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सूक्ष्म सिंचाई यंत्रों पर मिल रही है 90 प्रतिशत सब्सिडी, ऐसे उठाएं लाभ

प्रकाशित - 31 May 2023

जानें, सूक्ष्य सिंचाई कृषि यंत्रों पर सब्सिडी के लिए कैसे करें आवेदन

खरीफ फसलों (kharif crops) की बुवाई का सीजन आने वाला है। कुछ ही समय बाद किसान खरीफ फसलों की बुवाई शुरू कर देंगे। ऐसे में किसानों को सिंचाई (irrigation) के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी की आवश्यकता होगी। इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से किसानों को कम पानी में अधिक फसल उगाने वाली तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि बूंद-बूंद पानी का उपयोग खेती के लिए किया जा सके। बता दें कि खरीफ की फसल में बरसात नहीं होने की स्थिति में पानी की जरूरत ज्यादा होती है और इस तरह इसकी खेती में पानी की खपत भी बढ़ जाती है। ऐसे में बिहार सरकार की ओर से सूक्ष्म सिंचाई तकनीक (micro irrigation technology) के इस्तेमाल को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके तहत किसानों को ड्रिप सिंचाई व स्प्रिंकलर सिंचाई के लिए 90 प्रतिशत तक सब्सिडी (subsidy) दी जा रही है। इस तकनीक की खास बात ये है कि इसके इस्तेमाल से पानी की बचत के साथ ही खेती की लागत में भी कमी आती है जिससे किसानों को मुनाफा होता है।

सूक्ष्म सिंचाई तकनीक से बढ़ता है उत्पादन

ऐसा माना जाता है कि सूक्ष्म सिंचाई तकनीक (micro irrigation technology) के तहत ड्रिप सिंचाई (drip irrigation) व स्प्रिंकलर (sprinkler) का इस्तेमाल करने से उत्पादन अधिक होता है और खेती की लागत में भी कमी आती है। इसके अलावा पानी की बचत तो होती ही है। इन सबके कारण किसानों को लाभ होता है और उसकी आमदनी बढ़ती है।

सूक्ष्म सिंचाई से होगी 60 प्रतिशत पानी की बचत

यदि किसान अपने खेत में ड्रिप सिंचाई सिस्टम या स्प्रिंकलर सिंचाई सिस्टम लगवाते हैं तो इससे करीब 60 प्रतिशत पानी की बचत की जा सकती है। ड्रिप सिस्टम तकनीक से पानी बूंद-बूंद पौधों की जड़ों तक जाता है जिससे भूमि में नमी बनी रहती है जो फसल के लिए जरूरी होती है। वहीं स्प्रिंकलर सिंचाई सिस्टम में फसलों पर पानी बौछार के रूप में गिरता है जिससे पौधे के सभी तरफ पानी पहुंच जाता है, इससे कम पानी में अधिक पौधों की सिंचाई की जा सकती है। इस तरह ये दोनों ही सूक्ष्म सिंचाई तकनीक किसानों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो रही हैं।

ड्रिप व स्प्रिंकलर सिस्टम के लिए आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज

ड्रिप व स्प्रिंकलर सिस्टम पर सब्सिडी प्राप्त करने के लिए आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए आपको कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, ये दस्तावेज इस प्रकार से हैं-

  • आवेदन करने वाले किसान का आधार कार्ड
  • बैंक खाता विवरण इसके लिए बैंक पासबुक की कॉपी
  • जाति प्रमाण-पत्र (केवल अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए यदि लागू हो तो)
  • बिजली कनेक्शन का प्रमाण जैसे बिजली का बिल
  • किसान का मोबाइल नंबर आदि।

ड्रिप व स्प्रिंकलर सिस्टम के लिए कैसे करें आवेदन

यदि आप भी बिहार से हैं और इस योजना के तहत 90 प्रतिशत सब्सिडी पर अपने ड्रिप या स्प्रिंकलर सिंचाई सिस्टम लगवाना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले बिहार कृषि विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके लिए इसकी अधिकारिक वेबसाइट https://www.pmksy.gov.in/ आवेदन कर सकते हैं। इस योजना की अधिक जानकारी के लिए आप अपने जिले के उद्यान विभाग के कार्यालय में सहायक निदेशक उद्यान से संपर्क कर सकते हैं।

सूक्ष्म सिंचाई तकनीक की खास बातें

  • इस प्रणाली को अपनाकर यदि उर्वरक का वितरण इसके माध्यम से किया जाए तो इससे करीब 25 से 30 प्रतिशत तक उर्वरक की बचत की जा सकती है।
  • इस सिंचाई प्रणाली से फसल उत्पादन में 40 से 50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होती है। वहीं फसल की क्वालिटी भी उच्च होती है।
  • इस तकनीक के इस्तेमाल से खरपतवार में कमी आती है। इससे खरपतवार के जमाव में 60 से 70 प्रतिशत तक कमी देखी गई है। इससे मजदूरों के लागत खर्च में कमी होती है।
  • इस तकनीक का इस्तेमाल से पौधों पर रोगों का प्रकोप कम होता है।
  • इस तरह किसान इस तकनीक का इस्तेमाल करके पानी की बचत के साथ फसलों के लागत खर्च को कम करके मुनाफे में बढ़ोतरी कर सकते हैं।

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