प्रकाशित - 02 Aug 2022
कृषि क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र सरकार की ओर से एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना चलाई जा रही है। इसके तहत 10,000 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। बताया जा रहा है इन रुपयो से कृषि सें संबंधित 13600 प्रोजेक्ट पर काम किया जाएगा। इससे एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती मिलेगी जिससे भारतीय कृषि का विकास होगा जिससे किसानों को लाभ होगा।
केंद्र सरकार की एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना से विभिन्न राज्यों में फल, सब्जी रखने के लिए गोदाम, कोल्ड स्टोरेज निर्माण एवं नवीनीकरण का काम किया जाएगा। इससे किसान फल, सब्जी सहित अन्य उत्पादों को सुरक्षित रख सकेंगे। इस योजना पर करीब एक लाख करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा। इस योजना के तहत किसान ग्रेडिंग, पोलीहाउस, ड्रोन व मशीनरी आदि खरीदने के लिए भी सरकार से पैसा ले सकेंगे।
इस योजना के तहत कृषि से संबंधित निर्माणों के लिए कर्ज पर छूट और ऋण गारंटी दी जाएगी। बता दें कि अभी कृषि लोन पर 3 प्रतिशत की छूट और कर्ज देने वाले बैंक को 2 करोड़ रुपए के ऋण बैंक गारंटी देने का प्रावधान है। इस योजना के तहत कृषि मंडियों के अंदर भी भंडारगृह और कोल्ड स्टोरेज निर्माण के लिए पैसा मिल सकेेगा।
इस योजना के तहत राजस्थान के लिए 747.17 करोड़ रुपए की मंजूरी केंद्र सरकार की ओर से दी गई है। इस योजना के तहत राजस्थान में कृषि विकास की दिशा में अनेक काम किए जाएंगे। इसके तहत राज्य में कुल 781 प्रोजेक्ट पर काम किया जाएगा। मीडिया रिपोट्स के अनुसार राज्य के सहकारिता रजिस्ट्रार मुक्तानंद अग्रवाल के मुताबिक कृषि क्षेत्र में आधारभूत संरचना के विकास के लिए यह योजना बनाई गई है। इस योजना के तहत प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों, विपणन सहकारी समितियों, किसानों, किसान उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, स्टार्टअप, कृषि उद्यमियों इत्यादि को पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट्स के लिए सस्ते दर पर बैंक से ऋण मिलता है। कम्युनिटी फार्मिंग असेट्स बनाने के लिए भी 3 प्रतिशत ब्याज पर अनुदान दिया जाता है। ब्याज अनुदान का लाभ 2020-21 से 2032-33 तक दिया जाना है।
रजिस्ट्रार मुक्तानंद अग्रवाल के अनुसार इस योजना के तहत मिले फंड से कई काम किए जाएंगे। इसके तहत वेयर हाउस, साईलो, कोल्ड चैन, लॉजिस्टिक सुविधा, पैक हाउस, ई-मार्केटिंग प्लेटफार्म, ग्रेडिंग एव सोर्टिंग, प्राइमरी प्रोसेसिंग सेंटर, फल पकाने के कक्ष इत्यादि इकाइयों को लाभ उपलब्ध करवाया जाएगा। वहीं सामुदायिक कृषि परियोजनाओं में आर्गेनिक इनपुट के उत्पादन की इकाइयों, स्मार्ट एवं प्रिसीजन फार्मिंग के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर पैसा खर्च किया जाएगा। इसके अलावा क्लस्टर्स में सप्लाई चैन इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाएगा। इन क्षेत्रों में पीपीपी आधारित प्रोजेक्ट्स आदि को इस योजना से लाभ मिल सकेगा।
इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का इस्तेमाल सहकारिता विभाग की देखरेख में किया जाएगा। इसके लिए सहाकारिता विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। रजिस्ट्रार के अनुसार राजस्थान सरकार की कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति 2019 के साथ एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना का समावेश किया गया है। इसमें पूंजीगत अनुदान अधिकतम 50 प्रतिशत एवं ब्याज अनुदान अधिकतम 6 प्रतिशत दिया जा रहा है। नाबार्ड की पैक्स व लैम्प्स को बहुसेवा केंद्रों में परिवर्तित करने की योजना के साथ समावेश करके इस योजनाओं का लाभ सहकारी समितियों को दिया जा रहा है।
कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अप्रैल 2020 में विभिन्न सेक्टरों के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी। इन घोषणाओं में एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रैक्टचर को भी शामिल किया गया था। इस योजना के तहत किसानों के लिए करीब एक लाख रुपए करोड़ की वित्त पोषण सुविधा यानि ऋण सुविधा की शुरुआत की गई थी। इसके लिए एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रैक्टर यानि कृषि ढांचा के विकास के लिए विशेष पैकेज की व्यवस्था की गई। इसके तहत कृषि से संबंधित ढांचागत सुविधाओं जैसे- कोल्ड स्टोरेज, प्रोसेसिंग यूनिट, वेयरहाउस, पैकेजिंग यूनिट आदि की सुविधा किसानों को उपलब्ध कराने के लिए इस फंड की व्यवस्था की गई थी ताकि उनके उत्पादों को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सके। इस योजना के तहत अलग-अलग प्रोजेक्ट अनुसार अल्प अवधि और दीर्घ अवधि का ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इस योजना में 3 प्रतिशत प्रति वर्ष की कर्जमाफी तथा दो करोड़ रुपए तक कर्ज के लिए सीजीटीएमएसई स्कीम के तहत लोन गारंटी कवरेज भी मिलता है। इस फंड की अवधि दस साल यानी 2020 से 2029 तक के लिए रखी गई है। इसके योजना के तहत इन दस सालों एक लाख करोड़ रुपए के ऋण का वितरण किया जाएगा।
इस योजना के तहत प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां, किसान उत्पादक संगठन और कृषि उद्यमी समेत बैंक और वित्तीय संस्थाओं, प्राथमिक कृषि कर्ज सोसाइटियों (पैक्स), किसानों, मार्केटिंग सहकारी समितियों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), संयुक्त जवाबदेही समूह (जेएलजी), बहुउद्देशीय सहकारी समितियों, कृषि से जुड़े स्टार्ट-अप और केन्द्रीय/राज्य एजेंसियों या सार्वजनिक-निजी साझेदारी परियोजना प्रायोजित स्थानीय निकायों इस एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रैक्टचर फंड के तहत ऋण ले सकते हैं।
ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों प्रीत ट्रैक्टर, इंडो फार्म ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।
अगर आप नए ट्रैक्टर, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।
Social Share ✖