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पीएम फसल बीमा योजना: अब एक रुपए में होगा फसलों का बीमा

प्रकाशित - 13 Mar 2023

राज्य सरकार ने की घोषणा, किसानों का बीमा प्रीमियम भरेगी सरकार जानें, पूरी जानकारी

केंद्र और राज्य सरकारों का कृषि क्षेत्र पर फोकस होने के कारण इस साल किसानों के लिए बजट में कई लाभकारी योजनाओं की घोषणाएं की गईं हैं। केंद्र सरकार के बाद अब राज्य सरकारें भी किसानों के लिए काफी लाभकारी योजनाओं का ऐलान कर रही हैं। इसी कड़ी में महाराष्ट्र सरकार ने किसानों के लिए एक बहुत ही अच्छी और राहत भरी खबर दी है। राज्य सरकार ने अपने बजट 2023-24 में किसानों को एक रुपए में फसल बीमा कराने का ऑफर दिया है। सरकार ने इस बात की घोषणा अपने बजट में की है कि राज्य के किसान अपनी फसलों का बीमा मात्र एक रुपए में करा सकते हैं। फसल बीमा का शेष प्रीमियम सरकार की ओर से भरा जाएगा। राज्य सरकार की इस घोषणा से राज्य के करोड़ों किसानों को लाभ होगा। महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले से खेती की लागत में कमी आएगी और किसानों को फसल हानि पर पूरा मुआवजा मिल सकेगा। बता दें कि फसल बीमा योजना के तहत फसलों का बीमा कराने के लिए कुल बीमा राशि के प्रीमियम 1.5 से लेकर 5 प्रतिशत तक प्रीमियम भरना होता है, इससे किसान की खेती की लागत बढ़ जाती है। अब किसान को मात्र एक रुपए ही प्रीमियम चुकाना होगा, बाकी प्रीमियम सरकार ओर से भरा जाएगा।

किसान किन फसलों का करा सकते हैं बीमा

पीएम फसल बीमा योजना के तहत अधिसूचित की गई फसलों में खरीफ की फसलों में किसान सभी खाद्यान, तिलहन फसलें, सभी मोटे अनाज ज्वार, दलहन, तिलहन फसलों का बीमा करा सकते हैं। इसी प्रकार रबी सीजन के लिए भी सभी खाद्यान फसलें और तिलहन फसलें जिसमें मोटे अनाज ज्वार, दलहन तिलहन फसलों का बीमा करा सकते हैं। इसके अलावा खरीफ और रबी की वार्षिक वाणिज्यिक या वार्षिक बागवानी फसलों का बीमा कराया जा सकता है।  

खरीफ, रबी और बागवानी फसलों पर कितना लगता है प्रीमियम

पीएम फसल बीमा योजना के तहत खरीफ सीजन की फसलों का बीमा कराने के लिए 2 प्रतिशत की दर से किसान को प्रीमियम चुकाना पड़ता है। वहीं रबी की फसलों का बीमा कराने के लिए प्रीमियम की दर 1.5 प्रतिशत निर्धारित की गई है। इसके अलावा बागवानी फसलों के लिए किसान को 5 प्रतिशत तक प्रीमियम देना पड़ता है। इस तरह अपनी फसलों का बीमा कराने के लिए किसान को अपनी जेब से पैसा देना होता है। इससे किसान की खेती की लागत बढ़ जाती है।

एक रुपए में बीमा योजना से किसानों को क्या होगा लाभ

एक रुपए में बीमा योजना की शुरूआत करने से अब राज्य के किसानों को बहुत अधिक लाभ होगा। इसका सबसे अधिक लाभ उन किसानों को होगा जो गरीब और कम आय वाले हैं। आज भी कई किसान ऐसे हैं कि आर्थिक तंगी के कारण अपनी फसलों का बीमा नहीं करा पाते हैं। ऐसे में महाराष्ट्र सरकार की एक रुपए में बीमा योजना की घोषणा राज्य के किसानों के लिए वरदान साबित होगी। इससे किसानों की खेती की लागत कम होगी और उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी।

फसलों का बीमा कराने से किसान को लाभ

किसानों को अपनी फसलों का बीमा कराने से सबसे बड़ा फायदा ये हैं कि यदि प्राकृतिक आपदा से किसान की फसल को नुकसान होता है तो नुकसान की भरवाई की जिम्मेदारी बीमा कंपनी की होती है। यदि आप अपनी फसल का बीमा कराते हैं तो आपको बीमा कवर मिलता है जिससे नुकसान की भरपाई होती है। इसके विपरित जो किसान फसलों का बीमा नहीं कराते हैं उनको पूरा नुकसान खुद उठाना पड़ता है। ऐसे में मौसम परिवर्तन के इस दौर में किसानों को अपनी फसलों का बीमा कराना चाहिए ताकि फसल खराब होने पर उन्हें नुकसान नहीं उठाना पड़े।

किसान कैसे करा सकते हैं अपनी फसलों का बीमा

जो किसान अपनी फसलों का बीमा कराने चाहते हैं वे बहुत ही आसान तरीके से अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं। इसके लिए आपको जिस बैंक से आपने लोन ले रखा है या क्रेडिट कार्ड बनवा रखा है, उस बैंक में जाकर वहां से बीमा का फॉर्म ले सकते हैं। इसके बाद इस फॉर्म को भरकर इसके साथ मांगे गए सभी कागजात अटैच करके आप इसे वापस इसी बैंक में जमा करवा दें। इस तरह आप अपनी खरीफ, रबी और बागवानी फसलों का बीमा करा सकते है।

फसल बीमा कराने के लिए किन दस्तावेजों की होती है आवश्यकता

पीएम फसल बीमा योजना में बीमा कराने के लिए किसानों को जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है, वे दस्तावेज इस प्रकार से हैं

  • आवेदन करने वाले किसान का पहचान पत्र जिसमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस (इसमें से काई एक लगा सकते हैं)
  • किसान के पते का सबूत
  • किसान का फोटो
  • किसान के खेत का खसरा नंबर, इसके लिए खसरा खतौनी की कॉपी
  • सरपंच या पटवारी से खेत में बुवाई के लिए एक पत्र

कैसे मिलेगा फसल बीमा का क्लेम

किसानों को फसल बीमा का क्लेम पाने के लिए फसल नुकसान होने के 72 घंटे के अंदर इसकी सूचना बीमा कंपनी को देनी होती है। बीमा कंपनी द्वारा अधिकृत अधिकारियों द्वारा किसान के खेत में फसलों को हुए नुकसान का सर्वे किया जाता है। यदि प्राकृतिक आपदा बारिश, आलोवृष्टि, बाढ़, तूफान से किसान की फसलों को 33 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान होता है तो फसल नुकसान की भरवाई बीमा कंपनी की ओर से की जाती है।

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