंटित किए घर

प्रकाशित - 22 Jun 2022

जानें, क्या है देवनारायण आवासीय योजना और इससे कैसे मिलेगा लाभ

सरकार की ओर से किसानों, पशुपालकों और मछलीपालकों के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं के तहत किसानों को सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। कुछ योजनाएं ऐसी भी जिसमें किसानों को सीधे तौर पर उनके खातों में सहायता राशि प्रदान की जाती है। इसी कड़ी में राजस्थान सरकार की ओर से देवनारायण आवासीय योजना चलाई जा रही है। इसके तहत पशुपालकों को आवास मुहैया कराया जाता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए उन्हें सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत पशुपालकों कों रहने के लिए आवास उपलब्ध कराया जाता है। हाल ही में कोटा में पशुपालकों को इस योजना के तहत आवास आवंटित किए गए हैं। 

पूरे देश में इस तरह की अनूठी योजना

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राजस्थान सरकार ने राज्य के पशु पालकों के लिए एक अनूठी योजना शुरू की थी जिसके तहत पशुपालकों के लिए एक अलग से कस्बा बनाया गया है। इस कस्बे में पशुपालकों को घर वितरित किए जाने का काम शुरू भी किया जा चुका है। देशभर में अनूठी एवं आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित पशुपालकों के लिए पहली बार तैयार की गई देवनारायण एकीकृत आवासीय योजना में रविवार को स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कब्जा सौंपकर लाभार्थियों को गृह प्रवेश कराया। पशुपालकों के लिए दुनिया में पहली हाईटेक आवासीय योजना राजस्थान के स्वायत्त शासन मंत्री ने कहा कि देश ही नहीं विदेशों में भी पशुपालकों के लिए सभी सुविधाओं से सुसज्जित ऐसी कोई योजना देखने को नहीं मिलेगी, जहां एक साथ पशुपालकों को बसा कर उनका शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक विकास हो सके। उन्होंने कहा कि विभिन्न समस्याओं का सामना करते हुए जिस तरह से पशुपालक अपनी जिंदगी गुजार रहे थे अब उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव आएगा। 

योजना के तहत पशुपालकों को मिलेंगी ये सुविधाएं

स्वायत्त शासन मंत्री ने कहा कि भगवान देवनारायण के नाम पर पहली योजना है जो सरकार द्वारा आधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित की गई है। इसमें वर्तमान पीढ़ी के विकास के साथ पशुपालकों के बच्चों के भविष्य के लिए भी प्रावधान किए गए हैं। पशु पालकों के लिए बनाई गई इस परियोजना में अंग्रेजी माध्यम स्कूल, चिकित्सालय, दुग्ध मंडी, हाट बाजार, मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट, बायोगैस प्लांट, आवागमन के लिए बसों का संचालन जैसी सुविधाओं से पशुपालकों के जीवन में सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक विकास को पूरा किया जा सकेगा। वहीं पशुपालकों को आवास के साथ पशुबाड़े, भूसा कक्ष, बिजली, पानी, चौड़ी सडक़े, सीवरेज जैसी मूलभूत सुविधाओं सुविधाएं मिलेंगी।

क्या है देवनारायण आवासीय योजना (Devnarayan Housing Scheme)

इस योजना की घोषणा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2020 में की गई थी। 300 करोड़ की लागत से बनने वाली इस याजना का उद्देश्य कोटा शहर के पशुपालकों सुव्यवस्थित रूप से बसाना है। इस आवासीय परियोजना की आधारशिला मुख्यमंत्री द्वारा 17 अगस्त, 2020 को रखी गई थी। इसमें नगर विकास न्यास कोटा द्वारा प्रथम चरण में 738 आवासों का निर्माण पूर्ण किया जाकर 501 आवासों का आवंटन किया गया है। योजना के क्रियान्वयन के पहले शहर में विभिन्न समस्याओं का सामना कर मूलभूत सुविधाओं से वंचित दयनीय स्थिति में रह रहे पशुपालकों का सर्वे करवाया गया। साथ ही देश के अन्य प्रदेशों में चालू योजना का अध्ययन, अवलोकन कर बंधा धर्मपुरा में 105 हैक्टेयर भूमि पर देवनारायण आवासीय योजना को अत्याधुनिक सुविधाओ और हाइटैक तरीके से नगर विकास द्वारा विकसित किया गया है। देवनारायण आवासीय योजना जल्द ही देवनारायण नगर के नाम से अपनी पहचान बनाएगी। 

