खरबूजे की इन टॉप 5 किस्मों से होगी बेहतर कमाई

Share Product प्रकाशित - 25 Mar 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

खरबूजे की इन टॉप 5 किस्मों से होगी बेहतर कमाई

जानें, कौनसी है खरबूजे की यह किस्में और इनसे कितना मिल सकता है लाभ

किसान धान, गेहूं, चना, मक्का जैसी फसलों की खेती के साथ फल, सब्जियों की खेती से भी अपनी आय बढ़ा सकते हैं। गर्मी के मौसम में तरबूज, खरबूजों की मांग बहुत होती है और इसके बाजार में बेहतर भाव भी मिल जाते हैं। इसे देखते हुए खरबूजे की खेती किसानों के लिए लाभ का सौदा साबित हो सकती है। 

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गेहूं की कटाई मार्च-अप्रैल में होने के बाद खेत खाली जा जाएंगे। ऐसे में खाली खेत में किसान खरबूजे की खेती करके बेहतर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप भी खरबूजे की खेती करने की सोच रहे हैं तो आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको खरबूजे की टॉप 5 किस्मों की जानकारी दे रहे हैं जो आपको बेतहर कमाई दे सकती हैं। 

खरबूजे की पंजाब सुनहरी किस्म (punjab golden variety of melon)

इस किस्म का खरबूजा रसदार होता है। इसके फल गोलाकार व हल्के पीले रंग के होते हैं। इस किस्म के फल का गूदा नारंगी रंग का होता है।

खरबूजे की शरबती (एस-445) किस्म (Sharbati (S-445) variety of melon)

खरबूजे की इस किस्म के फल गोल, मध्यम आकार के होते हैं। इस किस्म के खरबूजे के छिल्के हल्के गुलाबी रंग के होते हैं। इसका गूदा मोटा व नारंगी होता है।

खरबूजे की हरा मधु किस्म (Green honeydew variety of melon)

खरबूजे की इस किस्म के फल हल्के पीले रंग के होते हैं। इसका गूदा बेहद रसीला होता है। इस किस्म के फल पर भी हरे रंग की धारियां होती है।

खरबूजे की आईवीएमएम.3 किस्म (IVMM.3 variety of melon)

खरबूजे की यह किस्म नारंगी रंग की होती है और इसका गुदा मीठा होता है। इस किस्म के खरबूजे का रंग हल्का पीला होता है। इस किस्म के खरबूजे का औसत वजन करीब 500 से 600 ग्राम होता है।

खरबूजे की मधुरस किस्म (sweet variety of melon)

खरबूजे की इस किस्म के फल गहरे हरे रंग के होते हैं। इसके फल गोल और चपटे होते हें। इसका गुदा नारंगी रंग का होता है। इस किस्म के फल का औसत वजन 700 ग्राम तक होता है।

खरबूजे की बुवाई का तरीका (Melon sowing method)

किसान इसकी बुवाई मार्च में कर सकते हैं। खरबूजे की बुवाई के लिए 30 से 40 सेमी चौड़ी नालियां बनाई जाती है और बीज की बुवाई नाली के किनारे मेड़ों पर 50 से 60 सेमी की दूरी पर करनी चाहिए। बुवाई के सवा से ढाई महीने में खरबूजे की फसल तैयार हो जाती है।  

खरबूजे की खेती के लिए कितनी मिलती है सब्सिडी (How much subsidy is given for melon cultivation)

ग्रीष्मकालीन खरबूजे की खेती के लिए मध्यप्रदेश में किसानों को सब्सिडी (subsidy) दी जाती है। इसके लिए विभाग द्वारा 0.200 हैक्टेयर में इकाई लागत 10 हजार रुपए निर्धारित है। जिस पर 35 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। ऐसे में किसानों को खरबूजे की खेती के लिए सरकार से 3500 रुपए की सब्सिडी मिलती है।

खरबूजे की खेती से कितना हो सकता है लाभ (How much profit can be made from melon cultivation)

खरबूजे की खेती से किसान को काफी अच्छा लाभ मिल सकता है। एक अनुमान के मुताबिक खरबूजे की खेती पर कुल खर्च 13,000 रुपए प्रति हैक्टेयर आता है। एक हैक्टेयर में खरबूजे के 6 क्विंटल बीज का उत्पादन होता है। खरबूजे का एक क्विंटल बीज करीब 15,000 रुपए में बिकता है। ऐसे में खरबूजे का 6 क्विंटल बीज 90,000 रुपए में बिकता है। इस तरह किसान खर्चा निकालकर सिर्फ खरबूजे के बीज बेचकर ही 77,000 रुपए का शुद्ध मुनाफा कमा सकता है। 

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