पशु चारा की कीमतों में बेतहाशा तेजी, आपूर्ति पर लगी रोक

Share Product प्रकाशित - 25 Feb 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

पशु चारा की कीमतों में बेतहाशा तेजी, आपूर्ति पर लगी रोक

गर्मी का सीजन शुरू होने से पहले पशु चारे की कीमतों में जोरदार वृद्धि, इस राज्य के किसान सबसे ज्यादा परेशान

देश में पशुधन की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, लेकिन उनके लिए चारे की कमी से हर साल जूझना पड़ रहा है। इस बार कई राज्यों में बारिश की कमी व समय से पहले गर्मी की शुरुआत से पशु चारे का संकट खड़ा हो गया है। एक राज्य में तो हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि पशु चारे की सप्लाई पर रोक लगा दी गई है।

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यहां आपको बता दें कि 2023 के मानसून सीजन में देश के कई राज्यों में सामान्य से कम बारिश हुई है जिनमें उत्तरप्रदेश, झारखंड, बिहार, कर्नाटक, केरल, नागालैंड, मिजोरम, मणिपुर और त्रिपुरा जैसे राज्य शामिल है। वहीं 25 से ज्यादा राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में सामान्य बारिश हुई है। मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि मानसून सीजन 2023 में साउथ वेस्ट मानसून के चलते भारत में 'औसत से कम' बारिश हुई है। ऐसे में आगामी समय में गर्मी बढ़ने के साथ-साथ राज्यों में पानी और पशुचारे का संकट बढ़ सकता है।
जानिए पशु चारे की सप्लाई पर क्यों लगानी पड़ी रोक

महाराष्ट्र में पिछले 5 साल के दौरान साल 2023 में सबसे कम बारिश हुई है। बारिश की कमी के कारण खरीफ सीजन के दौरान ज्वार, बाजरा और दलहन की बुवाई कम हुई थी। उसके बाद रबी सीजन में भी बुवाई का रकबा घटा है। बारिश की कमी का असर अब पशु चारे पर दिखाई देने लगा है। महाराष्ट्र के कुछ जिलों में पशु चारे के भाव आसमान पर पहुंच रहे हैं। भविष्य में हालत बिगड़ने की संभावना के चलते प्रशासन ने पशु चारे की सप्लाई पर ही रोक लगा दी है।

पशु चारे की नीलामी में भाग नहीं ले सकेंगे बाहर के लोग

महाराष्ट्र के कई जिलों में सूखे के हालत बन गए हैं। अकोला जिले में हालात कुछ ज्यादा विकट है। जिले में चारे की कमी अभी फरवरी माह से ही शुरू हो गई है, आगामी समय में हालात ज्यादा बिगड़ने की संभावना है, इससे पशुपालक परेशान है। इस बीच अकोला प्रशासन ने जिले में उत्पादित चारा, मुर्गी फीड व टोटल मिक्स राशन ( टीएमआर) की सप्लाई पर रोक लगा दी है। अब ये सामान जिले से बाहर दूसरे जिले में नहीं जा पाएगा। साथ ही प्रशासन ने निर्देश दिया है कि बाहर के लोगों को जिले में चारा की नीलामी में शामिल होने का मौका नहीं दिया जाए। प्रशासन के इस निर्णय से जहां जिले में चारे की कमी नहीं होगी, वहीं पशुपालकों को राहत मिलेगी।

दूसरे जिले भी पशुचारे की सप्लाई पर रोक लगाने को मजबूर

महाराष्ट्र में कम बारिश का असर करीब 40 तालुका पर देखने को मिल रहा है। प्रदेश के 1021 राजस्व मंडलों सहित 244 नए राजस्व मंडलों में सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं। अकोला जिले में हालात सबसे ज्यादा बिगड़े हुए हैं। इसके अलावा कई अन्य जिले में पशुचारे की सप्लाई पर रोक लगाने को मजबूर हो रहे हैं। परभणी जिले में पशुओं के लिए चारे की कमी को देखते हुए जिला प्रशासन ने चारा, मुर्गी फीड एवं टोटल मिक्स राशन की दूसरे जिलों में सप्लाई पर रोक लगा दी है।

कीमतों में जबरदस्त तेजी, गावों में पशु चारा बहुत कम बचा

महाराष्ट्र के कई इलाकों में सूखे जैसी स्थिति घोषित कर दी गई है। बारिश की कमी व सूखे जैसे हालातों के कारण गांवों से पशु चारा गायब हो गया है, बहुत कम पशु चारा अब बचा है। अब पशुपालकों को चारा खरीदने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। ऊपर से चारे की कीमतों में कई गुना तक बढ़ोत्तरी हो गई है। पशुपालक सोयाबीन और तुरी चारा ऊंचे दामों पर खरीदने को मजबूर है। वहीं दूसरी ओर दूध की कीमतों में कोई इजाफा नहीं हुआ है। गर्मी के मौसम में दुधारू पशुओं का पालन किसानों के लिए सबसे समस्या बनने वाली है।

कृषि विभाग करेगा किसानों की मदद

महाराष्ट्र के कई इलाकों में सूखे के हालात किसी से छिपे नहीं है। जनवरी माह के दौरान ही राज्य के कई हिस्सों में सूखे जैसी स्थिति घोषित कर दी गई थी। गर्मी का सीजन शुरू होने के साथ ही पशु चारा की कमी लगातार बढ़ रही है। राज्य में इस बार मूंग, उड़द, ज्वार, सोयाबीन और अरहर की बुवाई कम हुई थी, जिसका असर अब पशु चारे पर दिख रहा है। किसानों की परेशानी को समझते हुए कृषि विभाग ने चारा उत्पादन में कृषि विभाग की मदद लेने की अपील की है।  

मजबूरी में खरीद रहे महंगा चारा

पशुपालकों का कहना है कि हर साल गर्मी में पशुओं की दूध उत्पादन क्षमता घट जाती है जबकि उन्हें चारा नियमित खुराक के अनुसार ही खिलाना पड़ता है। इस बार पशुओं को महंगा चारा खिलाना पड़ेगा। ऐसे में उन पर महंगा चारा और कम दूध उत्पादन की दोहरी मार पड़ रही है। पशुओं के लिए दूर से चारा लाने के कारण खर्चा बढ़ गया है।

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