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तीतर पालन: लाइसेंस लेकर करें तीतर पालन, सर्दियों में कमाएं बंपर मुनाफा

प्रकाशित - 24 Dec 2022

तीतर पालन से होगी बंपर कमाई, मुर्गी पालन से भी ज्यादा मिलेगा लाभ, जानें, पूरी जानकारी

देश के ज्यादातर पशुपालक किसान गाय-भैंस-मुर्गी या फिर बकरी को पालने का काम करते हैं। लेकिन तीतर पालन करके आप ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। तीतर एक प्रकार का पक्षी है जिसे लोग बड़े चाव से खाते हैं। भारत समेत पूरी दुनिया में इसके मांस को खाने के तौर पर पसंद किया जाता है। तीतर की सबसे खास बात यह है कि यह पक्षी सालभर में 300 से ज्यादा अंडे देता है। हालांकि, तीतर पालन का व्यापार आप गाय- भैंस व मुर्गी पालन के व्यापार की तरह आसानी से नहीं कर सकते। अगर आप तीतर पालन का व्यापार करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको सरकार से इसके लिए लाइसेंस लेना होगा। उसके बाद ही आप तीतर पालन का व्यापार कर सकते हैं। सर्दी के मौसम में तीतर के मांग व अंडे की अधिक मांग रहती है और दाम भी ज्यादा मिलते हैं। किसान भाईयों आज ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट के माध्यम से तीतर पालन व्यापार से जुड़ी सभी जानकारियां आपके साथ साझा करेंगे।

तीतर पक्षी का शिकार है प्रतिबंधित

तीतर एक ऐसी पक्षी है जो भारत में तेजी से विलुप्त हो रहा है। यही कारण है कि सरकार ने वन्य जीव संरक्षण कानून 1972 के तहत इसके शिकार पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जो किसान तीतर पालने के शौकीन हैं या तीतर का व्यापार करना चाहते हैं उन्हें इसके लिए सरकार से लाइसेंस लेना पड़ता है। अगर आप बिना लाइसेंस के तीतर पालन करते हैं तो यह कानूनी अपराध माना जाता है और आपको इसके लिए सजा भी हो सकती है।

40 से 50 दिनों में तीतर अंडे देना शुरू कर देती है

तीतर पक्षी कितना ज्यादा मुनाफा दे सकती है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि यह अपने जन्म के 40 से 50 दिनों के बाद ही अंडे देना शुरु कर देती है। तीतर पक्षी के अंडे मुर्गियों के अंडों की तुलना में कई गुना ज्यादा कीमत पर बिकते हैं। डॉक्टर भी कई बीमारियों में तीतर के अंडे खाने की सलाह देते हैं, क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट और मिनरल्स पाये जाते हैं।

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तीतर पक्षी का पालन ऐसे करें

तीतर के पक्षी का पालन करने से पहले आपको तीतर से जुड़ी कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना बेहद जरुरी होता है। जैसे कि उनके लिए भोजन का विशेष ख्याल रखना पड़ता है। समय-समय पर उन्हें भरपूर मात्रा में पोषण युक्त भोजन देना होता है। क्योंकि इसी आधार पर मादा तीतर अंडे देती है। मादा तीतर की अंडा देने की अवधि लगभग 28 दिन की होती है। इसके अतिरिक्त एक मादा तीतर 10 से 15 अंडे एक साथ तक दे सकती है। अगर स्वस्थ मादा का स्वस्थ अंडा होगा तो उतने ही स्वस्थ और सेहतमंद तीतर के पक्षी होंगे। इसके अलावा स्वस्थ अंडे की प्रक्रिया कृत्रिम तरीके से भी की जाती है, लेकिन इसके लिए इनक्यूबेटर का उपयोग किया जाता है। अंडे से निकलने के बाद इन चूजों का ध्यान व पालन-पोषण बहुत ही सावधानी से करना होता है, क्योंकि तीतर पक्षी के चूजे की मौत सबसे अधिक भुखमरी की वजह से होती है, इसलिए इनके खाने और दाना-पानी का खास ख्याल रखना होता है।

बाजार में छोटे तीतर पक्षी के चूजों की अधिक मांग

बाजार में छोटे तीतर के बच्चों की मांग सबसे अधिक होती है, क्योंकि इनके मांस में बच्चों के लिए पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है और चूजे सेहतमंद भी होते हैं। इसके अलावा तीतर घर व रसोई से निकलने वाले छोटे कीड़ों, केंचुओं और दीमकों को खा जाते हैं। इस सब से चूजों के लिए प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत होते हैं।

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कम पैसे लगाकर शुरु कर सकते हैं तीतर पालन व्यापार

मुर्गी पालन व्यापार की तरह आपको तीतर पक्षी के पालन व्यापार में बहुत ज्यादा पैसे लगाने की जरूरत नहीं होती है। आप बेहद कम पैसे लगाकर तीतर पालन का व्यापार शुरू कर सकते हैं। सबसे बड़ी बात कि अगर आपके पास थोड़ी सी जमीन है और बेहद कम पैसे हैं तो आप 4 से 5 तीतर लाकर उन्हें पालकर इनका व्यापार शुरू कर सकते हैं। अंडों के साथ-साथ तीतर का मीट बाजार में मुर्गे के मीट से कई गुना ज्यादा महंगा बिकता है।

तीतर पक्षी के मांस से बाजार में कमाई (Pheasant Farming)

अगर आप चिकन का मांस खाते हैं, तो आपको पता होगा की चिकन का मांस बहुत भारी होता है, लेकिन तीतर व इनके चूजों का मांस बहुत ही पतला होता है। इसीलिए बाजार में तीतर के मांस की मांग अधिक है। तीतर पक्षी के मांस में प्रति 100 ग्राम में 24 प्रतिशत प्रोटीन, 6 प्रतिशत वसा और 162 कैलोरी ऊर्जा पाई जाती है, साथ ही इसके मांस में पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, लौह पदार्थ, सेलेनियम, जिंक और सोडियम भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा इसमें विटामिन बी6, बी12 भी होता है। अगर अब बात करें कमाई की तो बाजार में तीतर को वजन के हिसाब से बेचा जाता है। तीतर का औसत वजन 300 ग्राम होता है। एक तीतर पक्षी को बाजार में 300 से 500 रुपये तक आराम से बेच सकते हैं।

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