प्रकाशित - 15 Dec 2023
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
गेहूं के कीमतों में लगातार उछाल देखने को मिल रहा है। गेहूं के बाजार भाव एमएसपी से दाेगुना हो गए हैं। देश की प्रमुख मंडियों के भावों पर नजर डाले तो गेहूं के भाव लगभग सभी मंडियों में एमएसपी से ऊपर बने हुए हैं। पिछले दिनों कर्नाटक की शिमोगा मंडी में गेहूं का भाव एमएसपी से दुगुना देखा गया। यहां गेहूं का भाव 4200 रुपए के स्तर को छू गया जो अब तक का सबसे ऊंचा भाव है। इस तरह इस समय गेहूं के भाव पिछले आठ महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं।
इस रिकार्ड तेजी के पीछे वजह यह बताई जा रही है कि बाजार में गेहूं की मांग के मुकाबले कम मात्रा में गेहूं की आवक हो रही है, इसलिए गेहूं के भाव बढ़ रहे हैं। हालांकि सरकार गेहूं के भावों को कम करने के प्रयास कर रही है। सरकार ने गेहूं के भाव कम करने के लिए इसके निर्यात पर रोक लगा रखी है, इसके बावजूद गेहूं के भावों में लगातार तेजी बनी हुई है। ऐसे में किसानों को देश की विभिन्न मंडियों में चल रहे गेहूं के भावों की जानकारी होना जरूरी है। इन बढ़ी हुई कीमतों का लाभ उन किसानों को मिल रहा है जिन्होंने अपनी उपज रोककर रखी है।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको देश की प्रमुख मंडियों में गेहूं के भाव, आगे गेहूं को लेकर बाजार का क्या रूख रहेगा और भाव में तेजी बनी रहेगी या फिर गिरावट आएगी आदि बातों के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
केंद्रीय कृषि व किसान व किसान कल्याण मंत्रालय के https://agmarknet.gov.in/ पोर्टल के मुताबिक, पिछले दिनों कर्नाटक की शिमोगा मंडी में सुपर फाइन किस्म के गेहूं के न्यूनतम भाव 3800 रुपए और अधिकतम भाव 4200 रुपए प्रति क्विंटल रहे। यदि बात करें मध्य भारत की तो मध्यप्रदेश में यहां गेहूं का सबसे अधिक रेट शामगढ़ मंडी में 3120 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है। इसी प्रकार देश की अन्य मंडियों में एमएसपी से ऊपर गेहूं के भाव चल रहे हैं। बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से साल 2023-24 के गेहूं का एमएसपी 2275 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया हुआ है। देश के गेहूं उत्पादक राज्यों की प्रमुख मंडियों में गेहूं के भाव इस प्रकार रहे।
बाजार एक्सपर्ट्स की मानें, तो इस साल गेहूं के भाव एमएसपी से ऊपर बने रहेंगे और आने वाले समय में गेहूं के भावों में और उछाल आ सकता है। वहीं व्यापारियों का कहना है कि गेहूं के भावों में बढ़ोतरी कम आवक के कारण हो रही है। मंडी में गेहूं की आवक घट गई है। हालांकि गेहूं की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार ने इसके निर्यात पर रोक लगा रखी है जिसका कोई फायदा नजर नहीं आ रहा है। उनका कहना है कि जब तक बाजार में गेहूं की नई फसल नहीं आ जाती है तब तक गेहूं के दाम तेज ही रहेंगे। बता दें कि गेहूं की नई फसल अप्रैल में आएगी तब तक गेहूं के भाव कम होते दिखाई नहीं दे रहे हैं।
नोट : किसान भाइयों को सलाह दी जाती है कि वह अपनी गेहूं की फसल बेचने से पहले अपनी निकटतम मंडी से भाव की जानकारी अवश्य कर लें और उसी के अनुसार फसल का विक्रय करें, क्योंकि मंडियों में जिंसों के भावों में प्रतिदिन उतार-चढ़ाव होता रहता है।
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