एक रुपए प्रति किलो की दर से खरीदा जाएगा गोबर

देवनारायण आवासीय योजना के तहत यहां के पशुपालकों से एक रुपए प्रति किलो की दर से गोबर की खरीद की जाएगी। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी। इस खरीदे गए गोबर से बायोगैस बनाने का काम किया जाएगा। बायोगैस से उत्पन्न गैस को पाइप लाइन के माध्यम से घरों में सप्लाई किया जाएगा। बायोगैस संयंत्र से गोबर के निस्तारण के साथ ही जैविक खाद का भी उत्पादन होगा। इसके साथ ही अतिरिक्त गैस उत्पादन होने पर राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड को विक्रय की जाएगी। यही नहीं 4.79 हेक्टेयर में मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित किया जा रहा हैं। प्रोसेसिंग यूनिट को शुरू होते ही पशुपालकों का दूध विक्रय की सुविधा भी उपलब्ध होगी।

15 हजार पशुओं को रखने की है व्यवस्था

इस योजना के तहत 15 हजार पशुओंं को रखने की व्यवस्था भी की गई है। इससे कोटा शहर पशुओं की समस्या से मुक्त हो सकेगा। शहर में जगह-जगह लगने वाले गोबर के ढरों से लोगों को मुक्ति मिलेगी। वहीं खुले में पशुओं को छोडऩे पर होने वाली दुर्घटनाओं पर भी लगाम लगेगी। बता दें कि कोटा शहर में बढ़ती पशु दुर्घटना के कारण सरकार की ओर से यहां देवनाराण आवासीय योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया था। 

देवनारायण आवासीय योजना की खास बातें

  • योजना में पशुपालकों के लिए 1227 बड़े आवासीय भूखंडों का प्रावधान किया गया है। 
  • इनमें से 738 आवासों का निर्माण पूर्णकर 501 पशुपालकों को आवंटन कर दिया गया है। इन भूखंडों के पिछले भाग में लगभग 40 वर्ग मीटर क्षेत्र में दो कमरे, रसोईघर, शौचालय, स्नानघर, बरामदा, चारा भंडारण की सुविधा है। 
  • भूखंड के अग्रभाग में पशुओं के लिए शेड का निर्माण किया गया है। जिसमें भूखंड के क्षेत्रफल के अनुसार 18 से 28 पशुओं के पालने की क्षमता होगी। 
  • इस योजना में आवासीय भूखंडों के अलावा डेयरी उद्योग के लिए 50, भूसे गोदाम के 14, खलचुरी व सामान्य व्यवसाय के लिए 112 भूखंडों का आवंटन किया गया है। 
  • इस योजना पर 300 करोड़ खर्च किए गए हैं। यहां शहर की कॉलोनियों और मुख्य सडक़ों के किनारे बसे 900 पशुपालकों को यहां शिफ्ट किया जाएगा। 
  • यह राजस्थान की पहली ऐसी योजना है, जिसमें पशुपालकों को उनकी मूलभूत सुविधाओं का खास ख्याल रखा जा रहा है।
  • योजना में पशुपालकों के लिए 738 आवासीय जमीन पर आवास बनाए गए हैं। पिछले भाग में 40 वर्गमीटर में 2 कमरे, किचन, वॉशरुम, बाथरुम, बरामदा, चारा स्टोर सुविधा वाले आवास बनाए गए हैं। 


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